दिव्यराष्ट्र, जयपुर: खाटूश्याम जी स्थित वृंदावनधाम धर्मशाला प्रांगण में बजाज फाउण्डेशन के जमनालाल कनीराम बजाज ट्रस्ट की ओर से 4 अक्टूबर सुबह 10 बजे से तीन दिवसीय सुभाष पालेकर कृषि प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है। किसानों के इस महासमागम ने देश भर के 13 राज्यों से करीब 1000 किसान भाग ले रहे हैं। इस सम्मेलन और कृषि कार्यशाला का उद्घाटन शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री राजस्थान सरकार श्री मदन दिलावर करेंगे।
इस अवसर पर सुभाष पालेकर कृषि के अन्वेषक पद्मश्री डॉ. सुभाष पालेकर, जमनालाल कनीराम बजाज ट्रस्ट के ट्रस्टी अपूर्व नयन बजाज और बजाज गुप के सीएसआर अध्यक्ष श्री हरिभाई मोरी सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे।
इस कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर अन्य गणमाण्य अतिथियों में राजस्थान सरकार के राज्यपाल श्री हरिभाउ बागड़े मुख्य अतिथि होंगे।इस अवसर पर स्वामी केशवानंद एग्रिकल्चरल यूनिवर्सिटी बीकानेर एवं जोधपुर के वाइस चांसलर डॉ. अरुण कुमार, नाबार्ड के चीफ जनरल मैनेजर श्री राजीव सिवाच, कृषि आयुक्त सुश्री चिन्मयी गोपाल, राजीविका के स्टेट मिशन डायरेक्टर आशुतोष ए.टी. पेढनेकर, सीकर के जिला कलेक्टर श्री मुकुल शर्मा, कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर फतहपुर के डीन डॉ. हरफूल सिंह, राजीविका की डीपीएम श्रीमती अर्चना मौर्य, आत्मा (एटीएमए) की डिप्टी डायरेक्टर श्रीमती प्रिया झांझरिया, हॉर्टीकल्चर के ज्वाइन्ट डायरेक्टर श्री शिवजी राम कटारिया, एडिशनल चीफ इंजीनियर वॉटर शेड बजरंग मीणा सहित अन्य प्रतिष्ठित लोग उपस्थित रहेगे।
इस किसान सम्मेलन के बारे में जानकारी देते हुए ट्रस्ट के प्रवक्ता ने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश देश को रसायन युक्त खेती और किसानों को कम लागत की खेती कर स्वावलंबी बनाने के साथ ही उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है। प्रवक्ता का कहना था कि सीकर और शेखावाटी का ये हिस्सा एक प्रकार से किसानों का गढ़ है। यहां के किसानों ने हमेशा ये साबित किया है कि उनकी मेहनत के आगे कुछ भी मुश्किल नहीं है। पानी की कमी के बावजूद यहां किसानों ने धरती से भरपूर फसल लेकर दिखाई है। किसान का सामर्थ्य, किसान का परिश्रम, मिट्टी से भी सोना निकाल देता है। इसी बात के मद्देनजर सम्मेलन श्याम बाबा की नगरी में आयोजित करने का निर्णय किया गया।
इसी दिन सुभाष पालेकर कृषि कार्यशाला के अवसर पर श्री सुभाष पालेकर (पद्मश्री पुरस्कार विजेता) डॉ. अरुण कुमार (कुलपति, स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर और कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर) श्री मदन दिलावर, कैबिनेट मंत्री किसानों को कृषि जगत में आए खेती के अधुनातन तकनीकों, रसायन मुक्त खेती आदि के बारे में सम्बोधित करेंगे।
गौरतलब है कि सुभाष पालेकर कृषि संकल्पना विधि की यह परिकल्पना है कि किसान सभी आवश्यक आदान (इनपुट्स) घर या इसके आसपास उपलब्ध संसाधनों द्वारा ही बनाएगा। इन सभी क्रियाओं का इसलिए शून्य लागत प्राकृतिक खेती नामकरण किया गया है जिसमें ‘शून्य लागत‘ का अभिप्राय है कि फसल में आदान आवश्यकता के लिए बाजार से कुछ भी नहीं खरीदना।
सुभाष पालेकर कृषि का मूल सिद्धांत है कि वायु, पानी तथा जमीन में सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। इसलिए फसल या पेड़ पौधों के लिए किसी भी बाहरी रसायनिक खाद की आवश्यकता नहीं है। यह प्राकृतिक खेती विधि, मित्र कीट-पतंगों की संख्या में वृद्धि एवं अनुकूल वातावरण का निर्माण कर फसलों को शत्रु कीट पतंगों एवं बीमारियों से सुरक्षित करती है। इस तरह किसी भी कीटनाशक या फफूंदनाशक की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।