समाज को प्रतिभाशाली डॉक्टर मिले, समय पर विद्यार्थी को डिग्री मिले – राज्यपाल
जयपुर, दिव्यराष्ट्र/। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा है कि विश्वविद्यालय में जिस वर्ष विद्यार्थी की शिक्षा पूरी हो, उसी साल दीक्षांत समारोह आयोजित किया जाए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को समय पर डिग्री मिले, इसके लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जाएं। उन्होंने चिकित्सकीय शिक्षा में इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाए कि विद्यार्थी की बौद्धिक क्षमता बढ़े। समाज को अच्छे और प्रतिभाशाली डॉक्टर मिले। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा में मौलिक शोध और अनुसन्धान पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय देश विदेश के दूसरे विश्वविद्यालयों से कॉलोबोरेशन कर इस क्षेत्र के नए ज्ञान के आदान प्रदान का संवाहक बने।
राज्यपाल बागडे मंगलवार को बिड़ला सभागार में राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के दशम दीक्षांत समारोह में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी की बौद्धिक क्षमता और ध्यानाकर्षण कितना है, इसके लिए क्या क्या पढ़ा और उसमें क्या ध्यान में रखा इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि बौद्धिक क्षमता की जांच के लिए कोई मशीन नहीं बनी पर नकल की बजाय अकल से जो ज्ञान में सफलता प्राप्त करे वहीं बौद्धिक रूप में सशक्त है।
पीएसआरआई हार्ट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली के अध्यक्ष एवं पूर्व आचार्य और विभागाध्यक्ष, कार्डियोलॉजी विभाग, एम्स, नई दिल्ली के डा. के.के. तलवार ने दीक्षांत व्याख्यान प्रदान किया। कुलगुरु प्रो. (डॉ.) प्रमोद येवले ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया
इस वर्ष दीक्षांत समारोह में मेडिसिन संकाय के सुपरस्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों के अंतर्गत डी.एम. की 52 तथा एम.सी.एच. की 51 उपाधियाँ प्रदान की गईं। इसके अतिरिक्त मेडिसिन व फार्मेसी संकाय के पीएच.डी. पाठ्यक्रमों के लिए वर्ष 2024 में उत्तीर्ण 21 शोधार्थियों को भी उपाधियाँ दी गईं।
अकादमिक उत्कृष्टता को सम्मानित करने हेतु विश्वविद्यालय द्वारा यू.जी. (स्नातक) पाठ्यक्रमों में अंतिम वर्ष की परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 9 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक तथा फार्मेसी संकाय के एम. फार्मा पाठ्यक्रम में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को चांसलर गोल्ड मेडल प्रदान किया गया।
डिजिटल इंडिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. (डॉ.) प्रमोद येवले ने अवगत कराया कि समारोह में कुल 15,130 उपाधियाँ भारत सरकार के नेशनल अकैडमिक डिपॉजिटरी पोर्टल पर डिजिटल प्रारूप में अपलोड की गई हैं, जिससे विद्यार्थियों को उपाधियों की प्रमाणिकता एवं पहुँच में सरलता होगी।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा चिकित्सा, विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए प्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं पूर्व महानिदेशक, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च डॉ. विश्व मोहन कटोच को मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
समारोह में नारी सशक्तिकरण की प्रभावशाली झलक देखने को मिली। आमंत्रित कुल 134 प्रतिभागियों में से 39 महिलाएँ थीं। डी.एम. और एम.सी.एच. पाठ्यक्रमों में 16 महिलाएँ थीं, जबकि पीएच.डी. उपाधि प्राप्त करने वाले 21 में से 15 महिलाएँ रहीं। यू.जी. पाठ्यक्रमों में गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाले 9 में से 8 स्वर्ण पदक महिलाओं को प्रदान किए गए।