Home न्यूज़ हिन्दू तिथि से मनाया जयपुर स्थापना दिवस ‘जैपुर री बात’

हिन्दू तिथि से मनाया जयपुर स्थापना दिवस ‘जैपुर री बात’

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जयपुर, दिव्यराष्ट्र/ विचारक समूह यू थिंक द्वारा हिंदू तिथि के अनुसार जयपुर स्थापना दिवस के उपलक्ष में जैपुर री बात टॉक शो आयोजित किया गया। कार्यक्रम किशनपोल बाजार के विरासत संग्रहालय में आयोजित हुआ। इस दौरान मुख्य अतिथि विशेषज्ञ के रूप में ब्लू पॉटरी के जाने माने हस्तशिल्प शिल्प गुरु गोपाल सैनी व इतिहासकार सियाशरण लश्करी रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में यू थिंक की सदस्य शरद अग्रवाल द्वारा स्वागत उद्बोधन के बाद अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया।
टॉक शो के मॉडरेटर विनीश अग्रवाल रहें। कार्यक्रम की शुरुआत में गोपाल सैनी ने ब्लू पॉटरी पर बात करते हुए कहा कि मनुष्य ने सभ्यता की ओर जिस दिन कदम रखा तभी पॉटरी का विकास शुरू हों ग्या और आज दिखने वाली पॉटरी हजारों वर्षों का परिणाम हैं। ब्लू पॉटरी विश्व की चुनी हुईं ऐसी पॉटरी जो सिलिका से बनती है। यह परसिया से आई। जयपुर राजघराना और यहां के लोग शुरू से कला प्रेमी रहा। सवाई राम सिंह द्वितीय द्वारा इसे और अधिक प्रोत्साहन मिला। उन्होंने कलाकारों कों व्यवस्थित बसाया, जैसे ठाठरो का रास्ता, मीनाकारों का रास्ता, मनियारों का रास्ता, शिकारीयों का मोहल्ला। इतिहासकार व पुरातत्व विद सिया शरण लश्करी ने बताया कि जयपुर की कल्पना 450 वर्षों पहले ही कर ली गई थी।
जयपुर के राजा उज्जैन दल्ली मथुरा बनारस में जंतर मंतर बनाए। जयपुर की स्थापना पर अश्वमेध यज्ञ करवाया। जो पृभी का आखिरी अश्वमेध यज्ञ था।
जयपुर भक्ति की नगरी हैं। जयपुर के महाराजाओं ने मुगलों के आक्रमण के समय मथुरा वृंदावन से मूर्तियां सुरक्षित कि व यहां मंदिर बनवाए। शिक्षा के क्षेत्र में जयपुर शुरू से ही अव्वल रहा। इस दौरान इतिहासकार सियाशरण लशकरी री जी ने कुछ रोचक किस्से भी साझा किए।
नागरिक कर्तव्य व प्रशासनिक कर्तव्यों की बात करते हुए उन्होंने बताया कि जयपुर मैं पेयजल के लिए द्रव्यवती व इससे निकलने वाली नहर पानी का मुख्य स्रोत थे। जो लापरवाही के कारण अमानी शाह के नाले में बदल गया। पुराने शहर में हर दो रास्ते छोड़कर अपने के लिए पोखर बने थे। किसी भी प्रकार से जल व्यर्थ करने पर कड़ी सजा का प्रावधान था।
जयपुर परकोटे के चारों ओर बने हुए गेट भी कई ऐतिहासिक कहानी समेटे हुए। सांगानेरी गेट पहले शिवपोल कहलाता था।
जयपुर के महाराजाओं ने धर्म की रक्षा के लिए मुग़लों से भी चतुराई से लोहा लिया। जयपुर जागीर की बात करते हुए उन्होंने बताया कि दिल्ली आगरा मथुरा आसपास के सभी स्थान जयपुर की ही जागिरी में आते थे। आधुनिक समय की बात करते हुए बताया कि जोहरी बाजार सबसे बड़ी जेमस्टोन इंडस्ट्री. ऍम आई रोड सुनियोजित कॉमर्स इंडस्ट्री. जयपुर राजस्थान का it हब कहलाता हैं. आर्ट एंड कल्चर कों समेटे हुए जयपुर में सिनेमा हॉल, हस्तशिल्प में जयपुर अग्रणी. जयपुर एकमात्र ऐसा शहर जहां लियॉपर्ड सफारी के साथ लायन सफारी और टाइगर सफारी भी हैं. सबसे बड़ा बर्डिंग फेस्टिवल मानसागर झील के पास.
कार्यक्रम के अंत में श्रोताओं सर पूछे गए प्रश्नों का समाधान विशेषज्ञों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में सिया शरण द्वारा सुरक्षित अभूतपूर्व एवं बहुमूल्य पुस्तकों, फोटो पोस्टर आदि की प्रदर्शनी भी लगाई गई। रोशनी में लॉटरी टिकट किस्मत का थैला, पाठ्य पुस्तक, हाथ से बना हुआ जयपुर राजघराने का स्मारक आदि शामिल थे।

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