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पशु पक्षियों का जीवन बचाकर ‘‘कर्म योगी’’ की भूमिका निभा रहे गोविंद भारद्वाज

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विश्व पशु दिवस पर विशेष

वर्ष 2013 से अब तक हजारों पशु पक्षियों को दे चुके जीवनदान
बस फोन की घंटी बजी उठाई बाइक और चल देते हैं गोविंद भारद्वाज

कोटपूतली, दिव्य राष्ट्र/। यूं तो वर्तमान समय में सरकारी नौकरी मिलने के बाद लोग अपने आप को किसी खुदा से कम नहीं समझते सरकारी नौकरी मिलने के बाद झूठ, फरेब, रिश्वत खोरी के मक्कड जाल में फंस कर अपने दायित्वों को भूल कर रुतबा झाड़ते देखे जा सकते हैं। किन्तु सरकारी नौकरी मिलने के बाद अपने दायित्वों का पूर्णरूप से निर्वहन करे वह वास्तव में किसी कर्म योगी से कम नहीं होता। शुक्रवार को विश्व पशु दिवस है और हम बात कर रहे हैं एक ऐसे कर्म योगी की जिसने नौकरी लगने के बाद अपना संपूर्ण जीवन ही पशु पक्षियों के नाम दान कर दिया । यूं तो एल एस ए के पद पर पशु चिकित्सा विभाग में देश भर में बड़ी संख्या में लोग काम कर रहे हैं ऐसे भी कार्मिक मिलते हैं जो महज नौकरी के नाम पर खाना पूर्ति कर फील्ड वर्क कर मोटी कमाई कर रहे हैं लेकिन पावटा तहसील के ग्राम भांकरी निवासी पंकज भारद्वाज की कहानी इन सबसे परे है जिन्हें पैसे की कमाई नहीं अपितु जीवों कि सेवा कर सच्ची ईश्वरीय कमाई करने में आनंद की अनुभूति होती है। जो दिन हो या फिर रात बस एक फोन की घंटी बजी बिना अपनी और अपने परिवार की परवाह किए उठाई बाइक और चल देते हैं अपने कर्म पथ पर बेजुबान घायल व बीमार पशु पक्षियों का उपचार करने। इतना ही नहीं भारद्वाज विलुप्त होते जीवों को बचाने मे भी जुटे रहते है। इस कार्य में पूरा मार्गदर्शन उनके बडे भाई प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित डॉ गौरीशंकर शर्मा का है।
आपको बता दें कि भारद्वाज की नियुक्ति पशुपालन विभाग मे 8 अक्टूबर 2013 से पशुधन सहायक के रूप मे हुई थी । भारद्वाज ने अब तक के अपने सेवा काल मे 27218 गाय, 2666 नील गाय, 2123 मोर, 203 बन्दर ,108 लंगूर, दो जरख, दो हिरण ,तीन बाज, दो बिज्जू, एक उल्लू ,दो गीदड , आठ सौ से अधिक छोटे परिन्दों का उपचार किया। इसके अलावा 340 पशुओं के ऐसे बच्चों का निप्पल एवं बोतल से दूध पिलाकर पालन पोषण किया है। जिनकी मॉ मर गयी या जंगल में छोड़कर चली गई । इनमें नील गाय गाय, बन्दर एवं लंगूर के बच्चे सम्मिलित है। जब ये बच्चे घास खाने लगते है तो भारद्वाज द्वारा इन्हे जंगल मे छोड दिया जाता है। इन बच्चों को रोजाना सुबह एवं शाम बोतल तथा निप्पल से दूध पिलाते हैं। इस कार्य में बडे भाई डॉ गौरीशंकर शर्मा एवं भतीजे मोहित शर्मा एवं भतीजी दिव्या शर्मा भी रोज अपनी सेवा देते हैं। यही नही इन बेजुबान जीवों के बच्चों का भी भारद्वाज के प्रति इतना लगाव हो जाता है कि बोतल को देखते ही दौडकर दूध पीने आ जाते हैं। और जब इन बच्चों को बडा होने के बाद जंगल छोड़ने जाते है तो इनके साथ – साथ वन्य जीवों के बच्चों की ऑखों मे भी पानी आजाता है। भारद्वाज ने बताया कि मेरी माता का बचपन मे स्वर्गवास हो गया था अतः इन वन्य जीवों के बिना मॉ के बच्चों की सेवा करके अपने जीवन को सार्थक बना लूं ।
भारद्वाज ने छःहजार पॉच सौ लावरिश गायों के प्लास्टर कर उन्हें चलने योग्य बनाया – इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग 248 अत्यधिक व्यस्तम राजमार्ग है जिस पर आये दिन सड़क हादसों मे घायल होकर गायों के पैर टूट जाते है तो भारद्वाज उनके प्लास्टर कर उनको चलने योग्य बनाते है। इन्होंने6523 गोवंशो के प्लास्टर कर उनको चलने योग्य बनाया है।
25 लावारिश पशु पक्षियो को कुंए से सकुशल निकालकर उनकी जान बचाई – भारद्वाज ने नारायणपुर बानसूर पावटा शाहपुरा विराटनगर क्षेत्र क्षेत्र अब डॉ गौरीशंकर शर्मा मोहित शर्मा एवं दिव्या शर्मा के साथ मिलकर कुंए मे गिरकर घायल हुए 25 पशु पक्षियो को सकुशल निकाल उपचार उनकी जान बचाई। भारद्वाज दिन हो रात हमेशा पावटा, शाहपुरा, विराटनगर, कोटपूतली, बानसूर, नारायणपुर एवं थानागाजी क्षेत्र मे बेजुबान जीवो का उपचार करने जाते है। एवं उपचार मे आने वाली दवा एवं अन्य खर्चे स्वयं वहन करते है। इसके अलावा कोरोना काल मे जहाँ लोग अपना एवं अपनो का जीवन बचाने लगे हुए थे उस समय भारद्वाज डॉ गौरीशंकर शर्मा मोहित शर्मा एवं दिव्या शर्मा बेजुबान घायल पशु पक्षियो का जीवन बचाने मे जुटे हुए थे । कारोना काल मे हजारो पशु पक्षियो की जान बचाई । इन्होने गत वर्ष गायो मे फैली लम्पी स्कीन बीमारी के दौरान 1500 से अधिक गायों की जान बचाई । इन सभी कार्यो मे प्रेरणास्रोत इनके पिता वैद्य हनुमान प्रसाद मिश्रा रहे है जो सत्ताइसा क्षेत्र आयुर्वेद पद्धति के द्वारा लोगो का निःशुल्क उपचार करते थे आज वैद्य मिश्रा इस दुनिया मे नही परन्तु उनके पुत्र गोविन्द उन्ही की प्रेरणा सत्ताइस ही अपितु सम्पूर्ण क्षेत्र मे बेजुबान जीवो का उपचार कर रहे । पशुपालन विभाग के पूर्व निदेशक डॉ राजेश मान ने भी भारद्वाज के कार्यो की प्रशंसा की है। और कहा कि हर व्यक्ति को बेजुबान पशु पक्षियो की रक्षा करनी चाहिए ।

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