जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी में लॉन्च हुई अनोखी क्रेच सुविधा – माँ की मुस्कान और करियर दोनों को एक साथ सम्भालने की पहल
जयपुर, दिव्यराष्ट्र/ “जब देखभाल एक संकल्प बन जाए, तब सशक्तिकरण एक जीवनशैली बन जाता है।”
जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी ने हमेशा से यह समझा है कि वूमेन एंपावरमेंट केवल अवसर देने से नहीं, एक इन्क्लूसिव और कोलैबोरेटिव एन्वायरमेंट बनाने से होता है।
इसी सोच की नींव पर खड़ा हुआ है – स्पर्श, एक ऐसा कदम जो मातृत्व और करियर के बीच संतुलन बनाता है। यह यूनिवर्सिटी कैंपस के भीतर शुरू की गई पहली ऑन-कैंपस क्रेच सुविधा है, जिसे विशेष रूप से वर्किंग मदर्स के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि वे गिल्ट फ्री होकर अपने प्रोफेशनल कार्यों पर फोकस कर सकें, यह जानते हुए कि उनका बच्चा ठीक पास में, सुरक्षित और स्नेहमयी रख–रखाव में है।
जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी की एम्पलाइज स्ट्रक्चर में कुछ ही समय पेहले 50% से अधिक महिलाएं टीचिंग, एडमिनिस्ट्रेटिव और लीडरशिप रोल्स में शामिल हुई हैं। इसी तथ्य ने यह विचार को जन्म दिया कि अब बातों से बढ़कर, महिलाओं को ‘वर्क-लाइफ हार्मनी’ के लिए ठोस, स्ट्रक्चरल सॉल्यूशन दिए जाएं।
स्पर्श केवल एक क्रेच नहीं है, यह एक ऐसा गिल्ट-फ्री प्रोडक्टिविटी मॉडल है, जो मदर्स को यह मानसिक शांति देता है कि वे अच्छी माँ भी हैं और एक इंस्पिरेशनल प्रोफेशनल भी। यह पहल उन नई माताओं के लिए एक वरदान है, जो करियर और बच्चों के बीच उलझकर अक्सर करियर ब्रेक लेने को मजबूर हो जाती हैं। अब उन्हें वह विकल्प नहीं चुनना पड़ेगा, जिससे वह बिना किसी सेकंड थोट के अपना काम कर सकती हैं।
यह सुविधा 6 माह से 3 वर्ष तक के बच्चों के लिए बनाई गई है, जहाँ ट्रेन्ड केयरगिवर्स बच्चों को न केवल देखभाल, बल्कि सीखने, खेलने और इमोशनल डेवलपमेंट का भी अवसर प्रदान करते हैं।
स्पर्श का उद्घाटन राइट हाउस की फाउंडर और एक यंग मदर, मानसी मंगल के द्वारा किया गया। इस मौके पर उनका छोटा बेटा अगस्त्य भी मौजूद था – जो प्रतीक है कि यह पहल केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं, एक भावना है।
जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी एक बार फिर साबित करती है कि वह केवल शिक्षा नहीं देती, वह जीवन को संवारती है।
स्पर्श इस बात का प्रमाण है कि असल में बदलाव वहीं से शुरू होता है जहां इंस्टीट्यूशंस इंक्लूजन की तरफ बढ़ते।
हम चाहते हैं कि कोई भी महिला केवल माँ या प्रोफेशनल न बने – वह दोनों बन सके, पूरे कॉन्फिडेंस और सपोर्ट के साथ।
स्पर्श के साथ जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी एक संदेश देती है कि हम शिक्षा के साथ संवेदना भी सिखाते हैं। हम करियर के साथ मातृत्व को भी महत्व देते हैं। और हम जानते हैं कि जब एक माँ को सहयोग मिलता है, तभी एक पीढ़ी आगे बढ़ती है।