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जूनिपर ग्रीन एनर्जी ने ₹3000 करोड़ के IPO के लिए SEBI के पास डीआरएचपी दाखिल किया

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जूनिपर ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, 31 दिसंबर, 2024 तक कुल क्षमता के मामले में भारत के शीर्ष 10 सबसे बड़े नवीकरणीय स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (“IPPs”) में से एक है। कुल क्षमता में ऑपरेशनल, निर्माणाधीन कॉन्ट्रैक्टेड और अवार्ड किए गए प्रोजेक्ट्स शामिल हैं। (स्रोत: CRISIL रिपोर्ट)। कंपनी अपनी इन-हाउस EPC (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) टीम और O&M (ऑपरेशन और मेंटेनेंस) टीम के जरिए यूटिलिटी-स्केल नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स को डेवलप, बिल्ड, ऑपरेट और मेंटेन करती है, और विभिन्न ऑफ-टेकर्स, जिनमें केंद्र और राज्य सरकार समर्थित संस्थाएं शामिल हैं, को बिजली बेचकर रेवेन्यू कमाती है।

जूनिपर ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने बाज़ार नियामक SEBI के पास अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल कर दिया है। कंपनी इस इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (आईपीओ) के जरिये ₹30,000 मिलियन (₹3000 करोड़) तक के इक्विटी शेयर जारी करके फंड जुटाने की योजना बना रही है। यह ऑफर पूरी तरह से नए इक्विटी शेयरों का फ्रेश इश्यू होगा।

कंपनी इस आईपीओ से मिलने वाले नेट प्रोसीड्स का इस्तेमाल कंपनी द्वारा लिए गए कुछ कर्ज़ों का पूरा या आंशिक रूप से चुकाने के लिए करेगी। यह अनुमानित राशि ₹10,922.71 मिलियन (₹1092.27 करोड़) है। इसके अलावा अपनी मटेरियल सब्सिडियरीज़ जैसे कि जुनिपर ग्रीन गामा वन प्राइवेट लिमिटेड, जुनिपर ग्रीन थ्री प्राइवेट लिमिटेड, जुनिपर ग्रीन फील्ड प्राइवेट लिमिटेड, जुनिपर ग्रीन बीम प्राइवेट लिमिटेड, और उनकी सब्सिडियरी जैसे जुनिपर ग्रीन काइट प्राइवेट लिमिटेड और जुनिपर ग्रीन रे टू प्राइवेट लिमिटेड में निवेश करेगी ताकि उनके कुछ बकाया कर्ज़ों का पूरा या आंशिक रूप से भुगतान किया जा सके। इसकी अनुमानित राशि ₹11,577.29 मिलियन (₹1157.72 करोड़) है। बाकी बची हुई राशि का इस्तेमाल जनरल कॉर्पोरेट उद्देश्यों (General Corporate Purposes) के लिए किया जाएगा।

कंपनी ने मार्च 2020 में अपना पहला 100 मेगावॉट (MW) (144.97 मेगावॉट पीक (MWp)) का सोलर प्रोजेक्ट चालू किया था। 31 मई, 2025 तक, कंपनी ने अपने प्रोजेक्ट्स का पोर्टफोलियो 7,898.45 MW (10,069.58 MWp) की कुल क्षमता तक बढ़ा दिया है। सोलर प्रोजेक्ट्स के अलावा, जूनिपर ग्रीन के पोर्टफोलियो में विंड एनर्जी प्रोजेक्ट्स और WSH (Wind-Solar Hybrid) और FDRE (Firm and Dispatchable Renewable Energy) जैसे कॉम्प्लेक्स रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स भी शामिल हैं, जिनमें BESS (Battery Energy Storage System) पर खास फोकस है। 1 अप्रैल, 2021 से 31 दिसंबर, 2024 के बीच हुए WSH और FDRE टेंडरों में जीती गई कुल क्षमता के मामले में कंपनी दूसरी सबसे बड़ी बोली लगाने वाली कंपनी है, और इसी अवधि के दौरान जीते गए WSH और FDRE टेंडरों में उनकी 100% कन्वर्जन रेट रही है (स्रोत: CRISIL रिपोर्ट)।

रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के माध्यम से ऑफर किए जाने वाले इक्विटी शेयर बीएसई लिमिटेड (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) पर लिस्ट होने का प्रस्ताव है।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड, एचएसबीसी सिक्योरिटीज एंड कैपिटल मार्केट्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड और कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड इस इश्यू के बुक रनिंग लीड मैनेजर्स (BRLMs) हैं।

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