जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल यानी रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की उस घोषणा का स्वागत करती है, जिसमें उन्होंने वित्त वर्ष 2047 तक हमारे देश को विकसित भारत बनाने की बात कही है। देश के सभी निर्यातक माननीय वित्त मंत्री की इस घोषणा से सहमत होंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्वीकरण (ग्लोबलाइजेशन) को फिर से परिभाषित किया जा रहा है और महामारी के बाद एक नई विश्व व्यवस्था उभर रही है।
रत्न और आभूषण निर्यातकों के लिए, हाल ही में घोषित भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर) भारत और अन्य देशों के लिए एक रणनीतिक और आर्थिक गेम चेंजर है। जिस तरह सीईपीए व्यापार समझौते ने मध्य पूर्व में आभूषण निर्यात में वृद्धि की है, हम रत्न और आभूषण निर्यात को बढ़ावा देने के लिए यूरोपीय देशों और अन्य के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौतों (बाइलैटरल ट्रेड एग्रीमेंट) का स्वागत करते हैं।
हम वास्तविक जीडीपी की नई व्याख्या करने वाले वित्त मंत्री का स्वागत करते हैं। उन्होंने विकास के साथ-साथ शासन, विकास और प्रदर्शन (गवर्नेंस, डेवलपमेंट एंड परफॉर्मेंस) पर जोर दिया है। इससे पहले कि वित्त मंत्री जुलाई में ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य के लिए पूर्ण बजट और विस्तृत रोडमैप पेश करें, जीजेईपीसी काउंसिल पीएम-विश्वकर्मा योजना में रत्न और आभूषण कारीगरों और शिल्पकारों को शामिल करने की मांग कर रही है, जो एंड टू एंड सपोर्ट स्कीम्स उपलब्ध कराती है।
वित्त मंत्री द्वारा परिव्यय के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि की घोषणा की गई है। इसी के साथ, हम भारत से रत्न और आभूषण निर्यात क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए आभूषण पार्क जैसे आधुनिक बुनियादी ढांचे (मॉडर्न इन्फ्रास्ट्रक्चर) के लिए भी आवंटन (अलोकेशन) चाहते हैं।
चूंकि रत्न और आभूषण उद्योग में 80% से अधिक एमएसएमई हैं, इसलिए हम वित्त मंत्री से आग्रह करते हैं कि वे रत्न और आभूषण सेक्टर के लिए भी सरकारी योजनाओं की घोषणा करें, जिससे कि इस क्षेत्र को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद कर सके, जिसमें एमएसएमई के लिए कौशल और प्रशिक्षण भी शामिल हो।
हम अमृत काल के लिए वित्त मंत्री की विस्तृत रणनीति और अगले 5 वर्षों के अभूतपूर्व विकास के लिए सबका विश्वास अर्जित करने वाली सतत सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन (सस्टेनेबल रिफॉर्म, परफॉर्म एंड ट्रांसफॉर्म) के साथ एक आर्थिक निर्यात नीति का उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं।
केंद्रीय बजट 2024-25: रत्न और आभूषण निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जीजेईपीसी की सरकार को कुछ सिफारिशें
- विशेष अधिसूचित क्षेत्रों यानी स्पेशल नोटिफाइड जोन्स (एसएनजेड) में कच्चे हीरों (रफ़ डायमंड) की बिक्री के लिए सुरक्षित बंदरगाह नियम (सेप हार्बर रूल)
- डायमंड इम्प्रेस्ट लाइसेंस की शुरूआत और कटे और पॉलिश किए गए हीरों पर आयात शुल्क घटाकर 2.5% किया जाए।
- सोना/चांदी/प्लैटिनम बार पर आयात शुल्क घटाकर 4% किया जाए।
- जीएसटी रिफंड की तरह ईडीआई प्रणाली के माध्यम से “दरें और कर रिफंड” यानी रेट्स एंड टैक्सेस रिफंड जैसी व्यवस्था की शुरूआत की जाए।