Home एंटरटेनमेंट पैरेंट्स डे के अवसर पर सोनी सब के कलाकारों ने अपने...

पैरेंट्स डे के अवसर पर सोनी सब के कलाकारों ने अपने माता-पिता के प्रति जताई कृतज्ञता

41 views
0
Google search engine

मुंबई, दिव्यराष्ट्र/ जैसे-जैसे पैरेंट्स डे नजदीक आ रहा है, सोनी सब के कलाकार अपने व्यस्त कार्यक्रम से कुछ पल निकालकर अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण लोगों — अपने माता-पिता — के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं। वे माता-पिता जिन्होंने न सिर्फ उन्हें मूल्य सिखाए, बल्कि मुश्किल वक्त में सहारा भी बने। ये कलाकार बताते हैं कि कैसे उनके माता-पिता ने उनकी जिंदगी की दिशा तय की क्योंकि हर कलाकार के पास अपनी खास कहानी है साझा करने के लिए। सुमित राघवन, परीवा प्रणति, आशी सिंह और तरुण खन्ना ने इस मौके पर अपने दिल की बातें साझा कीं।

‘वागले की दुनिया – नई पीढ़ी, नए किस्से’ में राजेश वागले की भूमिका निभा रहे सुमित राघवन कहते हैं, “मेरे लिए पैरेंट्स डे का सार उन्हीं लोगों को मान देने में है जो चुपचाप लेकिन बेहद ताकत के साथ हमें गढ़ते हैं। मेरे लिए वो मेरे पिताजी रहे हैं। वे मेरे पहले गुरु, सबसे कठोर आलोचक और मेरी ताकत के स्तंभ थे। उन्होंने मुझे केवल जीवन मूल्य नहीं सिखाए, बल्कि हर दिन उन्हें जिया। मैंने उन्हें शांति, ईमानदारी और करुणा के साथ जीवन जीते देखा, और वही मेरे जीवन पर एक अमिट छाप छोड़ गए। वे हमेशा कहते थे, ‘चाहे जितनी भी ऊँचाई पर पहुँचो, ज़मीन से जुड़े रहो और लोगों से ठीक से पेश आओ।’ एक अभिनेता के रूप में आज भी मैं उनकी कही एक बात याद रखता हूं — ‘अपना सर्वश्रेष्ठ दो, बाकी काम खुद बोलेगा।’ इस पैरेंट्स डे पर मैं उन्हें और उन सभी माता-पिताओं को सलाम करता हूं जो बिना किसी दिखावे के, हर दिन अपने बच्चों का भविष्य गढ़ते हैं।”

वागले की दुनिया में वंदना वागले की भूमिका निभा रहीं परीवा प्रणति कहती हैं, “यह दिन मेरे लिए बहुत खास है। स्क्रीन पर मैं जैसी वंदना की भूमिका निभाती हूं, असल जिंदगी में भी अपने बच्चे के साथ वैसी ही हूं। मैं हमेशा ऐसी मां बनना चाहती हूं जिससे उसका बच्चा हर बात बेझिझक कह सके, जैसे मेरे पापा हमेशा मेरे साथ रहे हैं। मज़ेदार बात ये है कि अब जब वे बड़े हो रहे हैं, तो जैसे मेरे दूसरे बच्चे बन गए हैं! हाल ही में उन्होंने अपने पोते से आईफोन चलाना सीखा और अब बच्चों की तरह गिफ्ट्स को लेकर खुश हो जाते हैं। हम सब उन्हें खूब प्यार और लाड़ करते हैं। मुझे गर्व है कि मैं उनकी बेटी हूं, और अगर मुझे पांच और ज़िंदगियां मिलें, तो हर जन्म में मैं उनकी ही बेटी बनना चाहूंगी।”

वीर हनुमान में महादेव की भूमिका निभा रहे तरुण खन्ना ने कहा, “आज मैं जो कुछ भी हूं, वह मेरे माता-पिता के संस्कारों, शिक्षाओं और आशीर्वाद का परिणाम है। जब भी निःस्वार्थ प्रेम की बात आती है, तो सिर्फ उन्हीं का चेहरा याद आता है। अब वे ईश्वर के पास हैं, लेकिन उनकी आत्मा आज भी मुझमें जीवित है। कोई भी दिन ऐसा नहीं जाता जब मैं उन्हें प्यार और आभार के साथ याद न करता हूं। जब भी जीवन में उलझन आती है, मैं खुद से पूछता हूं — अगर आज मम्मी-पापा होते तो क्या सलाह देते? और उसी राह पर चलता हूं। मैंने कई बार ऐसी स्थितियों को जाने दिया जहां लोग मुझे चोट पहुंचा रहे थे, सिर्फ इसलिए क्योंकि मेरे माता-पिता कभी नहीं चाहते थे कि मैं नकारात्मकता को पकड़े रहूं। वे हमेशा कहते थे, ‘बड़ा बनने के लिए क्षमा करना ज़रूरी है।’ उनके शब्द मेरे साथ हमेशा रहेंगे। मम्मी-पापा, आपसे बहुत प्यार करता हूं।”

पुष्पा इम्पॉसिबल में पुष्पा का किरदार निभा रहीं करुणा पांडे ने कहा, “आज मैं जो कुछ भी हूं, वह मेरे पिता से मिले प्रोत्साहन की बदौलत ही है। उन्होंने सबसे पहले मेरे नृत्य और रंगमंच के प्रति प्रेम को पहचाना और इसे एक शौक समझकर नजरअंदाज करने के बजाय, पूरे दिल से इसका समर्थन किया। चाहे रिहर्सल हो, परफॉर्मेंस हो या ऑडिशन, वे हमेशा मौजूद रहते थे। एक किनारे खड़े होकर मेरा उत्साह बढ़ाते थे। चुपचाप मेरा सबसे मजबूत स्तंभ बने रहते थे। मेरे सपनों में उनके विश्वास ने ही मुझे बेखौफ होकर उन्हें पूरा करने का आत्मविश्वास हासिल किया। सिर्फ मेरे पिता ही नहीं, मेरी माँ भी उतनी ही सहयोगी रही हैं। उन्हें इस पेशे से डर लगता था, क्योंकि हमारे परिवार में कोई भी कभी अभिनय में नहीं रहा था, उन्होंने कभी भी उस डर की वजह से मुझे प्रेरित करने से नहीं रोका।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here