Home न्यूज़ इनडीड के सर्वे में सामने आया कि भारत में 2027 तक लाखों...

इनडीड के सर्वे में सामने आया कि भारत में 2027 तक लाखों ब्लू-कॉलर कर्मियों की मांग होगी

139 views
0
Google search engine

इस वृद्धि में क्विक कॉमर्स का महत्वपूर्ण योगदान होगा

नई दिल्ली,, दिव्यराष्ट्र/ भारतः ग्लोबल मैचिंग और हायरिंग प्लेटफॉर्म, इनडीड ने अपने नए सर्वे के परिणाम जारी किए हैं, जिसमें भारत के ब्लू-कॉलर जॉब मार्केट में हो रहे बड़े परिवर्तन सामने आए हैं। सर्वे में सामने आया कि भारत में विभिन्न उद्योगों में 2.43 मिलियन ब्लू-कॉलर कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। अकेले क्विक कॉमर्स सेक्टर में सबसे आगे रहते हुए पाँच लाख नई नौकरियों का सृजन होगा।
इनडीड इंडिया में हेड ऑफ सेल्स, शशि कुमार ने कहा, ‘‘पाँच साल पहले तक 10 मिनट में डिलीवरी के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। क्विक कॉमर्स ने इसे संभव बना दिया है, जिसमें लोगों और टेक्नोलॉजी की अहम भूमिका है। क्विक कॉमर्स केवल सुविधा नहीं बढ़ाता है, बल्कि यह करियर, अवसरों और सस्टेनेबल कार्यबल का निर्माण भी करता है। हर नया डिलीवरी ड्राईवर या वेयरहाउस वर्कर परिवर्तन की एक कहानी का प्रतिनिधित्व करता है, और दीर्घकालिक रोजगार पेश करता है, जिससे लाखों परिवारों को आजीविका मिलती है।’’
क्विक कॉमर्स में ब्लू-कॉलर कर्मचारियों की बढ़ती जरूरत
इनडीड के सर्वे में सामने आया कि क्विक कॉमर्स उद्योग में पिछली तिमाही (अक्टूबर 2024 – दिसंबर 2024) में त्योहारों की शॉपिंग तथा ई-कॉमर्स की मांग संभालने के लिए लगभग 40,000 कर्मचारियों को नौकरी पर रखा गया। उद्योग में तेजी से बढ़ते ऑपरेशंस संभालने के लिए डिलीवरी ड्राईवर, रिटेल स्टाफ, वेयरहाउस एसोसिएट, और लॉजिस्टिक्स को-ऑर्डिनेटर्स की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई।
चेन्नई, पुणे, बैंगलोर, मुंबई और दिल्ली जैसे टियर 1 शहरों में क्विक कॉमर्स बढ़ने के साथ काफ़ी ज़्यादा नियुक्ति गतिविधियाँ देखी जा रही हैं। चंडीगढ़ और अहमदाबाद जैसे टियर 2 शहरों में भी नौकरियाँ बढ़ीं, जिससे विकसित होते हुए शहरों में क्विक कॉमर्स की बढ़ती पहुँच प्रदर्शित होती है।
विभिन्न सेक्टर्स में नौकरियों की वृद्धि
नौकरियों के सृजन में जहाँ क्विक कॉमर्स महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, वहीं लॉजिस्टिक्स, मैनुफैक्चरिंग, और पारंपरिक ई-कॉमर्स जैसे सेक्टर्स में भी ब्लू कॉलर कर्मचारियों की मांग बढ़ी है। हालाँकि क्विक कॉमर्स की स्पीड, स्केलेबिलिटी एवं टेक्नोलॉजी पर निर्भरता के कारण यह सबसे खास है, जिसकी मदद से पीक सीज़न में भी तेजी से नियुक्तियाँ और प्रशिक्षण संभव हो सके हैं।
अंतिम छोर तक डिलीवरी, वेयरहाउसिंग, एवं अन्य लॉजिस्टिकल भूमिकाओं पर ध्यान केंद्रित करके क्विक कॉमर्स भारत के विकसित होते हुए नौकरी के बाजार में नौकरियों के मुख्य निर्माता के रूप में स्थापित हो रहा है।
भविष्य की मांग के लिए कौशलों का निर्माण*
इस सर्वे में क्विक कॉमर्स की भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए स्किल डेवलपमेंट पर बढ़ता जोर प्रदर्शित होता है। नियोक्ता जी पाँच कौशलों को प्राथमिकता दे रहे हैं, वो नैविगेशन और ड्राइविंग, डिजिटल साक्षरता, डेटा एनालिसिस, मैनेजमेंट और टेक सपोर्ट हैं ताकि कार्यबल की एफिशियंसी और स्केलेबिलिटी बढ़ाई जा सके। ऑटोमेशन और डिजिटल टूल्स को अपनाने से इन भूमिकाओं के लिए आवश्यक कौशलों को आकार मिल रहा है।
कौशल की कमी को दूर करने के लिए कई क्विक कॉमर्स कंपनियाँ प्रशिक्षण कार्यक्रमों में निवेश कर रही हैं ताकि कर्मचारियों को टेक्नोलॉजी के एडॉप्शन, कस्टमर सेवा, और ऑपरेशंस मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में कौशल प्रदान किया जा सके। कौशल निर्माण में इस निवेश का उद्देश्य टेक-संचालित वातावरण का विकास करना और कर्मचारियों के करियर का दीर्घकालिक विकास करना है।”
मजबूत कौशल, उचित प्रशिक्षण और ऑन-द-गो लर्निंग के साथ, क्विक कॉमर्स कर्मचारियों को विकास के बढ़ते अवसर प्रदान कर रहा है। उन्हें सीनियर पदों पर जाने के अवसर मिल रहे हैं। जैसे डिलीवरी ड्राइवर पदोन्नत होकर मैनेजर या लॉजिस्टिक कोऑर्डिनेटर बन सकते हैं, वहीं वेयरहाउस वर्कर अपना कौशल बढ़ाकर बड़ी टीमों को मैनेज तथा ऑपरेशंस ऑप्टिमाइज़ कर सकते हैं।
वेतन एवं भत्ते
बढ़ते क्विक कॉमर्स उद्योग में ग्राहकों की मांग को पूरा करने में कर्मचारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, खासकर तब, जब मांग पीक पर हो। कंपनियाँ ख़ासकर डिलीवरी और रिटेल के लिए ब्लू-कॉलर कर्मचारियों को बेहतरीन पैकेज और विभिन्न भत्ते देकर उन्हें बनाए रखने की कोशिश करती हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here