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एयू ने अपने सफर के 30 वें वर्ष में प्रवेश किया

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एयू अपने सफर के 30वें वर्ष में प्रवेश करते हुए अत्यंत हर्षित है। 1996 में एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के रूप में साधारण शुरुआत से लेकर आज समावेशी बैंकिंग का एक विश्वसनीय नाम बनने तक, एयू एक सच्चे इन्क्लूजिव फाइनेंशियल इकोसिस्टम के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध रहा है। बैंक की 30 वर्षों की यह यात्रा — जिसमें 8 वर्ष एक स्मॉल फाइनेंस बैंक के रूप में शामिल हैं — दृढ़ता, दूरदर्शिता और एक ऐसी संस्था के निर्माण के प्रति गहरे समर्पण का प्रमाण है, जो पीढ़ियों तक सशक्त बनी रहे — “एयू फॉरेवर”।

एयू की कहानी 1996 में जयपुर से शुरू हुई, जब इसका उद्देश्य पारंपरिक बैंकिंग से उपेक्षित लोगों तक वित्तीय सेवाएं पहुंचाना था। वंचित वर्गों की सेवा कर और समुदायों को सशक्त बनाकर, एयू ने आकांक्षाओं को उपलब्धियों में बदला, और विकास व प्रगति को बढ़ावा दिया।

इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव 2017 में एयू का स्मॉल फाइनेंस बैंक में रूपांतरण था, जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) से अनुसूचित बैंक का दर्जा भी प्राप्त हुआ।

एयू की यात्रा के प्रमुख चरण:

  • प्रारंभिक वर्ष (1996–2015): एयू ने जयपुर से वंचित समुदायों को वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हुए शुरुआत की, और एक प्रतिष्ठित एनबीएफसी– एयू फाइनेंशियल्स के रूप में स्थापित हुआ। संस्था की मजबूत नींव, अटूट ईमानदारी और ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण ने इसे भरोसेमंद संस्था की पहचान दिलाई।
  • स्मॉल फाइनेंस बैंक में परिवर्तन (2015–2017): एयू फाइनेंसर्स को भारतीय रिज़र्व बैंक से स्मॉल फाइनेंस बैंक में रूपांतरण हेतु सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त हुई। अप्रैल 2017 में एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक (एयू एसएफबी) ने अपने संचालन की शुरुआत की।
  • रणनीतिक विकास: एयू एसएफबी ने अपने जमा उत्पादों में उद्योग-प्रमुख नवाचार किए, जैसे मासिक ब्याज भुगतान, कागज़-रहित नकद निकासी प्रक्रिया, जमा पर उच्च रिटर्न आदि। बैंक ने एचएनआई और यूएचएनआई ग्राहकों के लिए एयू इटर्निटीऔर एयू आईवीजैसे प्रीमियम बैंकिंग प्रोग्राम भी लॉन्च किए। खुदरा पेशकश को मजबूत करते हुए, बैंक ने कई प्रकार के क्रेडिट कार्ड लॉन्च किए और अधिकृत डीलर (एडी) श्रेणी-I का लाइसेंस प्राप्त किया।
  • फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक के साथ विलय: भारतीय बैंकिंग इतिहास में सबसे तेज़ विलयों में से एक को पूरा करते हुए एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक ने फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक के साथ विलय कर अपने राष्ट्रीय विस्तार को तेज़ किया और इनोवेशन, इन्क्लूजन व परिवर्तनकारी विकास के अपने मिशन को आगे बढ़ाया।
  • यूनिवर्सल बैंकिंग की आकांक्षा: एयू एसएफबी ने स्वैच्छिक रूप से यूनिवर्सल बैंक बनने के लिए आवेदन किया है, जो इसकी निरंतर प्रगति और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के अनुरूप है। इससे ग्राहक सेवाओं और परिचालन लचीलापन और बेहतर होने की संभावना है।

पिछले तीन दशकों में एयू एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन में विकसित हुआ है, जो भारत के वंचित क्षेत्रों तक औपचारिक वित्तीय सेवाएं पहुंचा रहा है। प्रगति और उद्देश्य के संतुलन की विचारधारा में निहित एयू स्थिर और भविष्य-उन्मुख विकास को बढ़ावा देता है। ग्रीन फिक्स्ड डिपॉज़िट्स जैसे इनोवेटिव समाधानों के माध्यम से यह ग्राहकों को जिम्मेदारी के साथ निवेश के विकल्प प्रदान करता है। तकनीक के उपयोग से एयू की इन्क्लूजिव बैंकिंग को और अधिक सशक्त बनाया गया है, जिसमें सहज डिजिटल बैंकिंग, सुरक्षित वीडियो बैंकिंग और व्यक्तियों, एमएसएमई व कॉर्पोरेट्स के लिए कस्टमाइज्ड समाधान शामिल हैं। यह समग्र दृष्टिकोण ग्राहकों को हर कदम पर सहयोग और सशक्तिकरण सुनिश्चित करता है।

एयू की इस यात्रा का मार्गदर्शन तीन मूल्यों — समझदारी, ईमानदारी और ज़िम्मेदारी — ने किया है। संस्था अपने सीएसआर विंग एयू फाउंडेशन के माध्यम से समुदायों को सशक्त बनाकर समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

31 दिसंबर 2024 तक एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक (एयू एसएफबी) 21 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों में 2,400 टचप्वाइंट्स के माध्यम से 1.1 करोड़ से अधिक ग्राहकों को सेवा दे रहा है। 49,000+ कर्मचारियों की मजबूत टीम के साथ बैंक का ₹1.43 लाख करोड़ का बैलेंस शीट आकार, ₹1.12 लाख करोड़ की जमा राशि, ₹1.08 लाख करोड़ का ऋण पोर्टफोलियो, और ₹16,602 करोड़ की शेयरधारकों की पूंजी है। बैंक को प्रमुख निवेशकों का भरोसा प्राप्त है और इसे प्रमुख रेटिंग एजेंसियों से ‘एए’ और ‘एए+/स्टेबल’ जैसी उच्च क्रेडिट रेटिंग प्राप्त है।

एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक के संस्थापक, प्रबंध निदेशक और सीईओ संजय अग्रवाल ने कहा, “हम उन सभी का दिल से आभार व्यक्त करते हैं जो इस अद्भुत यात्रा का हिस्सा रहे हैं। राजस्थान में हमारी छोटी-सी शुरुआत से लेकर आज एक राष्ट्रीय संस्था बनने तक की यह यात्रा सभी सहयोगियों की कड़ी मेहनत, विश्वास और समर्थन का परिणाम है।”

उन्होंने आगे कहा, “आगे बढ़ते हुए हमारा फोकस इन्क्लूजिव विकास को बढ़ावा देने पर बना रहेगा। एयू फाउंडेशन के माध्यम से हम समुदायों को सशक्त बनाने और सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अपने मूल्यों के प्रति समर्पण के साथ, हमने स्वैच्छिक रूप से यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया है, ताकि हम उसी उद्देश्य और संवेदनशीलता के साथ आगे बढ़ें, जिसने हमें अब तक मार्गदर्शन दिया है।”

8 वर्षों के बैंकिंग अनुभव के साथ एयू अपने 30वें वर्ष में अपनी मूल भावना में रच-बसकर, आत्मविश्वास के साथ भविष्य की ओर अग्रसर है।

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