– भारत मंडपम में 21 जुलाई से शुरू होगा वर्ल्ड हैरिटेज कमेटी का 46वां सत्र
नई दिल्ली, दिव्यराष्ट्र। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जी-20 की मेजबानी के बाद 21-31 जुलाई तक वर्ल्ड हैरिटेज कमेटी (डब्ल्यूएचसी) का 46वां सत्र अगला मील का पत्थर साबित होगा। डब्ल्यूएचसी का यह सत्र भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करेगा। भारत में पहली बार भारत की ही अध्यक्षता में इसका आयोजन एक गौरवशाली अवसर है।
शुक्रवार को सत्र से पहले प्रेस वार्ता में शेखावत ने कहा कि विश्व धरोहर समिति का सत्र भारत को अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, अपने स्थलों के रख-रखाव, प्रबंधन और भारत द्वारा अपनी विरासत को दी जाने वाली प्राथमिकता को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करेगा। डब्ल्यूएचसी के सत्र से पहले सरकार ने एक लोक कला परियोजना शुरू की है, जिसमें भारत की सांस्कृतिक विरासत और देश के यूनेस्को विरासत स्थलों पर आधारित कार्य शामिल हैं। मेजबान शहर के रूप में दिल्ली को किस मानदंड के तहत चुना गया, के सवाल पर शेखावत ने कहा कि सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण इस आयोजन के लिए दिल्ली ‘स्वाभाविक पसंद’ थी। उन्होंने कहा कि हमें पूरा विश्वास है, यह बैठक अपने उद्देश्यों में पूर्णतः सफल और ऐतिहासिक सिद्ध होगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ल्ड हैरिटेज कमेटी का सत्र भारत मंडपम में होगा, जो जी-20 शिखर सम्मेलन का स्थल भी था। उन्होंने जानकारी दी कि कार्यक्रम के उद्घाटन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी के लिए ‘सैद्धांतिक मंजूरी’ मिल गई है। गौरतलब है कि इस समय भारत का दुनिया में यूनेस्को स्थलों की संख्या के हिसाब से छठा स्थान है। भारत के अलावा इटली, स्पेन, जर्मनी, चीन और फ्रांस ऐसे देश हैं, जहां पर 42 या उससे अधिक विश्व धरोहर स्थल हैं।