नई दिल्ली, 7 मार्च, 2024: भारत के ओंकोलोजी स्पेस में उभरता लीडर, वेदांता का बालको मेडिकल सेंटर प्रतिष्ठित कैंसर ग्राण्ड चैलेंज अवार्ड हासिल करने वाला पहला भारतीय को-रीसर्चर बन गया है। कैंसर के अनुसंधान के लिए 25 मिलियन डॉलर के साथ यह सम्मान भारत के ओंकोलोजी स्पेस में प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में बीएमसी की मौजूदगी की पुष्टि करता है। पुरस्कार प्राप्त करने वाली टीम प्रॉस्पेक्ट में बालको मेडिकल सेंटर तथा दुनिया के अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के वैज्ञानिक, एडवोकेट्स एवं चिकित्सक शामिल हैं, जो कैंसर की चुनौतियों के शुरूआती मुद्दों के समाधान पर विचार प्रस्तुत करेंगे।
श्रीमती ज्योति अग्रवाल, चेयरपर्सन, वेदांता मेडिकल रीसर्च फाउन्डेशन ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘हमें खुशी है कि हमें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया है, जो कैंसर के खिलाफ़ जंग को मजबूत बनाने में योगदान देगा। पिछले छह सालों के दौरान बीएमसी में हमारे लीडरों, कर्मचारियों और हितधारकों ने यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया है कि हमारे पास सर्वश्रेष्ठ तकनीकें हों, और हमारी मरीज़ एवं समुदाय सुरक्षित और आश्वस्त महसूस करें। कैंसर ग्राण्ड चैलेंजेज़ के सहयोग से हमारे प्रयास न सिर्फ जारी हैं बल्कि सशक्त भी हुए हैं। हमें विश्वास है कि आपसी सहयोग के साथ हम स्वास्थ्यसेवाओं में सकारात्मक योगदान दे सकते हैं।’’
टीम प्रॉस्पेक्ट पांच ग्लोबल टीमों में से एक है, जिसे इस साल कैंसर ग्राण्ड चैलेंजेज़ द्वारा वित्तपोषित किया गया है, जिसकी स्थापना 2020 में कैंसर रीसर्च यूके और नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट यूएस द्वारा विश्वस्तरीय रीसर्च टीमों को कैंसर की सबसे मुश्किल चुनौतियों पर चर्चा हेतु आमंत्रित करने के लिए की गई। टीमों को कैंसर रीसर्च यूके, नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट और बोवलबाबे फंड फॉर कैंसर रीसर्च यूके और इंस्टीट्यूट नेशनल डीयू कैंसर द्वारा कैंसर ग्राण्ड चैलेंजेज़ के माध्यम से 125 मिलियन डॉलर के कुल निवेश के साथ वित्तपोषण दिया जाएगा, जिसका उपयोग कैंसर रीसर्च में कुछ सबसे मुश्किल चुनौतियों को हल करने के लिए किया जाएगा।
‘अपने पार्टनर्स एवं रीसर्च लीडर्स के नेटवर्क के साथ, कैंसर ग्राण्ड चैलेंजेज़ दुनिया के सबसे प्रतिभाशाली चिकित्सकों को एक ही मंच पर लाता है और इसका उद्देश्य कैंसर की सबसे मुश्किल चुनौतियों को हल करना है।’ डॉ डेविड स्कॉट, डायरेक्टर, कैंसर ग्राण्ड चैलेंजेज़ ने कहा। ‘‘अब तक के सबसे बड़े इस निवेश के साथ हम अपने विश्वस्तरीय रीसर्च कम्युनिटी को लगातार विकसित कर रहे हैं और अपनी नई टीमों को वित्तपोषण प्रदान करते हैं जो कैंसर के परिणामों पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न कर सकें।’दांता का बालको मेडिकल सेंटर, मध्य भारत की आधुनिक टर्शरी केयर ओंकोलोजी युनिट है, जो कैंसर की देखभाल, बहु-आयामी उपचार एवं सहयोग में अग्रणी है। संस्थान को आधुनिक रेडिएशन थेरेपी, ब्रेकीथेरेपी, न्युक्लियर मेडिसिन, सर्जरी, कीमोथेरेपी आदि के लिए रेफरल सेंटर के रूप में मान्यता दी गई है। मार्च 2018 में अपनी शुरूआत के बाद से बीएमसी अब तक 37000 से अधिक मरीज़ों का उपचार कर चुका है। इसके अलावा संस्थान को कई सर्टिफिकेशन जैसे एलईईडी सर्टिफिकेशन, एनएबीएच, एफएसएसएआई, एनएबीएल, नर्सिंग एक्सीलेन्स, सीएएचओ सर्टिफिकेशन भी मिले हैं। यह पुरस्कार आधुनिक समाधानों एवं अनुसंधान में बीएमसी की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
डॉ भावना सिरोही, मेडिकल डायरेक्टर, वेदांता मेडिकल रीसर्च फाउन्डेशन (बालको मेडिकल केयर) एवं लीड प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर, प्रॉस्पेक्ट- इंडिया स्टडी के अनुसार, ‘‘कोलोरेक्टर कैंसर के बढ़ते मामलों को दतखते हुए समय पर निदान एवं रोकथाम के उपायों को अपनाना बहुत ज़रूरी है। उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में कैंसर स्क्रीनिंग बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि समय पर निदान और उपचार किया जा सके। यह अनुसंधान कैंसर रीसर्च को गति प्रदान करेगा और कोलोरेक्टर कैंसर के कारणों एवं रोकथाम के उपायों पर अनुसंधान बढ़ावा देने में मदद करेगा।’
कोलोरेक्टर कैंसर की जल्दी शुरूआत, दुनिया भर के लोगों में एक बड़ा मुद्दा है, खासतौर पर 50 साल से कम उम्र के लोगों में ये मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। टीम प्रॉस्पेक्ट का उद्देश्य इसके कारणों और जोखिम के कारकों को समझना है। टीम कोलोरेक्टल कैंसर की जल्दी शुरूआत को समझने तथा इस प्रकार के कैंसर से के लिए नई रणनीतियों के लिए डिसरप्टिव एवं बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाएगी।
वर्तमान में कैंसर ग्राण्ड चैलेंजेज़ दुनिया भर से 1200 अनुसंधानकर्ताओं और 16 टीमों को 13 चैलेंजेज़ पर विचार-विमर्श के लिए एक मंच पर लाता है। यही मूल्य वेदांता के कोर मूल्यों का भाग है। यह उपलब्धि समाज पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने के कंपनी के दृष्टिकोण में योगदान देगी।