Home हेल्थ महिलाओ में थाइरॉइड और एनीमिया की समस्या बढ़ी

महिलाओ में थाइरॉइड और एनीमिया की समस्या बढ़ी

0

दिव्यराष्ट्र, जयपुर: भारत में लगभग 42मिलियन लोग थायरॉइड से जुड़ी बीमारियों से प्रभावित हैं जिनमें हाइपोथायरॉइडिज्म सबसे आम है यह बीमारी 10 में से 1 वयस्क को होती है। हाइपोथायरॉइडिज्म के मरीजों में से 41.8 प्रतिशत एनीमिया से भी पीड़ित होते हैं। वर्ल्ड थायरॉइड अवेयरनेस मंथ के दौरान यह याद दिलाना जरूरी है कि इन दोनों बीमारियों का इलाज न होने पर जीवन की गुणवत्ता और उत्पादकता पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

एबॉट इंडिया की मेडिकल अफेयर्स हेड, डॉ. रोहिता शेट्टी ने बताया भारत में हाइपोथायरॉइडिज्म और एनीमिया जैसी स्वास्थ्य समस्याएं आम हैं, लेकिन इन्हें समय पर पहचानकर और सही इलाज से नियंत्रित किया जा सकता है। इन दोनों बीमारियों के बीच संबंध को लेकर जागरूकता बढ़ाना बेहद जरूरी है। अगर आपके किसी जानने वाले को गर्मी में भी ठंड लगती है या वह हर समय थकान महसूस करता है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने के लिए प्रोत्साहित करें।”

डॉ. एस के शर्मा कंसल्टेन्ट एंडोक्राइनोलॉजिस्ट गैलेक्सी स्पेशलटी सेंटर, जयपुर ने बताया हाइपोथायरॉइडिज्म और एनीमिया की समस्या लगातार बढ़ रही है। 15 से 49 साल की महिलाओं में एनीमिया के मामले 2015-16 में 53प्रतिशत थे, जो 2019-2021 में बढ़कर 57प्रतिशत हो गए। लोगों को इन दोनों बीमारियों के बीच के संबंध को समझना चाहिए, ताकि सही समय पर बीमारी की पहचान हो सके और इलाज सुनिश्चित किया जा सके।”

एनीमिया तब होता है जब शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की संख्या सामान्य से कम हो जाती है यह स्थिति अक्सर हाइपोथायरॉइडिज्म के साथ देखी जाती है। हाइपोथायरॉइडिज्म में थायरॉइड ग्रंथि पर्याप्त थायरॉइड हॉर्माेन नहीं बनाती जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करते हैं। मेटाबॉलिज्म यह तय करता है कि शरीर ऊर्जा का उपयोग कैसे करेगा। सर्दियों में इस समस्या के लक्षण अधिक स्पष्ट हो सकते हैं, जैसे पीली त्वचा, जो एनीमिया का संकेत हो सकती है। हालांकि, इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। ऐसे में इन लक्षणों पर ध्यान देना और समय पर चिकित्सा परामर्श लेना बेहद जरूरी है।

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version