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स्टेज ओटिटी ने शिव, बाड़मेर में रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल की मेजबानी की

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जैसलमेर, दिव्यराष्ट्र/: स्टेज ओटीटी ने रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल, जो कि राजस्थान की सांस्कृतिक और संगीत विरासत का एक भव्य उत्सव है उसकी मेजबानी, सुरम्य रेगिस्तानी शहर शिव, बाड़मेर में की। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में 400 से अधिक मांगणियार कलाकार एक साथ आए, जिन्होंने सुरम्यी लय, भावपूर्ण गायन और पारंपरिक वाद्ययंत्रों का प्रदर्शन किया जो क्षेत्र की समृद्ध लोक परंपराओं को परिभाषित करते हैं। उत्सव की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई, इसके बाद “धरती धोरा री” की बहुत सुंदर प्रस्तुति ने कलात्मकता और सांस्कृतिक गौरव से भरी इस शाम को चार चाँद लगा दिए। विनय सिंघल, सीईओ और को-फाउंडर, स्टेज ओटिटी और श्री परवीन सिंघल, सीसीओ और को-फाउंडर, ने उत्सव की सफलता पर विचार करते हुए कहा, “रोहिड़ी म्यूजिक‌ फेस्टिवल पश्चिमी की जीवंत आत्मा को प्रदर्शित करने का एक अवसर था। राजस्थान के सुप्रसिद्ध कलाकारों को एक साथ लाकर, हमारा लक्ष्य राजस्थान की लोककथाओं को बड़े दर्शकों के सामने पेश करना है। यह त्यौहार ना केवल संगीत का उत्सव था बल्कि स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने और उनके सांस्कृतिक खजाने को संरक्षित करने की दिशा में एक कदम भी था। इस कार्यक्रम ने मांगणियार कलाकारों के उत्थान के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया, जिससे कलाकारों और उपस्थित लोगों के बीच समान रूप से गौरव को बढ़ावा देते हुए आर्थिक अवसर पैदा हुए। मुख्य आकर्षणों में विरासत लोक संस्थान, बिसाला की जोगा ढोल पार्टी और अकाला दरिया का मंत्रमुग्ध कर देने वाला प्रदर्शन था, जिन्होंने फिल्म पद्मावत के प्रतिष्ठित ट्रैक “घनी रे घनी खंबा” प्रस्तुत कर हज़ारों की तादाद वाले दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध कलाकारों की एक असाधारण टोली भी शामिल थी, जिसमें पद्म श्री पुरस्कार विजेता उस्ताद साकार खान का परिवार और उस्ताद लाखा खान के साथ-साथ शकूर खान, जसु खान बिस्सु, जसु खान मीर, हाकम खान निंबला, मोती खान और आर खान जैसे अन्य दिग्गज शामिल थे। उनके शानदार प्रदर्शन ने ना केवल दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया बल्कि मांगणियार समुदाय की सदियों पुरानी विरासत का सम्मान भी किया। मांगणियार लंबे समय से राजस्थान के प्रसिद्ध कहानीकार रहे हैं, जो जन्म और शादी से लेकर त्योहारों और फसल उत्सवों तक जीवन के हर पहलू में संगीत बुनते हैं। उनका संगीत, जो पीढ़ियों से चला आ रहा है, क्षेत्र के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ताने-बाने से गहरा संबंध दर्शाता है। रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल ने इस परंपरा का खूबसूरती से जश्न मनाया, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि कैसे मांगणियार समुदाय में संगीत महज मनोरंजन से आगे बढ़कर उनके दैनिक जीवन और रीति-रिवाजों का अभिन्न अंग बन गया है।

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