जोधपुर, दिव्य राष्ट्र/ जीत यूनिवर्स, जोधपुर के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की ओर से ‘भारतीय मॉडल ऑफ डिजीटल लिटरेसी: ब्रिजिंग द गैप बिटवीन यूज ऑफ टेक्नोलॉजी एंड डिजिटल सिटीजनशिप’ विषय पर वर्कशॉप आयोजित की गई। इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (आईसीएसएसआर) द्वारा प्रायोजित इस वर्कशॉप में फर्स्ट ईयर के करीब 100 स्टूडेंट शामिल हुए, जिन्हें ऑनलाइन सिक्योरिटी, प्राइवेसी और साइबर सिक्योरिटी जैसे विषयों की विस्तृत जानकारी दी गई और डिजिटल धोखाधड़ी से बचाव के तरीके बताए गए। बनस्थली विद्यापीठ की डॉ. प्रियंका विजय इसकी मुख्य वक्ता थीं। उन्होंने तकनीक के नैतिक व जिम्मेदार उपयोग पर जोर दिया गया। उन्होंने बताया कि डिजिटल साक्षरता के माध्यम से सोशल मीडिया का प्रोफेशनल व करियर विकास के लिए किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है।
एकेडमिक कंसल्टेंट एमेरिटस राखी पेसवानी ने ई-कॉमर्स में डिजिटल साक्षरता के महत्व को रेखांकित किया और प्रतिभागियों को डिजिटल साक्षरता के व्यावहारिक उदाहरण बताए। उन्होंने साइबर सिक्योरिटी के बारे में जानकारी दी और धोखाधड़ी से बचने के तरीके भी बताए।
वर्कशॉप के समापन पर डीन डॉ. विनीत मेहता और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग की एचओडी डॉ. लक्ष्मी चौधरी ने वक्ताओं को स्मृति चिन्ह भेंट किए। इन्होंने बताया कि स्टूडेंट्स में डिजिटल जिम्मेदारी के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने और प्रौद्योगिकी के सुरक्षित व कुशल उपयोग के लिए तैयार करने के उद्देश्य से यह वर्कशॉप आयोजित की गई।