योग जीवन जीने की कला, परमानंद प्राप्ति का मार्ग – डॉ. आनंद पोद्दार

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जयपुर, दिव्यराष्ट्र / योग जीवन जीने की कला और परमानंद प्राप्ति का मार्ग है। योग साधना साधक के जीवन में अप्रत्याशित सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है, यदि इसे नियमपूर्वक किया जाए। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस संपूर्ण भारत में 21 जून को मनाया जा रहा है। गीता में योग को केवल एक शारीरिक व्यायाम के रूप में नहीं बल्कि जीवन जीने की एक कला बताया गया है।

योग ईश्वर में ध्यान का मार्ग*
योग यानी कि ईश्वर में ध्यान लगाना। योग भारत की अनादि दिव्यता है और हमारी सनातन पहचान है। पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत की योग परंपरा के महत्व को स्वीकार करता है, यह भारत का वैश्विक गौरव है।

हर आयु वर्ग के लिए आवश्यक
योग हर वर्ग आयु के लिए आवश्यक है, स्कूली शिक्षा के साथ योग बच्चों को शारीरिक व बौद्धिक रूप से जागरूक करता है। योग के साथ-साथ अगर दैनिक दिनचर्या में कुछ चीजों का समावेश किया जाए तो मनुष्य स्वयं का थैरेपिस्ट बन सकता है। वह अपने जीवन को उत्तम बना सकता है।

खुलकर जीवन जीने का मार्ग
योग के साथ आप अपने दैनिक जीवन में किसी भी प्रकार से मोटे अनाजों का प्रयोग करें, दिन में एक बार अपने परिवार अथवा अपने सह कर्मियों के साथ खुलकर हंसे, अपने मन की बात साझा करें। अपने दिनचर्या को इस प्रकार व्यवस्थित करें कि कुछ समय योग, कुछ समय ध्यान, कुछ समय गीता अध्ययन अथवा किसी अच्छे साहित्य का अध्ययन करें।

देने की प्रवृत्ति महत्वपूर्ण*
हर व्यक्ति को कुछ समय सामाजिक कार्य में देना चाहिए। इसके साथ ही सप्ताह में एक दिन ट्रैकिंग अथवा खेलकूद में समय व्यतीत करें। सप्ताह में एक दिन अपनी हॉबीज को दीजिए। इसमें गाना, डांस, पेंटिंग, किताब, एक्टिंग अथवा कुछ भी पसंदीदा एक्टिविटी हो सकती है। इन सबके अलावा सदाचार, सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ ही माता-पिता, ईश्वर, सहपाठी-सहकर्मी , शुभचिंतकों के प्रति कृतज्ञता का भाव रखें।

उपलब्ध संसाधनों में रहे संतुष्ट*
दुनिया का हर इंसान खुशी चाहता है और इसकी सबसे पहली शर्त होती है कि आप अपने आप से और अपने संसाधनों से संतुष्ट रहें। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा आपको अच्छा करने के लिए प्रेरित करती है, दूसरों को खुशियां देना एवं उनकी मदद करना आपके जीवन की सच्ची उपलब्धि है। किसी ने सच ही कहा है की प्रसन्नता वह चंदन है, जो आप दूसरों के माथे पर लगाते हैं तब आपके हाथ भी महक उठते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सभी एक प्रण लें कि मनुष्य जीवन ईश्वर द्वारा दी गई सर्वोत्तम कृति है और इसे हम स्वस्थ व सुंदर बनाएंगे। सभी को योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

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