रायपुर, 25 सितंबर 2024- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) रायपुर ने महत्वाकांक्षी फाउंडर्स, सीईओ और सीनियर मैनेजमेंट के लिए एक्जीक्यूटिव लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम के दूसरे बैच की घोषणा की है। इस प्रोग्राम के लिए संस्थान ने एकेडमी ऑफ डिजिटल हेल्थ साइंसेज के साथ साझेदारी की है। इस प्रोग्राम के लिए आवेदन 1 अगस्त 2024 से शुरू हो गए हैं।
प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम में पूर्व-रिकॉर्ड किए गए सत्रों के व्याख्यान शामिल किए गए हैं, जो प्रतिभागियों को अपनी गति से सीखने की अनुमति देते हैं। इसके अतिरिक्त, केस स्टडीज़ वास्तविक दुनिया से जुड़ा विजन प्रदान करेंगी, जबकि लाइव इंटरैक्शन संकाय और उद्योग विशेषज्ञों के साथ जुड़ाव को बढ़ावा देंगे। सीखने के अनुभव को और समृद्ध करने के लिए, आईआईएम रायपुर में आयोजित इमर्सिव वर्कशॉप व्यावहारिक प्रशिक्षण और व्यावहारिक प्रदर्शन प्रदान करेंगे। इस तरह के प्रशिक्षण के जरिये प्रतिभागियों को अपने उद्यमशीलता के विचारों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए तैयार किया जाएगा। उम्मीदवारों का मूल्यांकन क्विज़ और केस स्टडी के आधार पर किया जाएगा।
आईआईएम रायपुर के निदेशक डॉ. राम कुमार काकानी ने इस प्रोग्राम को लेकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘यह बहुत खुशी का दिन है क्योंकि दोनों संस्थानों ने छोटे, लघु और मध्यम अस्पतालों (एमएसएमएच) को देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में अत्यंत महत्वपूर्ण माना है। हम जानते हैं कि इन अस्पतालों ने ही देश की व्यापक आबादी के लिए स्वास्थ्य सेवाआंे को संभव बनाया है और इसे सभी नागरिकों के लिए टिकाऊ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस संदर्भ में हम देखते हैं कि स्वास्थ्य से संबंधित डिजिटल तरीकों को अपनाने की दिशा में अभी बहुत कम काम हुआ है। हम इस प्रोग्राम के जरिये इसी फासले को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। हमने वरिष्ठ प्रबंधन को और अधिक कुशल बनाने और बड़े पैमाने पर परिवर्तन को संभव बनाने के लिए इस कार्यकारी कार्यक्रम को साझा तौर पर विकसित किया है।’’
‘स्मार्ट हेल्थ केयर ऑर्गनाइजेशंस’ में व्यापक बदलाव लाने के उद्देश्य से यह पाठ्यक्रम अस्पताल में विकास और मुनाफे को बढ़ाने के व्यावहारिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसमें अस्पताल के जिन प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा, उनमें प्रमुख हैं- इन्फ्रास्ट्रक्चर, इनोवेशन, प्रबंधन संबंधी रणनीतियां, डिजिटल स्वास्थ्य टैक्नोलॉजी, निरंतर गुणवत्ता में सुधार, देखभाल के उभरते मॉडल, परिवर्तनकारी इनोवेशंस और नए राजस्व स्रोतों की खोज, इत्यादि।