दिव्यराष्ट्र, नई दिल्ली: जापान की वाहन निर्माता कंपनी निसान भारत में अपने कारोबार को पटरी पर लाने की योजना कायम है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है। निसान इंडिया ऑपरेशंस के प्रेसिडेंट फ्रैंक टोरेस ने कहा कि कंपनी वैश्विक स्तर पर चल रही उथल-पुथल के बावजूद भारत में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रही है।
टोरेस ने पीटीआई को बताया कि कंपनी ने तीसरी शिफ्ट शुरू करने के लिए अपने चेन्नई प्लांट में 600 कर्मचारी बढ़ाए हैं। कंपनी को नहीं लगता कि 9,000 नौकरियों में कटौती और वैश्विक स्तर पर उत्पादन में 20 प्रतिशत की कमी का भारत पर कोई प्रभाव पड़ेगा,बशर्ते कंपनी बाजार में प्रतिस्पर्धी बनी रहे।
उन्होंने कहा, ‘निसान भारत पर बड़ा दांव लगा रही है…और वैश्विक उथल-पुथल के बावजूद उसकी योजनाएं (भारत के लिए) कायम हैं।’
टोरेस इस प्रश्न का जवाब दे रहे थे कि वैश्विक स्तर पर नौकरियों और उत्पादन में कटौती की घोषणा का निसान के भारतीय परिचालन पर क्या असर पड़ेगा।
टोरेस ने कहा, ‘धारणा के विपरीत, भारत में हम अपने कर्मचारियों की संख्या और उत्पादन बढ़ा रहे हैं। हमने चेन्नई में अपने मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में लगभग 600 नए कर्मचारियों को शामिल किया है।’
उन्होंने कहा, ‘इस कदम से प्रोडक्शन शिफ्ट में मदद मिलेगी। वैश्विक स्तर पर पुनर्गठन के कदमों से इतर हम यहां दो नए मॉडल के साथ बहुत जल्द उत्पादन का विस्तार करने जा रहे हैं। हमें नहीं लगता कि वैश्विक उथल-पुथल का असर भारत पर पड़ेगा क्योंकि हमारी योजनाएं पहले की तरह ही कायम हैं। इस बात में भी कोई संदेह नहीं कि प्रतिस्पर्धी बने रहना हमारी प्राथमिकता है। क्योंकि, अंतत: निसान में यही सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।’
इसी साल जुलाई में निसान इंडिया ने बताया था कि वह अगले 30 महीनों में पांच मॉडल पेश करने की योजना बना रही है, क्योंकि वह तेजी से बढ़ते भारतीय कार बाजार में अपने परिचालन में बदलाव करना चाहती है। कंपनी ने अगले वित्त वर्ष 2025-26 के आखिर तक अपने डोमेस्टिक एवं एक्सपोर्ट वॉल्युम को तीन गुना कर एक लाख सालाना तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
वहीं, इसी साल नवंबर में निसान ने घोषणा की थी कि वह वैश्विक स्तर पर 9,000 कर्मचारियों की छंटनी करेगी और बदलाव की अपनी योजना के तहत उत्पादन 20 प्रतिशत घटाएगी। इन कदमों के साथ कंपनी ने लागत में 400 अरब येन (2.6 अरब डॉलर) की कटौती करने की बात कही थी।