जयपुर, दिव्य राष्ट्र/ पूर्णिमा यूनिवर्सिटी की ओर से शनिवार को 11वें दीक्षांत समारोह का द्वितीय चरण आयोजित किया गया। इसमें यूनिवर्सिटी के 501 स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान की गई। लेफ्टिनेंट जनरल राजा सुब्रामणी, वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, इंडियन आर्मी, आर्मी हेडक्वार्टर्स, नई दिल्ली (पीवीएसएम, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम) समारोह के मुख्य अतिथि थे। डिग्री प्राप्त करने वालों में 196 बीबीए, 139 एमबीए, 43 बीकॉम, 29 बीआर्क, 21 बीएससी, 26 एमपीएच, 10 एम प्लानिंग के साथ—साथ अन्य कोर्सेज के स्टूडेंट्स शामिल थे। कंधमाल, उड़ीसा के सांसद, समाजसेवी तथा कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी के संस्थापक प्रो. अच्युत सामंता को पीएचडी की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। भारत की किसी भी यूनिविर्सटी के सबसे युवा चांसलर के रूप में उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है तथा उन्हें कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संस्थानों द्वारा कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
समारोह के तहत विभिन्न कोर्सेज के एकेडमिक आठ अचीवर्स को गोल्ड मैडल, सात स्टूडेंट्स को सिल्वर मैडल व अन्य को कैश प्राइज प्रदान कर सम्मानित किया गया। इनमें बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर के कार्तिक कोहडे को ली कोर्बुजिए गोल्ड मैडल प्रदान किया गया। हर्षिता नीमा, अपेक्षा भार्गव, प्रिया बाघेल, अक्षिता बिड़ला, हनी पाठक, बेदांता कुमार व सुप्रिया मित्तल को भी गोल्ड मैडल दिए गए। एमबीए के उदित गुप्ता ने 11 हजार रुपए का कैश प्राइज जीता। इनके अलावा तान्या भारती, वंशिका ओझा, थुम्मेति अमूल्य, निकिता चौधरी, दीक्षा बत्रा, प्रिंयका दास व दीक्षिता वैष्णव को सिल्वर मैडल से नवाजा गया।
दीक्षांत समारोह के दौरान राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष देवेंद्र मोहन माथुर को सम्मानित किया गया। समारोह में कुछ प्रमुख इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। इनमें जेके ऑर्गनाइजेशन के एचआर के ग्रुप प्रेसिडेंट प्रेम सिंह, मारुति सुजुकी के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर व सीएचआरओ सलिल लाल, विप्रो पीएआरआई के एंप्लॉय एंड इंडस्ट्रियल रिलेशंस के ग्लोबल हेड उदय भोसले और सुंदरम होम फाइनेंस के सीएचआरओ गणपति एस. सुब्रहमण्यन शामिल थे। इन सभी ने स्टूडेंट्स को अपने प्रेरक शब्दों से मोटिवेट किया।
मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल राजा सुब्रमणि ने स्टूडेंट्स को जीवन में सफल बनने के लिए डिटरमिनेशन के प्रत्येक अक्षर को विस्तार पूर्वक बताया। इसके तहत उन्होंने लाइफ में डिसीप्लिन, एक्सीलेंस, चेंज, लर्निंग, टाइगर मेंटेलिटी, कॉन्फिडेंस, डेडिकेशन, टाइम मैनेजमेंट व रिस्पेक्ट की महत्ता समझाई उन्होंने कहा कि यदि आप सूर्य की तरह चमकने की इच्छा रखते हो तो सूर्य की तरह जलना भी पड़ेगा। उन्होंने स्टूडेंट्स से 2024 के विकसित भारत के लक्ष्य की प्राप्ति में अपना हर संभव योगदान देने की अपील भी की।
पूर्णिमा यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन शशिकांत सिंघी ने कहा कि डिग्री प्राप्त कर लेना आपके शैक्षणिक सफर का अंत नहीं है, बल्कि एक नई शुरुआत है। उन्होंने रतन टाटा सहित अन्य सफल व्यक्तियों का उदाहरण देते हुए स्टूडेंट्स को उनसे प्रेरणा लेने की अपील की। शुरुआत में यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट डॉ. सुरेश चंद्र पाढ़ी द्वारा स्वागत भाषण दिया गया और उन्होंने यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट प्रस्तुत की। रजिस्ट्रार डॉ. चांदनी कृपलानी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।