
दिव्यराष्ट्र, जयपुर: “सोलर एंड स्टोरेज कॉन्फेक्स 2025 राजस्थान” का आयोजन 20 जून को जयपुर के द ललित होटल में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। इस उच्चस्तरीय उद्योग बैठक के दौरान राजस्थान ने एक बार फिर भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्रांति में अपनी अग्रणी भूमिका को साबित किया। सम्मेलन में नीति-निर्माताओं, डेवलपर्स और तकनीकी विशेषज्ञों ने भाग लिया और राज्य की सौर ऊर्जा संभावनाओं तथा ऊर्जा भंडारण की बढ़ती आवश्यकता पर विस्तार से चर्चा की। 300 से अधिक प्रतिभागियों ने ज्ञान अर्जन और नेटवर्किंग के उद्देश्य से इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया।
बैठक में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि राजस्थान न केवल स्वच्छ ऊर्जा का उत्पादन कर रहा है, बल्कि देशभर में उसे पहुँचाने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का भी निर्माण कर रहा है।
राजस्थान के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार – “राजस्थान भारत के 500 गिगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य को – 90 गिगावॉट सौर और 25 गिगावॉट पवन ऊर्जा के माध्यम से – केवल स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन कर ही नहीं, बल्कि उसे देश के कोने-कोने तक पहुँचाने की रीढ़ भी बन रहा है। राज्य में 99,432 एमवीए की ईएचटी सबस्टेशनों की क्षमता और 44,638 किमी से अधिक ट्रांसमिशन लाइनें हैं। ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर फेज-1 के तहत 100% इन्ट्रा-स्टेट सबस्टेशन लक्ष्य और 93% ट्रांसमिशन लाइनें पहले ही पूरी हो चुकी हैं। अब फेज-2 में 10,750 सीकेएम और 27,500 एमवीए जोड़े जा रहे हैं। एसटीएनएएमएस की रीयल-टाइम मॉनिटरिंग और भविष्यवाणी क्षमताओं के साथ, राजस्थान भारत की ट्रांसमिशन रीढ़ का निर्माण कर रहा है।”
राजस्थान अब तेज़ी से भारत का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक राज्य बनने की ओर अग्रसर है, जो नीतिगत समर्थन, बुनियादी ढांचे की मजबूती और निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल के बल पर संभव हो रहा है। प्रतिभागियों ने उपयोगिता-स्तर और वितरित सौर परियोजनाओं को गति देने के लिए नीति स्थिरता, भूमि की उपलब्धता और वित्तीय नवाचार की आवश्यकता पर बल दिया।
ऊर्जा भंडारण की भूमिका पर भी प्रमुखता से विचार हुआ। विशेषज्ञों ने बताया कि बैटरी स्टोरेज सिस्टम का बड़े पैमाने पर उपयोग, ग्रिड की स्थिरता बनाए रखने, पीक डिमांड को संतुलित करने और 24×7 नवीकरणीय ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अत्यावश्यक है। इस दिशा में नियामकीय समर्थन और नवोन्मेषी व्यावसायिक मॉडल की आवश्यकता महसूस की गई।
श्री वरुण गुलाटी जी, सीईओ, सोलरक्वार्टर ने कहा – “राजस्थान न केवल बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा का उत्पादन कर रहा है, बल्कि वह उस बुनियादी ढांचे को भी आकार दे रहा है जो भारत की स्वच्छ ऊर्जा क्रांति को गति देता है। यहां हम सिर्फ विकास नहीं, बल्कि नेतृत्व को साकार होते देख रहे हैं। यदि यही गति और नीति समर्थन बना रहा, तो राजस्थान जल्द ही भारत की सौर राजधानी बन जाएगा।”
जैसे-जैसे राजस्थान नीति, अवसंरचना, प्रौद्योगिकी और निष्पादन के हर आयाम में प्रगति कर रहा है, वह भारत के नवीकरणीय ऊर्जा भविष्य की रीढ़ के रूप में उभर रहा है।




