मेरे नाना का घर
- नाना का घर बच्चों की छुट्टियों को मस्त बनाता है,
- नाना का प्यार दुलार जीवन में सबको छुट्टियो की याद दिलाता है।
- नाना ही है जो बच्चों को पापा/ दादा के बाद बादशाह होने का अहसास कराते हैं ,
- नाना के पहाड़े पूछने पर बच्चों का मन उखड़ सा जाता है,
- रात को छत पर सब का सोते-सोते तारे गिनना बच्चों के मन को हर्षाता है।
- नाना की बातें बेटी के मुंह से रोज एक बार निकल ही जाती हैं,
- वह और कोई नहीं उनके ग़म-गुसार को समझे वह पति से पहले उनके मन की जाने वह पापा है।
- बर्फ के गोले, अमिया और हलवा पुरी नानी मस्त बनाती थी ,
- तभी नाना के रोब के बाद खीर मालपुआ भी खिलाती थी।
- टीवी, कार्टून ,सीरियल सब एक ही छत के पात्र थे ,मोबाइल डिजिटल युग सब वो टूटे तारों में ही दिखते थे ।
- नाजो पली नाना के घर उनकी लाडो आज भी, आंखें नम कर जाती हैं जब बार-बार उनको नाना की याद आ जाती है।
मेरे नाना का घर डॉ. सीमा दाधीचलालसागर, जोधपुर