जयपुर,, दिव्यराष्ट्र/ पैंक्रियाटाइटिस एक गंभीर स्थिति है, जिसमें पैंक्रियास यानी अग्न्याशय में सूजन आ जाती है। यह समस्या अचानक (एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस) या लंबे समय तक (क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस) रह सकती है। ऐसे में इसकी संपूर्ण जानकारी होना बहुत आवश्यक है। आइये डॉ. जी.एस. लांबा, डायरेक्टर, मेडिकल और इंटरवेंशनल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोलॉजी, बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली* से जानते हैं इस बीमारी के कारण, लक्षण और उपचार
कारण: पैंक्रियाटाइटिस अटैक क़े प्रमुख कारणों में पित्त की पथरी (गॉल स्टोन), शराब का अत्यधिक सेवन, हाई ट्राइग्लिसराइड्स, कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट्स, ऑटोइम्यून बीमारियां, पेट में चोट या सर्जरी और अनुवांशिक कारक शामिल हैं। जब पित्त की पथरी पैंक्रियाज की नलियों को ब्लॉक कर देती है या शराब के लंबे समय तक सेवन से पैंक्रियाज क्षतिग्रस्त हो जाता है, तब पैंक्रियाटाइटिस अटैक होने की संभावना बढ़ जाती है।
लक्षण: पैंक्रियाटाइटिस अटैक के लक्षण शुरुआत में हल्के हो सकते हैं, लेकिन समय के साथ यह गंभीर रूप ले सकते हैं। सबसे सामान्य लक्षण पेट के ऊपरी हिस्से में तेज दर्द है, जो अक्सर पीठ तक फैलता है। यह दर्द अचानक शुरू हो सकता है और धीरे-धीरे बढ़ता है। कुछ मामलों में यह दर्द खाना खाने के बाद और ज्यादा बढ़ जाता है, खासकर अगर भोजन वसा युक्त हो। इसके साथ ही उल्टी और मतली भी आम लक्षण हैं, जो मरीज को कमजोरी और थकावट महसूस कराते हैं। तेज बुखार, अत्यधिक पसीना और डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) पैंक्रियाटाइटिस के गंभीर संकेत हो सकते हैं। पेट में सूजन या भारीपन महसूस होना भी इस स्थिति का हिस्सा है, जो खाने को पचाने में समस्या पैदा कर सकता है। कई बार मरीज को ब्लड प्रेशर में अचानक बदलाव महसूस हो सकता है, जो शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। ऐसे में इसके लक्षणों के प्रति सतर्क रहना जरूरी है।
उपचार: पैंक्रियाटाइटिस अटैक के उपचार में सही समय पर चिकित्सा मदद लेना सबसे जरूरी है। आमतौर पर डॉक्टर आईवी फ्लूइड्स और दर्द निवारक दवाओं क़े माध्यम से इलाज करते हैं। अगर समस्या का कारण पित्त की पथरी है, तो इसे सर्जरी से निकाला जा सकता है। इसके अलावा शराब का सेवन तुरंत बंद करना और हेल्दी डाइट अपनाना, जिसमें कम वसा वाला भोजन शामिल हो, इलाज का अहम हिस्सा है। क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस के मामलों में पाचन एंजाइम की गोलियां दी जाती हैं, ताकि खाना सही से पच सके। लाइफस्टाइल में सुधार, जैसे धूम्रपान से बचाव और नियमित व्यायाम, भी इस स्थिति से बचाव और इलाज में मदद करता है। अगर पेट में तेज दर्द, उल्टी, या सांस लेने में दिक्कत हो, तो इसे हल्के में न लें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। पैंक्रियाटाइटिस से बचाव और सही इलाज के लिए समय पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।