जयपुर, दिव्यराष्ट्र: साहित्य का महा कुम्भ कहे जाने वाले जयपुर साहित्य उत्सव के 18वें संस्करण के लिए वक्ताओं की पहली सूची जारी होने के बाद से बने उत्साह को और आगे बढ़ाते हुए टीमवर्क आर्ट्स ने वक्ताओं की दूसरी सूची जारी कर दी है। उत्सव का आयोजन जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में 30 जनवरी से 3 फरवरी, 2025 तक किया जाना है। ‘धरती के सबसे बड़े साहित्य उत्सव’के रूप में पहचान बना चुके जयपुर साहित्य उत्सव के दौरान दुनियाभर की समृद्ध एवं प्रतिनिधि साहित्यिक आवाजों को एक मंच पर लाकर साहित्य, विचार एवं संवाद की शक्ति का उत्सव मनाया जाता है।
जयपुर साहित्य उत्सव 2025 के लिए वक्ताओं की दूसरी सूची में प्रतिष्ठित विचारक, लेखक एवं कलाकार शामिल हैं, जिनकी उपस्थिति इस उत्सव में उपस्थित लोगों को प्रेरित करेगी और परिचर्चाओं को समृद्ध करेगी। इस सूची में एम. के. रंजीतसिंह, ए. आर. वेंकटचेलापति, अमोल पालेकर, गीतांजलि इजेओमा ओलुओ, इम्तियाज अली, जावेद अख्तर, के. आर. मीरा, शाहू पटोले, मुजीबुर रहमान, एंड्र्यू ओ’हेगन, कैटी हेसेल, डेविक हेअर, रंजीत होसकोटे, मनु एस. पिल्लई, मैट प्रेस्टन, फिलिप सैंड्स, सुनील अमृत, युवान एवेस, अभिजीत बैनर्जी, एस्थर डुफ्लो, गिडियन लेवी, राहुल बोस, सुजैन जंग, तरुण खन्ना और गोपालकृष्ण गांधी जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं।
ये वक्ता अपने साथ विशेषज्ञता एवं उल्लेखनीय कार्यों की धरोहर लेकर आएंगे। उदाहरण के तौर पर, एम. के. रंजीतसिंह प्रतिष्ठित संरक्षणवादी हैं, जिनकी नवीनतम पुस्तक ‘माउंटेन मम्मल्स ऑफ द वर्ल्ड’को व्यापक सम्मान मिला है। इस पुस्तक से वैश्विक स्तर पर पहाड़ी स्तनधारी जीवों के बारे में व्यापक जानकारी मिलती है। यह पुस्तक वन्यजीव संरक्षण को लेकर उनके समर्पण को भी दर्शाती है। इसी तरह, इतिहासकार ए. आर. वेंकटचेलापति ने अपनी हालिया रचना ‘स्वदेशी स्टीम’में दक्षिण भारत में स्वतंत्रता सेनानियों एवं राष्ट्रवादियों के जीवन के संघर्षों को दर्शाया है। मलयालम की प्रख्यात लेखिका के. आर. मीरा को उनके उपन्यास ‘एसेसिन’के लिए जाना जाता है, जो रेजिलिएंस एवं सामाजिक जटिलताओं की कहानी दिखाता है। के. आर. मीरा अपने विचारों से इस उत्सव को समृद्ध बनाएंगी।
भारतीय सिनेमा के आइकन कहे जाने वाले अमोल पालेकर सिनेमा और कहानी का प्रतिनिधित्व करते नजर आएंगे। अपनी पत्नी एवं सह-लेखिका संध्या गोखले के साथ वह अपने संस्मरण ‘व्यूफाइंडर’पर चर्चा करेंगे, जिसमें उनकी प्रसिद्ध फिल्मों जैसे गोल माल, छोटी सी बातऔर रजनीगंधा का उल्लेख किया गया है। यह संस्मरण उनकी रचनात्मक यात्रा को दर्शाता है। इम्तियाज अली को उनकी फिल्मों ‘जब वी मेट’और ‘तमाशा’के लिए जाना जाता है। वह संबंधों एवं स्वयं की खोज की बारीकियों पर चर्चा करेंगे। प्रसिद्ध कवि एवं गीतकार जावेद अख्तर पारंपरिक एवं समकालीन कविता के मिश्रण की अपनी विरासत को आगे बढ़ाते हुए मंच पर होने वाले संवाद में रोचकता लाएंगे।
ज्वलंत विचारों को प्रेरित करने वाले साहित्य के विषय में गीतांजलि श्री विमर्श करेंगी। उनकी पुस्तक ‘रेत समाधि’ (टूम ऑफ सैंड)को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिला है। उनकी नवीनतम पुस्तक ‘अवर सिटी दैट ईयर’अपनी पहचान तलाशने एवं दुख के भंवर के बीच किसी गहन ध्यान जैसी अनुभूति देती है। ‘सो यू वान्ट टु टॉक अबाउट रेस’के लिए बेस्टसेलिंग ऑथर रही इजेओमा ओलुओ नस्लीय समानता एवं न्याय विषय पर वैश्विक परिचर्चा को संबोधित करेंगी। ‘शिकवा-ए-हिंद’के लेखक एवं राजनीतिक टिप्पणीकार मुजीबुर रहमान लोकतंत्र एवं बहुसंख्यकवाद जैसे विषयों पर बात करेंगे। प्रसिद्ध फूड राइटर मैट प्रेस्टन अपने संस्मरण ‘बिग माउथ’के साथ उपस्थित लोगों के विचारों को शानदार दावत देते नजर आएंगे।
कला इतिहासविद्, क्यूरेटर, ब्रॉडकास्टर एवं लेखिका कैटी हेसेल कला से जुड़े इतिहास पर बात करेंगी। ‘द स्टोरी ऑफ आर्ट विदाउट मैन’के रूप में अपनी पुस्तक में उन्होंने वर्ष 1500 से वर्तमान समय तक की महिला कलाविदों के इतिहास को बहुत शानदार ढंग से चित्रित किया है। उन्होंने शानदार शोध किया है और महिला कलाविदों को लेकर मौजूद धारणाओं को नए सिरे से परिभाषित किया है। वहीं,‘गॉड्स, गन्स एंड मिशनरीज’के लेखक एवं इतिहासकार मनु एस. पिल्लई ने दक्षिण एशिया के जीवंत इतिहास का नए सिरे से मूल्यांकन किया है।