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मोबाईल से दूरी और स्ट्रेटजिक तैयारी से बनी टॉपर- सुहानी सिंह

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– सीयूईटी प्रो एवं नीरजा मोदी स्कूल की ओर सीयूईटी में देशभर में टॉप करने वाली स्टूडेंट सुहानी सिंह का हुआ सम्मान।

जयपुर, दिव्यराष्ट्र/ मोबाईल से दो साल नियमित दूरी और स्ट्रेटजिक तैयारी से देशभर में टॉप करने में सफलता मिली। ये कहना है नेशनल टेस्टिंग ऐजींसी (एनटीए) की ओर से देश की 280 यूनिवर्सिटीज में यूजी एडमिशन के लिए आयोजित परीक्षा सीयूईटी में टॉपर रही जयपुर की सुहानी सिंह का। वे सोमवार को सीयूईटी प्रो एवं नीरजा मोदी स्कूल की ओर से उनके सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थी। सुहानी स्कूल की लास्ट ईयर की हेड गर्ल भी थी और उन्होंने सीयूईटी की परीक्षा में सभी पांच विषयों में 200 में से 200 अंक प्राप्त किए एवं पूरे देश में टॉप किया है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय नियमित अभ्यास के साथ ही मोबाईल से दूरी, स्ट्रेटजिक तैयारी, फैकल्टी एवं सीयूईटी एक्सपर्ट मेंटोर परेश गुप्ता को दिया। सुहानी ने माता-पिता दोनों के चिकित्सक होने के बाद भी उन्हें अपनी पसंदीदा स्ट्रीम में पढाई करने के लिए प्रेरित करने की बात भी कही। आयोजन के दौरान सीयूईटी की परीक्षा में दूसरे स्थान पर रहने वाली हर्षिता शर्मा, अपेक्षा धाबाई, रिद्धि खंडेलवाल को भी सम्मानित किया गया। इस दौरान स्कूल की प्रिंसीपल इन्दु दुबे, सीयूईटी प्रो फाउंडर परेश गुप्ता समेत अन्य गणमान्य लोगों ने सम्मानित किया।

लगातार दूसरी बार टॉपर
सीयूईटी प्रो के फाउंडर परेश गुप्ता ने बताया कि सीयूईटी की अब तक हुई तीन परीक्षाओं में दो बार देश में उन्होंने टॉपर दिए है, जो कि एक मिसाल है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष भी टॉपर उन्हीं के स्टूडेंट रहे थे। परीक्षा की जानकारी देते हुए गुप्ता ने कहा कि नीट या जेईई से यह परीक्षा किसी भी तरह कमतर नहीं है एवं उन परीक्षाओं के मुकाबले इनमें अधिक स्टूडेंट शामिल होते हैं। इस परीक्षा का बेस सिलेबस एनसीईआरटी पर ही आधारित है, इसका पैटर्न एवं टाइम मैनेजमेंट समझकर तैयारी की जाए तो सफलता तय है। उन्होंने कक्षा 11 से स्कूल की पढ़ाई के साथ सीयूईटी की तैयारी करने पर सफलता मिलना तय बताया।

शुरूआत में ऑनलाईन, फिर ऑफलाईन*
गुप्ता ने बताया कि सीयूईटी प्रो की ओर से सीयूईटी की तैयारी शुरूआत में ऑनलाईन मोड पर प्रतिदिन एक घंटे की करवाई जाती है। इसके बाद हर परीक्षा के नजदीकी दिनों में आने पर ऑफलाईन क्लासेज शुरू होती है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन तीन से चार घंटे पढने पर सफलता मिलना तय है।

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