जयपुर, 11 सितंबर 2024:राजस्थान के सुप्रसिद्ध और राष्ट्रीय पुरस्कृत चित्रकार नवीन शर्मा ने अपनी नवीनतम उत्कृष्ट कृति ‘रामो विग्रहवान् धर्मः’ (श्री राम सरोवर कलाकृति) का अनावरण चित्रकूट में जगद्गुरु स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी के कर कमलों द्वारा किया गया । नवीन शर्मा, जयपुर के निवासी और लघु चित्रकारी में विशेषज्ञ, 36 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्यरत हैं। उन्हें 2012 में महामहिम राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनके गुरु शंकर जी सोनी हैं, जिन्होंने उन्हें इस कला की बारीकियाँ सिखाईं। नवीन शर्मा का लक्ष्य है कि विलुप्ति के कगार पर खड़ी लघु चित्रकारी को विश्व स्तर पर पुनः प्रतिष्ठित किया जाए।
नवीन शर्मा ने बताया की यह अनूठी कलाकृति भगवान राम के जीवन और रामचरितमानस की गाथा का विशद चित्रण है। नवीन शर्मा ने अपने अद्वितीय कौशल से इस कलाकृति में भारतीय संस्कृति, धार्मिक स्थल, देवी-देवताओं, और भक्तों की भावनाओं को सजीव किया है।यह कलाकृति 6 वर्षों के लंबे परिश्रम का परिणाम है, जिसमें लगभग 20 लाख छवियाँ चित्रित की गई हैं।
इस ऐतिहासिक और धार्मिक कलाकृति का विमोचन चित्रकूट धाम में जगद्गुरु स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी के कर कमलों द्वारा संपन्न हुआ, जहाँ संत शिरोमणि गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना की थी। इस अवसर पर महर्षि पाणिनि विश्वविद्यालय उज्जैन के डॉ. तुलसीदास पुरोहा ने कार्यक्रम का संचालन किया और संगीत का आयोजन डॉ. गोपाल कुमार मिश्र द्वारा किया गया।
कलाकृति की मुख्य विशेषताएँ:
शीर्ष पर भगवान गणेश जी को रिद्धि-सिद्धि के साथ चित्रित किया गया है।
मुख्य चित्र खंड में राम मंदिर के भक्तों सहित देवी-देवताओं द्वारा पुष्प वर्षा और राम लला के विग्रह का चित्रण है।
500 खंडों में सम्पूर्ण रामचरितमानस की 10 लाख छवियाँ और शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार धामों का चित्रण।
भगवान विष्णु के 24 तीर्थंकर और दशावतार की छवियाँ।
भारतवर्ष के 211 प्रसिद्ध मंदिरों का चित्रण।
31 राम भक्त हनुमान जी के विग्रह और 51,000 बार “राम-राम” का लेखन।
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने के बाद नवीन शर्मा ने तीन प्रमुख चित्रकलाओं पर काम किया, जिनमें हल्दीघाटी युद्ध, राम मंदिर का इतिहास, और रामचरितमानस पर आधारित कलाकृतियाँ शामिल हैं।