Home बिजनेस जेएसडब्ल्यू डिफेंस और शील्ड एआई ने भारत में अत्याधुनिक सैन्य विमान प्रौद्योगिकी...

जेएसडब्ल्यू डिफेंस और शील्ड एआई ने भारत में अत्याधुनिक सैन्य विमान प्रौद्योगिकी लाने के लिए की रणनीतिक साझेदारी

72 views
0
Google search engine

वाशिंगटन/मुंबई (13  नवंबर, 2024) – देश के अग्रणी उद्योग संगठन और 24 अरब डॉलर के जेएसडब्ल्यू समूह की अंग, जेएसडब्ल्यू डिफेंस प्राइवेट लिमिटेड और अमेरिका की अग्रणी रक्षा प्रौद्योगिकी कंपनी, शील्ड एआई, इंक ने आज शील्ड एआई के “वी-बैट” के देश की ज़रूरत के अनुरूप विनिर्माण करने के लिए रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की। “वी-बैट”, एक ग्रुप 3 मानवरहित हवाई प्रणाली (अनमैन्ड एरियल सिस्टम – यूएएस) है। यह गठजोड़, देश में विश्व स्तरीय अमेरिकी प्रौद्योगिकी लाकर भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

जेएसडब्ल्यू समूह इस गठजोड़ के अंग के रूप में अगले दो साल के दौरान लगभग 90 मिलियन (9 करोड़) डॉलर का निवेश करेगा, जिसमें से 65 मिलियन (6.5 करोड़) डॉलर पहले 12 महीनों में जेएसडब्ल्यू के वैश्विक अनुपालन कार्यक्रम, उचित प्रौद्योगिकी लाइसेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए विनिर्माण संयंत्र और कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए आवंटित किए जाएंगे। यह निवेश, जेएसडब्ल्यू को स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने और वी-बैट विमानों के विनिर्माण, संयोजन और परीक्षण के लिए भारत में उन्नत संयंत्र बनाने में मदद करेगा। इस प्रयास से भारत में वी-बैट के बड़े पैमाने पर उत्पादन में मदद मिलेगी ताकि भारतीय सशस्त्र बलों की ज़रूरतों को पूरा किया जा सके और शील्ड एआई के लिए वैश्विक उत्पादन केंद्र के रूप में भी काम किया जा सके।

वी-बैट एक फिक्स्ड-विंग, वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (वीटॉल), लॉन्ग एंड्योरेंस इंटेलिजेंस, सर्वेलेंस, रिकॉनेसेंस (आईएसआर) प्लेटफॉर्म है, जिसका उपयोग अमेरिका की मरीन एक्सपेडिशनरी यूनिट्स (एमईयू) सहित दुनिया भर के कई सशस्त्र बल करते हैं। यह बेहद टैक्टाइल प्रणाली में अत्याधुनिक आईएसआर कार्यक्षमता प्रदान करता है और इस तरह इसे विशेष बलों, अग्रिम पंक्ति की पैदल सेना, बख्तरबंद और तोपखाने इकाइयों को कई तरह के लचीले समाधान प्रदान करने के लिए जटिल और प्रतिकूल क्षेत्रों में तैनात किया जा सकता है। वी-बैट में एक अद्वितीय पेटेंट किया गया डक्टेड डिज़ाइन है, जिसकी ढुलाई आसान है और इसे फटाफट तैनात किया जा सकता है।

जेएसडब्ल्यू समूह के पार्थ जिंदल ने कहा, “शील्ड एआई के साथ हमारा गठजोड़, भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा तैनाती के लिए मिशन-महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी को शामिल करने और भारत में रक्षा प्रौद्योगिकी के स्वदेशीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अनुरूप है। इस गठजोड़ के ज़रिये हम बड़े पैमाने पर स्वदेशी वी-बैट की आपूर्ति करने, उड़ान संचालक (फ्लाइट ऑपरेटर) प्रशिक्षण प्रदान करने और भारतीय सशस्त्र बलों को एंड-टू-एंड रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (एमआरओ) सेवा प्रदान कर सकेंगे। जेएसडब्ल्यू समूह का हमेशा से भारत में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ विश्व स्तरीय उत्पाद और सेवा लाने में विश्वास रहा है और यह साझेदारी इस दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धि है।”

शील्ड एआई के भारत के प्रबंध निदेशक, सरजन शाह ने कहा, “शील्ड एआई भारत में गहन निवेश करने में सबसे आगे रहा है, जो अमेरिका और भारत के बीच घनिष्ठ एकीकृत रक्षा आपूर्ति श्रृंखला के संबंध में दोनों सरकारों की इच्छा के अनुरूप है। जेएसडब्ल्यू के साथ यह साझेदारी सैन्य मानवरहित प्रणालियों के क्षेत्र में भारत की स्वदेशी क्षमताओं की गहराई, पैमाने और दायरे में आमूल बदलाव लाने के लिए कई साल की अवधि में तैयार की गई है। हम भारत में अपने भागीदार के साथ और भी बहुत कुछ करने के लिए तत्पर हैं।”

शील्ड एआई के अध्यक्ष, सह-संस्थापक और पूर्व नेवी सील, ब्रैंडन त्सेंग “शील्ड एआई जेएसडब्ल्यू समूह के साथ गठजोड़ के ज़रिये भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए उत्साहित है, जो वैश्विक स्तर पर अत्याधुनिक अमेरिकी प्रौद्योगिकी को तैनात करने और भारत की विशाल इंजीनियरिंग तथा विनिर्माण प्रतिभा के उपयोग के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दृढ़ करता है। भारत को 2016 में अमेरिका ने प्रमुख रक्षा भागीदार करार दिया था और 2018 में इसे स्ट्रेटेजिक ट्रेड ऑथराइज़ेशन टियर 1 का दर्जा दिया गया था। भारत यह श्रेणी हासिल करने वाले केवल दो देशों में से एक है। ऐसा दूसरा देश है – संयुक्त अरब अमीरात और वहां भी शील्ड एआई का दफ्तर है।

उन्होंने कहा, ” जेएसडब्ल्यू भी शील्ड एआई का भरोसा इस बात में है कि वी-बैट जैसे ग्रुप 3 यूएएस कई हेलीकॉप्टरों और बड़े ग्रुप 5 यूएएस के समान मिशन को बहुत कम कीमत पर पूरा कर सकते हैं। बाज़ार के महंगे, बेहतरीन विमानों से कम लागत वाले, एआई-पायलट वाले यूएएस की ओर बढ़ने के बीच यह गठजोड़ शील्ड एआई के महत्वपूर्ण अमेरिकी निवेशों पर आधारित है और वैश्विक प्रसार तथा अमेरिकी परिचालन के निरंतर विस्तार का समर्थन करता है।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here