— स्टूडेंट्स को वैश्विक शिक्षा और प्रोफेशनल डेवलपमेंट के मिलेंगे अवसर
जयपुर, दिव्य राष्ट्र/ पूर्णिमा यूनिवर्सिटी ने अपने एकेडमिक एक्सचेंज व अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी को बढ़ाने के उद्देश्य से युगांडा क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू हस्ताक्षर किया है। इसके तहत युगांडा क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधिमंडल ने वाइस चांसलर प्रो. आरोन मुशेंगयेजी के नेतृत्व में पूर्णिमा यूनिवर्सिटी की विजिट की। इनके साथ यूएनएएसडीजी के एम्बेसडर मुकेश तोमर, युगांडा क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी के डिप्टी वाइस चांसलर डेविड मुगावे, यूनिवर्सिटी के एचआर एंड एडमिनिस्ट्रेशन की डायरेक्टर फ्लोरेंस नाकियिनिंगी व अन्य प्रतिनिधि भी शामिल थे।
इस कार्यक्रम में मेजबान पूर्णिमा यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. सुरेश चंद्र पाढ़ी, यूनिवर्सिटी के सह-संस्थापक आर्किटेक्ट राहुल सिंघी, प्रो प्रेसिडेंट डॉ. मनोज गुप्ता, डॉ. चांदनी कृपलानी व डॉ. मंजरी राय, रजिस्ट्रार डॉ. देवेंद्र सोमवंशी, सीओई डॉ. नवल जैन, एडमिशन डायरेक्टर मीनाक्षी मालव और यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल रिलेशंस की डीन डॉ. स्वाति गोखरू उपस्थित रहे।
इस अवसर पर वीसी प्रो. आरोन मुशेंगयेजी ने पूर्णिमा यूनिवर्सिटी के एकेडमिक एक्सीलेंस की सराहना करते हुए निरंतर आपसी सहयोग की आशा व्यक्त की। पूर्णिमा यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. सुरेश चंद्र पाढ़ी ने इस सहयोग के महत्व को दोहराया। पूर्णिमा यूनिवर्सिटी के सह-संस्थापक राहुल सिंघी ने स्टूडेंट्स को वैश्विक शिक्षा और प्रोफेशनल डेवलपमेंट के अवसर प्रदान करने के लिए आपसी साझेदारी को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। इस अवसर पर किए गए एमओयू के जरिए दोनों संस्थानों के स्टूडेंट्स सेमेस्टर व इंटर्नशिप के लिए एक—दूसरे के कैंपस में आ—जा सकेंगे, जिससे सीखने व सांस्कृतिक आदान-प्रदान और प्रोफेशनल डेवलपमेंट का वैश्विक मंच तैयार होगा।
डॉ. स्वाति गोखरू और मीनाक्षी मालव के नेतृत्व में मेहमान प्रतिनिधिमंडल ने कैंपस की विजिट कर यहां की अत्याधुनिक सुविधाओं और इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए स्वागत करने वाले माहौल का जायजा लिया। पूर्णिमा विश्वविद्यालय ने इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए सुरक्षित व समृद्ध वातावरण बनाने की प्रतिबद्धता को दोहराया और ग्लोबल स्टूडेंट कम्युनिटी का समर्थन करने के संस्थान के समर्पित प्रयासों पर प्रकाश डाला। यह साझेदारी दोनों संस्थानों के स्टूडेंट्स, फैकल्टी मेंबर्स और वैश्विक शैक्षणिक समुदाय के लिए लाभप्रद साबित होगी।