नई दिल्ली, दिव्यराष्ट्र/: पंजाब नैशनल बैंक, सार्वजनिक क्षेत्र में देश के प्रमुख बैंक, ने वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त पार्टनरशिप फार कार्बन अकाउंटिंग फाइनैंशियल्स (पीएसीएफ) का हस्ताक्षरकर्ता बन अपने सस्टेनबिलिटी एजेंडा पर आगे बढ़ते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह कदम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानकों को अपनाकर अपनी ऋण और निवेश गतिविधियों से जुड़े ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन को मापने और सामने रखते हुए पारदर्शिता व सक्रिय क्लाइमेट एक्शन के प्रति पीएनबी की प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में, पीएनबी ने बिजनेस रिस्पॉंसबिलिटी एंड सस्टेनबिलिटी रिपोर्ट (बीआरएसआर) में वैश्विक स्तर पर स्वीकृत पीएसीएफ द्वारा वित्तपोषित उत्सर्जन के मानकों का प्रयोग करते हुए अपने वित्तपोषित उत्सर्जन का खुलासा किया। इस मानक के मुताबिक, बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक की अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए वित्तीय वर्ष 2027-28 से स्कोप 1, स्कोप 2 और स्कोप 3 उत्सर्जन का खुलासा करने की आवश्यकता से पहले ही अपने पर्यावरणीय प्रभाव को समझने और कम करने में नेतृत्व का प्रदर्शन किया है।
पीएसीएफ हस्ताक्षरकर्ता के तौर पर पीएनबी मजबूत जीएचजी अकाउंटिंग प्रैक्टिस के जरिए जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए प्रतिबद्ध वित्तीय संस्थानों के एक अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क में शामिल हो गया है। यह जुड़ाव पीएनबी को तकनीकी सहायता, उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण और विशेष तौर पर देशों के उत्सर्जन डेटा, जिसमें भारत के अनुकूलित अंतर्दृष्टि शामिल हैं, तक पहुँच प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त बैंक जीएचजी लेखा मानकों को परिष्कृत करने के लिए वैश्विक कार्य समूहों में सक्रिय रूप से भाग लेगा और कार्यशालाओं और वेबिनारों के माध्यम से एक सहकर्मी से दूसरे सहकर्मी के बीच जानकारी को साझा करने से लाभान्वित होगा।
इस रणनीतिक पहल के माध्यम से पीएनबी वैश्विक सस्टेनबिलिटी प्रथाओं के मुताबिक चलने और क्लाइमेट एक्शन में सार्थक योगदान देने के प्रति अपनी समर्पण की पुष्टि करता है। यह उपलब्धि पीएनबी की अपनी मुख्य व्यावसायिक रणनीति में पर्यावरणीय जिम्मेदारी को जोड़ने की दृष्टि को रेखांकित करती है जिससे सस्टेनबल बैंकिंग में अग्रणी के रूप में इसकी स्थिति मजबूत होती है।