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कोड ऑफ प्रैक्टिस पर सेमिनार व वर्कशॉप आयोजित

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दिव्यराष्ट्र, जयपुर: इन्टरनेशनल कॉपर एसोसिएशन इण्डिया (आईसीएआई) ने इण्डियन ट्रांसफॉर्मर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईटीएमए) के सहयोग से  12 जुलाई 2024 को यहां होटल रेडिसन, सिटी सेंटर, में राजस्थान स्थित वितरण कम्पनियों और डीटी मरम्मत इकाइयों के अधिकारियों के लिए एक वर्कशॉप के साथ सेमिनार का आयोजन किया। यह कार्यक्रम भारत सरकार के प्रमुख विद्युत क्षेत्र संगठनों, जैसे कि केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए), भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) आदि द्वारा समर्थित था। आईटीएमए के सीनियर वाइस प्रेसिडेन्ट श्री गिरीश कुमार ने उपस्थित लोगों, विशिष्ट अतिथियों और प्रतिनिधियों का स्वागत किया।

इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए बीआईएस की निदेशक एवं प्रमुख हैड श्रीमती कनिका कालिया ने कहा जैसा कि भारतीय मानक ब्यूरो, जयपुर के अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय मानकीकरण गतिविधि से निर्माता, सेवा प्रदाता और अंतिम उपयोगकर्ता दोनों के लिए जीत वाली स्थिति प्राप्त करने में मदद मिलती है। उन्होंने आगे कहा डी.टी. अनिवार्य क्वालिटी कन्ट्रोल आदेश के अंतर्गत है और डी.टी. की विफलता दर के बारे में राष्ट्रीय चिंता को देखते हुए, डी.टी. मरम्मत मानक लाना आवश्यक समझा गया जो आज चर्चा का विषय है। एक देश के रूप में, हम पहले से ही हर क्षेत्र में रिसाइकिलिंग का प्रयोग कर रहे हैं। हालांकि, यह संभव है कि विफल डी.टी. के लिए सही मरम्मत के माध्यम से, अधिक पूंजी निवेश करके बदलने के बजाय डी.टी. को नया जीवन दिया जा सकता है  जो उचित पूंजी निवेश से होगा ।

इस अवसर पर अजमेर डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक श्री के.पी.वर्मा ने विद्युत वितरण प्रणाली में वितरण ट्रांसफार्मर की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया और ट्रांसफार्मर की विश्वसनीयता में निरंतर सुधार लाने तथा विश्वसनीयता और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर की मरम्मत के लिए आचार संहिता लाने में जुड़े सभी लोगों के प्रयासों का स्वागत किया। उन्होंने जागरूकता और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों को डिजाइन करने में आईसीएआई और आईटीएमए के प्रयासों की भी सराहना की, जो डिस्कॉम इंजीनियरों को सभी हालिया घटनाक्रमों से अपडेट रखेंगे। उपयोगिता उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर 24 गुणा 7 विश्वसनीय बिजली की गुणवत्ता की आपूर्ति करने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस मौके पर आईसीएआई ने इस बात पर जानकारी दी कि भारत में उपयोगिताओं के लिए विश्वसनीयता क्यों महत्वपूर्ण है और डिस्कॉम द्वारा गुणवत्ता क्वालिटी ओरिएंटेड क्वालिटी मैनेजमेंट को अपनाने की आवश्यकता है। सीईए ने उपयोगिताओं में डीटी बेड़े के प्रबंधन के लिए सर्वाेत्तम ओ एण्ड एम प्रैक्टिसेज पर हाल ही में जारी किए गए अपने मैनुअल के बारे में जानकारी दी। बीआईएस ने हाल ही में जारी आईएसः 18284 ‘2500 केवीए, 33 केवी तक के तेल में डूबे डीटी के लिए डीटी मरम्मत मानक’ पर अपडेट किया। ईआरडीए ने वितरण ट्रांसफार्मर के परीक्षण के लिए मुख्य गुणवत्ता आश्वासन और संबंधित विषयों और डीटी जैसी महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों के प्रबंधन के लिए टैक्नोलॉजी के उपयोग पर प्रकाश डाला।

आईआईटी रुड़की के पूर्व प्रोफेसर डॉ. हरिओम गुप्ता ने डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर (डीटी) में विश्वसनीयता के लिए वाइंडिंग ज्वाइन्ट्स और वाइंडिंग मैटेरियल के महत्व पर जोर दिया है, उन्होंने उच्च तापमान और लगातार स्विचिंग वातावरण में एल्यूमीनियम के पूअर क्रीप बिहेवियर के कारण कॉपर वाइण्डिंग को एक पसंदीदा सामग्री के रूप में उजागर किया है। उन्होंने आगे कहा उनका शोध धातु के उचित चयन और क्षेत्र में डी.टी. की उच्च विफलता दर से बचने के माध्यम से विश्वसनीयता की आवश्यकता को रेखांकित करता है। डॉ. गुप्ता प्रभावी मानक और मैन्यूफेक्चरिंग प्रैक्टिसेज की हिमायत की, जिन्हें आर्थिक और तकनीकी प्रगति को दर्शाने के लिए समय-समय पर मान्य किया जाता है। इससे यह सुनिश्चित हो सकता है कि डी.टी. 25 साल की अपनी अपेक्षित तकनीकी जीवन अवधि को पूरा कर सकें।

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