जोधपुर, दिव्य राष्ट्/ जीत मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जेएमसीएच) की ओर से ‘गुड क्लिनिकल प्रेक्टिसेज’ विषय पर वर्कशॉप आयोजित की गई। पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ व राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, पाली के सहयोग से हुई इस वर्कशॉप में विभिन्न संस्थानों के फैकल्टी मेंबर्स व क्लिनिकल रिसर्चर्स शामिल हुए। जेएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ. दीपक वर्मा ने बताया कि क्लिनिकल ट्रायल्स में अंतरराष्ट्रीय व भारतीय मानकों पर आधारित रेगुलेटरी आवश्यकताओं व नैतिक मानकों को मजबूत बनाने के उद्देश्य से इसका आयोजन किया गया।
राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, पाली की प्रोफेसर व फार्माकोलॉजी प्रमुख डॉ. प्रियंका कुमावत (राजस्थान गौरव पुरस्कार विजेता) ने अपने वैज्ञानिक सत्र में क्लिनिकल ट्रायल्स के ऐतिहासिक विकास की जानकारी दी। उन्होंने आईसीएच व भारतीय गुड क्लिनिकल प्रेक्टिसेज के मूल सिद्धांतों के बारे में बताया। पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के फार्माकोलॉजी के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. अजय प्रकाश ने रोबस्ट स्टडी डिजाइन पर बात की और डेटा क्वालिटी व प्रतिभागियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में प्रायोजक की भूमिका पर प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने पोस्ट-मार्केटिंग सर्विलेंस में वर्तमान दुनिया के साक्ष्यों को भी रेखांकित किया।
पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के फार्माकोलॉजी के प्रोफेसर प्रो. बिकाश मेधी ने भारत के नए ड्रग्स एवं क्लिनिकल ट्रायल रूल्स (एनडीसीटी-2019) की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बायोमेडिकल रिसर्च के लिए आईसीएमआर दिशा-निर्देशों पर बात की, जिसमें नैतिक सुरक्षा, जोखिम-लाभ मूल्यांकन और लोगों की सुरक्षा पर विशेष फोकस किया गया। प्रो. मेधी ने संस्थागत नैतिकता समितियों के गठन व कार्यों पर आधारित शैक्षणिक सत्र का नेतृत्व किया।
आयोजन सचिव डॉ. महिमा खत्री ने बताया कि इस वर्कशॉप से सभी प्रतिभागियों को अपने संस्थानों व अध्ययनों में गुड क्लिनिकल प्रेक्टिसेज के उच्चतम मानकों को लागू करने से संबंधित आवश्यक जानकारी प्राप्त हुई।