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जिस पुंगी से सपेरे साप को जगाया करते थे,आज उसी समाज की बेटी ने जगा दिया भारत का सिस्टम

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ममता जोगी का यूपीएससी में धमाका

डूंगरगढ़ , दिव्यराष्ट्र/ कालबेलिया समाज – एक ऐसा नाम जो अब तक मेल खाता था लोकनृत्य, सांप की पुंगी और रेगिस्तानी मेलों के रंग से। लेकिन अब यह समाज पहचाना जाएगा आईएएस बनने वाले हौसलों से। इसका श्रेय जाता है ममता जोगी को, जिन्होंने यूपीएससी सीएस ई 2024 में 921वीं रैंक लाकर समाज की पहली महिला अफसर बनने का गौरव प्राप्त किया।

राजस्थान के दुलसासर गांव की तंग गलियों और धूल भरी पगडंडियों से निकलकर दिल्ली के UPSC भवन तक पहुंचना कोई साधारण सफर नहीं था। जहां परिवारों की पीढ़ियाँ शिक्षा से वंचित रहीं, वहीं ममता ने किताबों से दोस्ती कर कालबेलिया समाज की तकदीर बदलने की कहानी लिख दी।

यह सफलता सिर्फ ममता की नहीं, यह हर उस बच्ची की है जो आज भी सपनों को आँखों में कैद कर घूंघट के पीछे जीती है। यह उन मां-बाप की भी जीत है जो पहली बार सोच पाएंगे कि उनकी बेटी भी अफसर बन सकती है।

रामनाथ कालबेलिया (पचपदरा) कहते हैं,
“आज हमारे समाज ने इतिहास नहीं, भविष्य लिखा है। ममता की कलम ने जो शुरुआत की है, वह एक आंदोलन में बदलेगी।”
अब पुंगी की धुन पर नहीं, सिविल सेवा के आदेशों पर चलेगा समाज। ममता – तुम सिर्फ अफसर नहीं, आशा की नई परिभाषा हो।

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