बारिश से गेहूं की फसल की बल्ले बल्ले, बिजली की खपत कम होने से अधिकारियों ने ली राहत की सांस

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(दिव्यराष्ट्र के लिए हरप्रकाश मुंजाल)

अलवर. दिव्यराष्ट्र/ जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से गेहूं की फसल के लिए यह वरदान साबित हो रही है. दूसरी तरफ बिजली की खपत कम होने से विद्युत अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली है. वरना बिजली की एक अघोषित कटौती के चलते किसान काफी आक्रोशित थे और आए दिन विद्युत स्टेशनों का घेराव कर रहे थे. लेकिन लगातार बारिश की झड़ी लगने से किसानों ने भी राहत की सांस ली है.

किसानों का मानना है कि गेहूं की फ़सल में करीब 5 से 6 बार सिंचाई की जाती है. इस बारिश से करीब दो सिंचाई की बचत हो गई है और उन्हें काफी आर्थिक लाभ हुआ है.
अलवर जिले में हर वर्ष व्यापक स्तर पर गेहूं की फसल बोई जाती है और प्रदेश में गेहूं उत्पादन के मामले में जिला नंबर वन माना जाता है. ऐसे में यह बारिश किसानों के लिए अमृत साबित हो रही है. उधर सरसों की फसल में भी यह बारिश लाभदायक सिद्ध हुई है. क्योंकि अब दूसरा पानी देने की कोई गुंजाइश नहीं बची है. सरसों की फ़सल मैं अधिकतम दो बार सिंचाई की जाती है.जिले में सरसों की नई फसल फरवरी माह के दूसरे सप्ताह तक मंडी में आ जाती है. ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि एक माह के अंदर सरसों की नई फसल के मंडी में आवक शुरू हो जाएगी. किसान ईश्वर से दुआ मांग रहे हैं कि ओलावृष्टि से इन फसलों को दूर रखा जाए. किसानों का मानना है कि यदि ओलावृष्टि नहीं हुई तो तो इस बार गेहूं और सरसों का रिकॉर्ड उत्पादन होगा. हालांकि कुछ दिन पूर्व जिले में हुई ओलावृष्टि से करीब 30% सरसों की फ़सल कई इलाकों में खराब होने की संभावना जताई जा रही है.

उधर कृषि विभाग के अधिकारियों का मानना है कि किसानों को समय रहते गेहूं की फसल में खरपतवार समाप्त करने के लिए दवा का छिड़काव कर देना चाहिए और यूरिया खाद का भी सही मात्रा में उपयोग करने से ज्यादा से ज्यादा उत्पादन हासिल किया जा सकेगा . कृषि अधिकारियों का यह भी मानना है कि इस बार जिले में लक्ष्य से अधिक गेहूं व सरसों की बुवाई हुई है.ऐसे में रिकार्ड उत्पादन होने की संभावना है

बारिश के चलते सर्दी का प्रकोप बढ़ने से सरसों की फसल में पाला पड़ने की संभावना भी जताई जा रही है।किसानों को इस संबंध में अलर्ट किया गया है।

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