पेरिस 2024 पैरालंपिक रजत पदक विजेता योगेश कथूनिया को दिल्ली में आयोजित एक शानदार कार्यक्रम में सम्मानित किया
दिल्ली, दिव्यराष्ट्र/छात्रों को सह-शिक्षा प्रदान करने वाले बेहद सम्मानित बोर्डिंग ब्रिटिश स्कूल, श्रूसबरी इंटरनेशनल स्कूल इंडिया ने अगस्त 2025 में अपने पहले शैक्षणिक सत्र के शुभारंभ से पहले भारत में सर्वांगीण शिक्षा पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली में एक कार्यक्रम का आयोजन किया। पेरिस 2024 पैरालंपिक में रजत पदक विजेता योगेश कथूनिया के साथ अनौपचारिक तरीके से की गई बातचीत बेहद प्रेरणादायक थी और इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण थी, जिसमें यह बात सामने आई कि व्यक्तित्व के समग्र विकास वाली शिक्षा का मॉडल किस तरह ब्रिटिश शिक्षा और भारतीय मूल्यों की बुनियाद है।
श्रूसबरी इंटरनेशनल स्कूल इंडिया की ओर से आयोजित भव्य सम्मान समारोह में पेरिस पैरालंपिक 2024 में पुरुषों की F56 डिस्कस श्रेणी में अपने शानदार प्रदर्शन से लोगों का दिल जीतने वाले योगेश कथूनिया को सम्मानित किया गया, और इस कार्यक्रम में कंपनियों के सीईओ , शिक्षाविदों, अन्य देशों के गणमान्य व्यक्तियों तथा खेल लेखकों ने भाग लिया।
श्रूसबरी इंटरनेशनल स्कूल इंडिया का भोपाल परिसर 150 एकड़ के दायरे में फैला हुआ है। संस्थान का यह परिसर, संस्थापक प्रधानाध्यापक डोमिनिक टॉमलिन के मार्गदर्शन में श्रूसबरी यूके के 472 वर्षों के समृद्ध इतिहास को संजोकर रखते हुए भविष्य के चैंपियन और सर्वांगीण उपलब्धि हासिल करने वाले छात्रों को तैयार करेगा। इस संस्थान के पूर्व छात्रों में विभिन्न क्षेत्रों में अपना नाम रोशन करने वाले कई जाने-माने कवि, राजनेता, लेखक और खेल जगत की दिग्गज हस्तियां शामिल हैं, और इस सूची में इंग्लैंड के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर एवं राष्ट्रीय टीम के चयनकर्ता, जेम्स टेलर, तथा इंग्लैंड महिला टेस्ट क्रिकेटर, वार्विकशायर, और महिला बिग बैश लीग खिलाड़ी इस्सी वोंग जैसे कई नाम शामिल हैं।
खेल जगत में योगेश की कामयाबी यह दर्शाती है कि, कोई भी महत्वाकांक्षा इतनी बड़ी नहीं होती है जिसे प्रशिक्षण और अनुशासन के साथ हासिल न किया जा सके। कार्यक्रम के दौरान अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने प्रतिभाशाली युवाओं को आकार देने में सर्वांगीण शिक्षा की अहमियत पर जोर दिया। एक खिलाड़ी के रूप में अपने अनुभवों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि, किस तरह से उन्हें अपनी पूरी क्षमता को समग्र रूप से साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। योगेश ने कहा, “सर्वांगीण शिक्षा के साथ-साथ विकास के लिए बेहतर माहौल हर बच्चे के भीतर छिपी प्रतिभा को सामने ला सकता है। उन्होंने आगे कहा “सीखने की प्रक्रिया कभी भी सिर्फ एक पहलू पर केंद्रित नहीं हो सकती है, और इसी वजह से श्रूसबरी का ‘संपूर्ण व्यक्तित्व’ हेतु शिक्षा पर विशेष ध्यान देना बेहद सराहनीय है, जिसमें खेल-कूद के साथ-साथ पाठ्यक्रम से इतर गतिविधियों को भी अहमियत दी जाती है। मैं यहाँ आकर शिक्षकों और दूरदर्शी सोच वाले लोगों से मिलकर बेहद रोमांचित महसूस कर रहा हूँ, जो जानते हैं कि सिर्फ पढ़ाई-लिखाई में उम्दा प्रदर्शन से संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास करना संभव नहीं है, बल्कि इसके लिए खेल-कूद में उम्दा प्रदर्शन को शामिल करना भी बेहद आवश्यक है।”
श्रूसबरी इंटरनेशनल स्कूल इंडिया के संस्थापक एवं प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष, अभिषेक मोहन गुप्ता ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “योगेश कथुनिया सचमुच खुद को परिस्थितियों के अनुरूप ढालने की क्षमता, अपने भीतर की खूबियों, अपनी काबिलियत को पहचाने, अनुशासन और अटल इरादे की मिसाल हैं, और हमने भी 1552 से श्रूसबरी में इन मूल्यों को संजोकर रखा है। जैसा कि उन्होंने बताया कि, हम भारत में छात्रों को बड़ी मेहनत के लिए प्रेरित करने वाले शैक्षणिक पाठ्यक्रम के साथ-साथ 20 से ज़्यादा इनडोर एवं आउटडोर खेल भी ला रहे हैं, जिसमें देश में पहली बार इनडोर रोइंग, स्कूबा डाइविंग और फेंसिंग जैसे स्पोर्ट्स शामिल हैं। बड़ा दिलचस्प संयोग है कि, श्रूसबरी स्कूल यूके को दुनिया का सबसे पुराना क्रॉस-कंट्री क्लब होने का गौरव भी प्राप्त है और अब हम भारत में भी इसी तरह की खेल परंपराओं को बढ़ावा देंगे। इस सफ़र की शुरुआत में योगेश की मौजूदगी हमारे लिए अत्यंत खुशी और गर्व का विषय है।”श्रूसबरी इंटरनेशनल स्कूल इंडिया ने लंदन के ट्रिनिटी कॉलेज के साथ भी साझेदारी की है, जिससे छात्रों को म्यूजिक और ड्रामेटिक्स जैसे विषयों में अंतर्राष्ट्रीय डिप्लोमा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।