
राजस्थान की कावड़ कहानी को एआई -इनेबल्ड क्रिएशन के ज़रिए नए तरीके से दर्शायेगा लेनोवो योगा ‘ऑरा एडिशन’
‘मेड विद लेनोवो योगा (ऑरा एडिशन)’ कैंपेन में कावड़ परफ़ॉर्मर अक्षय गांधी और 3डी / एआई आर्टिस्ट टूसिड के बीच एआई-लेड एक अनोखे कोलेबोरेशन की घोषणा
एआई कैसे सोच-समझकर विरासत को बचा सकता है और साथ ही क्रिएटर्स की नई पीढ़ी को प्रेरित कर सकता है
दिव्य राष्ट्र, जयपुर, 02 दिसंबर, 2025 – नई पीढ़ी को भारतीय कला और संस्कृति से जोड़ने के लिए लेनोवो ने अपनी नई पहल ‘मेड विद लेनोवो योगा (ऑरा एडिशन)’ की घोषणा की है। इस पहल का उद्देश्य है कि जेन-ज़ी आधुनिक एआई और डिजिटल तकनीक की मदद से पारंपरिक कला को नए तरीके से समझ सके और अपनी सांस्कृतिक जड़ों को फिर से खोज सके। इसी के तहत लेनोवो एक खास सिनेमैटिक शॉर्ट फिल्म लॉन्च करने जा रहा है, जिसमें 3डी / एआई आर्टिस्ट टूसिड और राजस्थान के प्रसिद्ध कावड़ कलाकार अक्षय गांधी साथ नज़र आएंगे। यह फिल्म कावड़ कथा की बारीकियों कप दिखाएगी — जो लकड़ी की तख्तियों पर बनी होती है जिनको एआई, 3डी और वीएफएक्स की मदद से कैसे जीवंत और आधुनिक रूप दिखाया जा सकता है।
यह कावड़ फ़िल्म लेनोवो की तीन फ़िल्मों में से एक है, जिसमें ओडिशा, राजस्थान और कश्मीर की यात्रा को क्रिएटर्स ने दर्शाया है: जिष्णु चटर्जी और सचिकांत साहू; टूसिड और अक्षय गांधी; और अली शाह क्राफ्ट्स के साथ वरुण गुप्ता, हर कोई डिजिटल इनोवेशन के ज़रिए इन राज्यों के पारंपरिक आर्ट फ़ॉर्म को नए तरीके से दिखा रहे हैं।इस कैंपेन के साथ, लेनोवो का मकसद जेन जी जेनेरशन के बीच नया उत्साह जगाना है, जो उनको उनकी जड़ों से फिर से जोड़े।
जहाँ एआई से मिलती है समृद्ध परंपरा
राजस्थान की समृद्ध कहानी कहने की परंपरा पर आधारित यह फिल्म कैसे सदियों पुरानी कावड़ कला, जिसमें लकड़ी की खुलती तख्तियाँ, कई स्तरों वाली कहानियाँ और हस्तनिर्मित चित्रकारी शामिल है को आज की डिजिटल पीढ़ी के लिए नए रूप में प्रस्तुत कर रही है। यात्रा, बोल और कला को करीब से समझने की प्रक्रिया के माध्यम से यह फिल्म एक आधुनिक 3डी/एआई कलाकार और एक पारंपरिक कावड़ कलाकार के अनोखे सहयोग को दर्शाता है, जो राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान में गहराई से जुड़ा हुआ है।
इंटेल के साथ इंजीनियर किए गए लेनोवो योग प्रो 7आई ऑरा एडिशन की मदद से टूसिड ने अक्षय गांधी की कावड़ कहानियों को डिजिटल रूप में जीवंत बनाया है, जहाँ उन्होंने किरदारों, दृश्यों और लकड़ी के पैनलों को एनीमेशन के जरिए आधुनिक अंदाज़ दिया है लेकिन साथ ही हस्तनिर्मित टेक्स्चर की वास्तविकता भी बरकरार रखी है। लैपटॉप की ए आई-रेडी आर्किटेक्चर, 40+ TOPS NPU, लंबी बैटरी और Copilot+ फीचर्स ने स्केचिंग, मॉडलिंग और जटिल रेंडरिंग जैसे कामों को तेज़ और आसान बना दिया।
लेनोवो इंडिया की मार्केटिंग डायरेक्टर चंद्रिका जैन ने बताया कि “फिल्म भारत की कलात्मक विरासत, सदियों की मेहनत और कहानी कहने की क्षमता से बनी है। हम एआई को एक ऐसी शक्ति मानते हैं, जो इस विरासत को भविष्य में भी जीवित रख सके। ‘मेड विद लेनोवो योगा (ऑरा एडिशन)’ अभियान का उद्देश्य यही है कि तकनीक परंपरा को बदलने के लिए नहीं, बल्कि उसे संरक्षित और साझा करने के लिए इस्तेमाल की जाए। एआई-सक्षम सुविधाओं की मदद से लेनोवो योगा ऑरा एडिशन क्रिएटर्स को नई सीमाएँ पार करने और सांस्कृतिक कहानियों को आज की युवा पीढ़ी की पसंद के हिसाब से नए रूप में पेश करने में सक्षम बनाता है।”
राजस्थान के कावड़ कलाकार अक्षय गांधी ने कहा “कावड़ की हर लकड़ी की तख्ती में सदियों की भावनाएँ और पहचान छिपी है। इसे डिजिटल रूप में बदलते देखकर और फिर भी उसकी आत्मा को बचाए रखते हुए देखना, बेहद भावुक अनुभव था। यह सहयोग साबित करता है कि जब तकनीक का सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह हमारी परंपराओं को और दूर तक ले जा सकते है और उन्हें नई पीढ़ी तक पहुँचा सकते हैं।”
नई पीढ़ी के लिए सांस्कृतिक और तकनीकी संगम
लेनोवो तकनीक का उपयोग एक सकारात्मक दिशा में करते हुए यह दिखाना चाहते है कि कैसे सार्थक डिजिटल नवाचार भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित कर सकता है और साथ ही जैन जी को उनके नए तरीकों से खोजने और समझने में सक्षम बना सकता है। सदियों पुराने शिल्प और एआई-चालित रचनात्मकता को जोड़कर, लेनोवो का उद्देश्य युवा क्रिएटर्स को ऐसे आधुनिक टूल उपलब्ध कराना है, जिनकी मदद से वे प्रयोग कर सकें, सीमाओं से आगे बढ़ा सकें और ऐसी नई कहानी बना सकें जो संस्कृति से जड़ने के लिए हों लेकिन आधुनिक डिज़ाइन भाषा में। यह अभियान भारत में एआई पीसीस के क्षेत्र में लेनोवो की अग्रणी स्थिति को और मजबूत बनता है, जो प्रदर्शन, रचनात्मकता और क्रिएटर्स-केंद्रित नवाचार की सीमाओं को लगातार आगे बढ़ा रही है।






