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एच.जी. इंफ्रा का पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सराहनीय प्रयास: हिंगोनिया गौशाला, जयपुर में 13,500 पौधों का रोपण

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जयपुर, 21 फरवरी 2025 : एच जी इंफ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड की परोपकारी संस्था एच जी फाउंडेशन द्वारा अपने ग्रीन ड्राइव प्रोजेक्ट के तहत पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए जयपुर स्थित हिंगोनिया गौशाला में “एच.जी. ग्रीन ड्राइव” परियोजना के अंतर्गत मियावाकी पद्धति से 13,500 पौधों के वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की।

इस परियोजना को एच.जी. फाउंडेशन के सहयोग से इनोवेटिव गवर्नेंस रिफॉर्म्स फेडरेशन (IGRF) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। दो वर्षों तक इन पौधों का संरक्षण और देखभाल की जाएगी, जिससे यह सघन वन विकसित होकर के पर्यावरणीय संतुलन को मजबूत करेगा और क्षेत्र की जैव विविधता को समृद्ध बनाएगा।

एच.जी. फाउंडेशन के सीनियर एग्जीक्यूटिव CSR श्री जवान सिंह ने बताया कि,
“एच.जी. ग्रीन ड्राइव” के तहत 5 जून 2024 (विश्व पर्यावरण दिवस) को 1,00,000 पौधों का सफलतापूर्वक रोपण किया गया था। इस वर्ष, फाउंडेशन ने अपने प्रयासों को और अधिक व्यापक बनाते हुए 1,10,000 पौधों के वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसकी शुरुआत इसी विश्व पर्यावरण दिवस से हुई है। इस पहल से क्षेत्र के शुष्क परिदृश्य को हरा-भरा बनाने, जल संरक्षण को बढ़ावा देने और ऑक्सीजन व छाया प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

इनोवेटिव गवर्नेंस रिफॉर्म्स फेडरेशन (IGRF) की निदेशक श्रीमती अनुसिया व्यास ने संगठन की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा,
“हमारा संगठन पर्यावरण संरक्षण और हरित भविष्य के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा के साथ निभा रहा है। हिंगोनिया गौशाला में वृक्षारोपण केवल एक परियोजना नहीं है, बल्कि एक दीर्घकालिक संकल्प है जो आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ और समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करेगा। प्रकृति और समाज के प्रति हमारा यह प्रयास निरंतर जारी रहेगा।”

हिंगोनिया गौशाला के कोऑर्डिनेटर प्रेमानंद प्रभु जी ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा,
“गौशाला केवल गौवंश का आश्रय स्थल नहीं, बल्कि एक संपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र है, जहां जीव-जंतु, पौधे और मनुष्य मिलकर प्रकृति का संतुलन बनाए रखते हैं। यह वृक्षारोपण न केवल गौवंश के लिए छायादार और शुद्ध वातावरण तैयार करेगा, बल्कि भूमि की उर्वरता बढ़ाने और जल संरक्षण में भी सहायक सिद्ध होगा। एच.जी. इंफ्रा द्वारा उठाया गया यह कदम निश्चित रूप से हरित भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।”

हिंगोनिया गौशाला के पशु चिकित्सालय के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. राधेश्याम मीणा ने मियावाकी पद्धति की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए कहा,
“मियावाकी पद्धति से वृक्षारोपण पर्यावरण संरक्षण का एक अत्यंत प्रभावी तरीका है, जिससे घने और समृद्ध वन बहुत कम समय में विकसित किए जा सकते हैं। यह पहल न केवल गौशाला परिसर को हरा-भरा बनाएगी, बल्कि स्थानीय जैव विविधता को भी संरक्षित करेगी। मैं एच.जी. फाउंडेशन और इनोवेटिव गवर्नेंस रिफॉर्म्स फेडरेशन को इस महत्वपूर्ण पहल के लिए धन्यवाद देता हूँ, जो आने वाले वर्षों में एक बड़ा पर्यावरणीय बदलाव लाएगी।”

कार्यक्रम में स्थानीय समुदाय के लोगों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया और इस वृक्षारोपण अभियान को सफल बनाने की शपथ ली। इस परियोजना के अंतर्गत लगाए गए पौधों का रखरखाव सुनियोजित रूप से किया जाएगा, ताकि यह दीर्घकाल तक क्षेत्र को हरा-भरा बनाए रखे। इस पहल से न केवल गौशाला परिसर में हरियाली बढ़ेगी, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के लिए एक हरित उदाहरण भी बनेगा।

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