मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर के शोधकर्ता ने ट्राइज़ोल-आधारित मेटल कॉम्प्लेक्सेस के चिकित्सकीय उपयोग पर डाली नई रोशनी
एमयूजे शोधकर्ता ने दवा प्रतिरोध और कैंसर के खिलाफ ट्राइज़ोल-आधारित मेटल कॉम्प्लेक्सेस की बायोमेडिकल क्षमताओं का खुलासा किया
जयपुर, दिव्य राष्ट्र/ जयपुर स्थित मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर (एमयूजे) के एक युवा शोधकर्ता ने दवा-प्रतिरोधी बीमारियों और कैंसर के उपचार के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। डॉ. अमन कुमार और उनकी टीम द्वारा कोऑर्डिनेशन केमिस्ट्री रिव्यूज (इम्पैक्ट फैक्टर: 20.3) में प्रकाशित एक हालिया समीक्षा लेख में ट्राइज़ोल-आधारित मेटल कॉम्प्लेक्सेस की बहुपक्षीय बायोमेडिकल संभावनाओं को विस्तार से प्रस्तुत किया गया है।
“रीसेंट एंडवांसमेंट इन द मल्टीफेसेटेड बायोमेडिकल एफिकैसी ऑफ ट्राइज़ोल बेस्ड मेटल कॉम्प्लेक्सेस” शीर्षक से प्रकाशित इस शोध ने दिखाया है कि ये विशेष यौगिक दवा-प्रतिरोधी संक्रमणों से लेकर विभिन्न प्रकार के कैंसर तक, कई जटिल बीमारियों के खिलाफ प्रभावी साबित हो सकते हैं।
इस समीक्षा में बताया गया है कि मेटल आयनों को ट्राइज़ोल यौगिकों के साथ मिलाने से दवाओं की स्थिरता, लक्ष्य-विशिष्टता और जैविक सक्रियता में उल्लेखनीय सुधार होता है। इसके संभावित चिकित्सकीय उपयोगों में एंटी-कैंसर, एंटी-डायबिटिक, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-एचआईवी और एंटी-मलेरियल थैरेपी शामिल हैं।
मुख्य लेखक डॉ. अमन कुमार ने कहा, “दवा प्रतिरोध आज दुनिया भर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौती है। हमारा अध्ययन यह दिखाता है कि ट्राइज़ोल-आधारित मेटल कॉम्प्लेक्सेस के माध्यम से सुरक्षित, प्रभावशाली और नई उपचार विधियों की संभावनाएँ खोजी जा सकती हैं।”
यह समीक्षा न केवल मौजूदा शोधों का समेकन करती है, बल्कि स्ट्रक्चर-एक्टिविटी रिलेशनशिप (SAR) अध्ययन, मॉलिक्यूलर डॉकिंग विश्लेषण और भविष्य की शोध दिशा के लिए महत्वपूर्ण रणनीतिक मार्गदर्शन भी प्रदान करती है।
इस महत्वपूर्ण प्रकाशन ने डॉ. कुमार और उनकी टीम को मेटालोफार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में अग्रणी शोधकर्ताओं की श्रेणी में शामिल कर दिया है। मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर द्वारा शोध को निरंतर प्रोत्साहन और समर्थन दिया जाता है, जिससे डॉ. अमन कुमार जैसे प्रतिभाशाली शोधकर्ता प्रेरित होकर महत्वपूर्ण शोध कार्य कर रहे हैं। इस उपलब्धि पर एमयूजे की प्रेसिडेंट, डॉ. नीति निपुण शर्मा ने डॉ. कुमार और उनकी टीम को हार्दिक बधाई दी है और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
अध्ययन को इस लिंक पर पढ़ा जा सकता है: https://doi.org/10.1016/j.ccr.2025.216675