स्किल सेंटर का शुभारंभ और ऐतिहासिक हरित अभियान का सशक्त नेतृत्व
जयपुर, दिव्यराष्ट्र/पिंक सिटी जयपुर के एक ऐतिहासिक दौरे के दौरान भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने चौधरी चरण सिंह नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल मार्केटिंग ( सीसीएस एनआईएएम ), जयपुर में एक स्किल सेंटर का उद्घाटन किया। यह स्टेट-ऑफ-द-आर्ट फैसिलिटी एग्री-बिज़नेस मैनेजमेंट, वेयरहाउस ऑपरेशंस, वैल्यू चेन डेवलपमेंट और डिजिटल एग्रीकल्चर में व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए एक विशेषीकृत केंद्र के रूप में विकसित की गई है। इसका उद्देश्य अगली पीढ़ी के एग्री-एंटरप्रेन्योर्स, कोऑपरेटिव्स और मार्केटिंग प्रोफेशनल्स को प्रशिक्षित कर उन्हें सक्षम बनाना है।
मौजूदा वर्कफोर्स को पहचानते हुए और उन्हें सशक्त बनाते हुए, मंत्री महोदय ने वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (वाड्रा) के सहयोग से लागू रिकग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) कार्यक्रम के अंतर्गत प्रमाणित प्रशिक्षुओं को सम्मानित किया। आरपीएल प्रमाणन का उद्देश्य वेयरहाउस में कार्यरत असेयर्स (गुणवत्ता जांचकर्ता) के पूर्व अनुभव को मान्यता देना है, और उनके कौशल को राष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों के अनुरूप बनाना है। इससे उनकी रोज़गार क्षमता बढ़ती है और एग्री-लॉजिस्टिक्स वर्कफोर्स को औपचारिक क्षेत्र से जोड़ा जा सकता है।
छात्रों, फैकल्टी और विभिन्न सेक्टर्स एक्सपर्ट्स के साथ बातचीत करते हुए चौधरी ने कहा,“यह देखकर हर्ष होता है कि कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के तहत इस प्रतिष्ठित संस्थान में सार्थक स्किलिंग इनिशिएटिव्स चलाए जा रहे हैं।भारत द्वारा दुनिया की सबसे बड़ी फूड ग्रेन स्टोरेज प्लान की शुरुआत के साथ, यह आवश्यक है कि स्किलिंग को युवाओं के लिए पहली पसंद के रूप में स्थापित किया जाए-उन्हें फ्लेक्सिबल, मार्केट-रेडी करियर पाथ्स के माध्यम से सशक्त बनाते हुए।”
अपने दौरे के दौरान, चौधरी ने सीसीएस एनआईएएम परिसर में स्थित कृषि उद्यमिता उपवन में एक पौधा भी रोपित किया, जिससे संस्थान की सस्टेनेबल डेवलपमेंट के प्रति प्रतिबद्धता को और मज़बूती मिली। इसके बाद उन्होंने भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री एवं किसानों के महान नेता चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि चौधरी साहब का दूरदर्शी चिंतन आज भी भारत की ग्रामीण नीतियों और विकास योजनाओं को दिशा देता है।
बाद में, पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए माननीय मंत्री ने जयपुर ग्रामीण के नेवटा ग्राम पंचायत में “चौधरी चरण सिंह पारिवारिक वानिकी मिशन” के दूसरे चरण का उद्घाटन किया। यह वृक्षारोपण अभियान चौधरी चरण सिंह की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में प्रारंभ किए गए एक राष्ट्रीय आंदोलन का हिस्सा है। इस मिशन का लक्ष्य वर्ष 2027 तक 1.25 करोड़ पेड़ लगाना और देशभर में 125 “स्मृति वन” (संस्थागत वनों) की स्थापना करना है। इस पहल का नेतृत्व शिक्षकों, छात्रों, अभिभावकों, युवाओं और ग्राम पंचायतों द्वारा किया जा रहा है। इसमें राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत की विशेष भूमिका है, जिसने अकेले इस वर्ष 10 लाख पौधे लगाने का संकल्प लिया है।
एक ही दिन में, राजस्थान के 500 से अधिक स्थानों पर एक लाख से अधिक पौधों का रोपण किया गया जो कि राज्य के सबसे बड़े सामुदायिक नेतृत्व वाले हरित अभियानों में से एक रहा। मंत्री ने इस प्रयास को पर्यावरणीय कार्रवाई और विरासत निर्माण का संगम बताया। उन्होंने कहा कि“यह मिशन केवल पेड़ लगाने का कार्य नहीं है, यह चौधरी चरण सिंह की किसान-हितैषी विचारधारा को जलवायु न्याय और पारिवारिक उत्तरदायित्व से जोड़ने का प्रयास है। जैसे उन्होंने हर किसान को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा दी, वैसे ही यह अभियान हर परिवार और समुदाय को पर्यावरण का संरक्षक बनने का संकल्प देता है।”
दीर्घकालिक प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए इस पहल में पौधों की जिओ-टैगिंग, जनजागरूकता अभियान, और सामुदायिक निगरानी जैसे ठोस उपाय शामिल किए गए हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य केवल वृक्षारोपण नहीं, बल्कि उन्हें समृद्ध पारिस्थितिक तंत्रों में बदलना है, जहाँ शिक्षा, समाज, और शासन तीनों समान भागीदार बनकर हरित एवं जलवायु-प्रतिकारक भारत के निर्माण में योगदान दें।