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अमेय डबली का “कृष्णा – म्यूज़िक, ब्लिस एंड बियॉन्ड” बना जयपुर में संगीत, संस्कृति और भक्ति का उत्सव

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अमेय डबली का “कृष्णा – म्यूज़िक, ब्लिस एंड बियॉन्ड” बना जयपुर में संगीत, संस्कृति और भक्ति का उत्सव

दिव्या राष्ट्र, जयपुर, 3 अगस्त 2025: गुलाबी नगरी की फिज़ाओं में 3 अगस्त की शाम भक्ति, संगीत और ऊर्जा की एक अनोखी धुन गूंज रही थी। पहली बार जयपुर में, जाने-माने परफॉर्मर अमेय डबली ने अपने आध्यात्मिक कॉन्सर्ट सीरीज़ “कृष्णा – म्यूज़िक, ब्लिस एंड बियॉन्ड” की प्रस्तुति दी। महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम में आयोजित इस भव्य संगीतमय संध्या ने कृष्ण भजनों को भारतीय लोक संगीत और समकालीन फ्यूज़न के साथ जोड़कर एक ऐसा अनुभव रचा जो दिलों को छू गया और पीढ़ियों को एक साथ जोड़ गया।

कार्यक्रम में दो शो आयोजित किए गए—एक आम जनता के लिए और दूसरा विशेष रूप से भारतीय सशस्त्र बलों के लिए। दोनों ही शो में लोगों की भावनाएँ, आस्था और सांस्कृतिक गौरव साफ़ झलक रहे थे। छोटे बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक, हर कोई इस संगीत यात्रा का हिस्सा बना, और जयपुर ने वाकई एक साथ मिलकर इसे महसूस किया।

शाम का एक विशेष आकर्षण रहे भक्त भागवत प्रभु, जो भारत के सबसे युवा आध्यात्मिक प्रभावकर्ता हैं। उन्होंने भगवद गीता की अपनी अनोखी रैप प्रस्तुति से सभी को चौंका दिया और खूब सराहना बटोरी—खासकर युवाओं के बीच। इस प्रस्तुति ने यह सिद्ध कर दिया कि परंपरा को नए अंदाज़ में प्रस्तुत किया जाए, तो वह हर दिल से जुड़ सकती है।

अमेय डबली, जो देश-विदेश में कई बार मंचों पर प्रस्तुति दे चुके हैं, के लिए जयपुर का यह कॉन्सर्ट बेहद खास रहा। कृष्णा सीरीज़ की सबसे बड़ी खूबी यह है कि हर शो दर्शकों की ऊर्जा और भावनाओं के अनुसार चलता है—बिना किसी स्क्रिप्ट या फिक्स प्लेलिस्ट के। यही आत्मिक जुड़ाव जयपुर के रंगीले और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध लोगों से गहराई से जुड़ गया।

अपने अनुभव साझा करते हुए अमेय डबली ने कहा:

“जब मैं मंच पर जाता हूं, तो खुद को पूरी तरह उस पल के हवाले कर देता हूं। दर्शक मेरे मार्गदर्शक बन जाते हैं और हम मिलकर ऐसा कुछ रचते हैं जो केवल संगीत नहीं, बल्कि एक जीवंत, सांस लेती हुई आध्यात्मिक अनुभूति होती है। जयपुर में जो बात मुझे सबसे ज़्यादा छू गई, वो यह थी कि इतने छोटे-छोटे बच्चे, यहां तक कि टॉडलर्स भी, अपने दादा-दादी के साथ इस कॉन्सर्ट में आए थे। यही बदलाव हम लाना चाहते हैं। जब बच्चों को बचपन से हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक जड़ों से जोड़ा जाता है, तो वे खुद को बेहतर तरीके से समझते हैं। यही हमारे संस्कारों की सुंदरता है—सिर्फ सही मार्गदर्शन चाहिए, और जयपुर में हमने वह सजीव रूप में देखा।”

कृष्णा – म्यूज़िक, ब्लिस एंड बियॉन्ड को इसके आध्यात्मिक और समकालीन फ्यूज़न के मेल के लिए पूरे देश में सराहा जा रहा है। जयपुर का यह कॉन्सर्ट एक बार फिर साबित कर गया कि संगीत सिर्फ मंच की चीज़ नहीं—बल्कि एक पुल है, जो लोगों को जोड़ता है, भावनाओं को जगाता है और आत्मा तक पहुँचता है।

अमेय डबली का संदेश साफ था—संगीत एक माध्यम है जो हमें खुद से, एक-दूसरे से, और अपनी जड़ों से जोड़ता है। जयपुर ने इस भावना को दिल से अपनाया—और हर कोई उस शाम घर लौटा, एक भरा-पूरा दिल और सुकून से भरी आत्मा के साथ।

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