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वर्ल्ड डायबिटीज डे: डायबिटीज का कारण, समस्या और बचाव

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जयपुर,, दिव्यराष्ट्र/आज के समय में डायबिटीज एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। लाखों लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं, और इसके प्रभाव से न केवल व्यक्ति का स्वास्थ्य, बल्कि उनकी जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। डायबिटीज के प्रति जागरूकता फैलाने और इससे बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने के उद्देश्य से हर साल 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है। आइए इस लेख में डॉ. अभिनव गुप्ता, सीनियर कंसल्टेंट, एंडोक्रिनोलॉजी एंड डायबीटिक्स नारायणा हॉस्पिटल जयपुर के माध्यम से समझते हैं कि डायबिटीज की बीमारी कैसे होती है इस से किस तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और बचाव के तौर पर आपको क्या करना चाहिए-

डायबिटीज कैसे होता है और इसके प्रमुख कारण*

डायबिटीज एक मेटाबॉलिक बीमारी है, जिसमें शरीर में ग्लूकोज यानी शुगर का स्तर नियंत्रित नहीं रह पाता है। शरीर में इंसुलिन हार्मोन ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने का काम करता है, और जब यह पर्याप्त मात्रा में नहीं बनता या ठीक से कार्य नहीं करता, तो शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ने लगती है। अगर डायबिटीज के प्रमुख कारणों की बात की जाए तो इसमें में अस्वस्थ जीवनशैली, अधिक मात्रा में चीनी और फैट युक्त भोजन का सेवन, किसी भी तरह की फिजिकल एक्टिविटी ना करना, और परिवार में इस बीमारी का इतिहास होना जैसे कारण शामिल हैं। इसके अलावा, लम्बे समय तक तनाव, मोटापा और नींद की कमी भी डायबिटीज के खतरे को बढ़ाते हैं। आधुनिक जीवनशैली में जंक फूड और फास्ट फूड का बढ़ता सेवन भी डायबिटीज की बीमारी के लिए जिम्मेदार है। ऐसे में डायबिटीज से सुरक्षा के लिए इन कारणों को समझ कर इनसे बचना जरूरी है।

डायबिटीज से होने वाली समस्याएं*

डायबिटीज केवल ब्लड में शुगर की मात्रा नही बढ़ाती, बल्कि यह शरीर में कई गंभीर बीमारियां उत्पन्न कर सकती है औऱ महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान भी पहुंचा सकती है। सबसे पहले तो यह हृदय रोगों का खतरा बढ़ा देती है, क्योंकि अधिक शुगर का स्तर हृदय और ब्लड वेसल्स पर बुरा असर डालता है। इसके अलावा, डायबिटीज की वजह से किडनी फेल होने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे शरीर में विषैले तत्व जमा होने लगते हैं। डायबिटीज के मरीजों में आंखों की रोशनी कम होने या अंधेपन का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके साथ डायबिटीज का एक और गंभीर असर ये होता है कि यह शरीर की तंत्रिका तंत्र पर बुरा प्रभाव डालती है, जिससे हाथों और पैरों में सुन्नता और दर्द का अनुभव हो सकता है। इसलिए डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी के प्रति सतर्कता बरतना बहुत जरूरी है जिससे इस बीमारी से होने वाले गंभीर नुकसानों से बचा जा सके।

डायबिटीज से बचाव और सावधानियां*

डायबिटीज से बचाव के लिए सबसे पहले जीवनशैली में आवश्यक बदलाव करना जरूरी है। आपको अपने दैनिक जीवन में संतुलित आहार को प्राथमिकता देनी चाहिए, जिसमें अधिक मात्रा में फाइबर, हरी सब्जियां, और कम कार्बोहाइड्रेट शामिल हो। मीठे और तले-भुने खाने से दूरी बनानी चाहिए। नियमित रूप से व्यायाम, जैसे कि तेज चलना, दौड़ना, या योग करना भी डायबिटीज से बचाव में मदद करता है इसलिए इस तरह की फिजिकल एक्टिविटी को भी अपने जीवन शैली में शामिल करना जरूरी है। इसके अलावा, दिनचर्या में पर्याप्त नींद लेना और तनाव को नियंत्रित करना भी आवश्यक है, क्योंकि तनाव और नींद की कमी शरीर में शुगर के स्तर को बढ़ा सकती है। जिन लोगों के परिवार में डायबिटीज की समस्या है, उन्हें अपने ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच करवानी चाहिए। साथ ही, डॉक्टर की सलाह पर समय-समय पर हेल्थ चेकअप करवाना भी जरूरी है |

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