– राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष
– स्वतंत्रता सेनानी सरोजनी नायडू के जन्मदिन पर मनाया जाता है राष्ट्रीय महिला दिवस
(दिव्यराष्ट्र के लिए-डॉ लोकेश कुमार चंदेल)
जयपुर। माँ के साथ ममता मिलती, बहिन के साथ मिलता दुलार, नारी शक्ति पुज्यनीय समझो, ये लगाती जीवन की नैया पार। नारी बिना पुरुष अधूरा है, नारी से ही घर पूरा।
भारत में राष्ट्रीय महिला दिवस स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता और कवियत्री सरोजनी नायडू के जन्मदिन पर मनाया जाता है। क्योंकि भारतीय महिलाओं के लिए उनका जीवन के हर क्षेत्र में योगदान करने के लिए प्रेरित करता है। उनका जन्म 13 फरवरी, 1879 को हुआ.. उन्हें भारत की कोकिला और भारत कोकिला के रूप में पहचान मिली थी। इसी कारण राष्ट्रीय महिला दिवस 13 फरवरी को मनाया जाता है। उन्होंने देशभक्ति, प्रेम, धर्म और त्रासदी के विषयों पर आधारित कई कविताएं लिखी। वे एक स्वतंत्रता सेनानी और संयुक्त प्रांत अर्थात उत्तर प्रदेश की पहली राज्यपाल भी रही थीं। “भारत छोड़ो आन्दोलन’ में उन्होंने भाग लिया, इसलिए वे 21 महीने जेल की यातनाएं सहीं थीं। उनका संविधान निर्माण में भी बड़ा योगदान रहा। भारत की विकास यात्रा में नारी शक्ति के योगदान को कोई नकार नहीं सकता है… आज महिलाओं को जो भी दायित्व मिल रहा है, वे आज बड़ी ईमानदारी से भारत का तिरंगा दुनिया में फहरा रही हैं। महिलाएं आज देश की सीमाओं की रक्षा कर रह रही है, वहीं आसमान में वायुयान चलाकर अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रही हैं। ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं हैं, जहां महिलाएं अच्छा कार्य नहीं कर रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार भी महिलाओं के उत्थान और हक दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। महिला सशक्तीकरण की दिशा में कई कठोर कदम उठाए हैं। जिसका लाभ बड़े पैमाने पर देश की महिलाओं को मिलने लगा है। महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंघा मिलाकर आगे बढ़ रही है । सरकार ने महिलाओं के लिए “प्रधानमंत्री उज्जवला योजना’, “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना’, “सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना’, “फ्री सिलाई मशीन योजना’, “महिला शक्ति केन्द्र योजना’, “सुकन्या समृद्धि योजना’ चला रही है। ये योजनाएं महिलाओं को सम्बल करने में सहयोग प्रदान कर रही है।
प्रधानमंत्री उज्जवला योजनाः-
इस योजना से महिलाओं को अब खाना बनाते समय धुंआ से छुटकारा मिल गया है। अब उनकी आंखें शीघ्र खराब नहीं होगी। यह योजना 2016 को प्रारंभ की गई थी। अब तक साढ़े 10 करोड़ महिलाओं को लाभ मिल चुका है। केन्द्र सरकार ने तेल कम्पनियों को हर एक कनेक्शन पर 1600 रूपए की सब्सिड़ी देती है । यह सब्सिड़ी सिलेण्डर को सिक्योरिटी और फिटिंग शुल्क के लिए होती है। जिन परिवारों के नाम बीपीएल कार्ड है, उन परिवारों को इस योजना का लाभ मिलता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि महिलाओं को लकड़ी और कोयले के धुएं से मुक्त कराना है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना* प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस योजना का शुभारंभ हरियाणा के पानीपत से 22 जनवरी, 2015 में किया था। इस योजना का लक्ष्य यह था कि बालिका लिंगानुपात में गिरावट रोकना और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देना है। यह योजना उन महिलाओं की मदद करती है, जो घरेलू हिंसा या किसी भी प्रकार की हिंसा का शिकार होती है तो उसे पुलिस, कानूनी, चिकित्सा जैसी सेवाएं दी जाती हैं। इस योजना का सबसे बड़ा लाभ राष्ट्रीय लिंग अनुपात 2014-15 के 918 से बढ़कर 2023 -24 में 930 हो गया है।
सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन योजना*- इस योजना के तहत 100 फीसदी तक अस्पतालों या प्रशिक्षित
नर्सों की देखरेख में महिलाओं के प्रसव किया जाता है। प्रसव के दौरान मां और उसके बच्चे के स्वास्थ्य की उचित देखभाल की जा सके। सुरक्षित मातृत्व आश्वासन
सुमन योजना का प्रारंभ 10 अक्टूबर, 2019 को की गई थी। इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की जीवन सुरक्षा के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं सरकार की ओर से प्रदान की जा रही है। इस योजना का लक्ष्य माता और नवजात शिशुओं की मृत्यु को रोकना है।
सुकन्या समृद्धि योजना*- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 जनवरी, 2015 को सुकन्या समृद्धि योजना का प्रारंभ किया। इस योजना के तहत दस साल से कम उम्र की बालिकाओं के नाम से बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवाकर उस बालिका के नाम से पैसे जमा करवा सकते हैं। स्कीम पूरी हो जाने पर वह पूरा पैसा उसे मिलेगा जिसके नाम से खाता खुलवाया गया था। यह बालिकाओं की उच्च शिक्षा और शादी के लिए यह अच्छी योजना है। इस योजना में एक परिवार से दो बालिकाओं का ही खाता खुल सकता है। इस योजना में 8.2 प्रतिशत ब्याज मिलता है।
महिला शक्ति केन्द्र योजना*- यह योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से 2017 में प्रारंभ की गई। यह योजना महिलाओं के संरक्षण और सशक्तिकरण के लिए तैयार की गई है। इस योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को सामाजिक भागीदारी के माध्यम सषक्त बनाने की योजना है। यह योजना राष्ट्रीय,राज्य, जिला स्तर पर कार्य करती है।
फ्री सिलाई मशीन योजनाः- केन्द्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए फ्री सिलाई मशीन योजना लेकर आई है। इस योजना के तहत महिलाओं को 15000 रूपए और फ्री सिलाई मशीन दी जाएगी। इस योजना के तहत खासतौर पर उन महिलाओं के लिए है जो स्वरोजगार के जरिए आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं और अपने परिवार का आर्थिक रूप से सहयोग करना चाहती हैं। इससे महिलाओं को घर से बाहर जाकर रोजगार करने की आवश्यकता नहीं पडेगी, वह घर बैठे ही अपना रोजगार चला सकती है।
बहरहाल, यह कह सकते हैं कि राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के सामाजिक , आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक क्षेत्रों में की जा रही उपलब्धियों पर चिंतन मनन करने का एक अवसर है।