दिव्यराष्ट्र, जयपुर: बजाज फिनसर्व एएमसी की एक हालिया स्टडी के अनुसार, राजस्थान का म्यूचुअल फंड बाजार लगातार मजबूती दिखा रहा है और निवेशकों की पसंद में भी बदलाव नजर आ रहा है राजस्थान के म्यूचुअल फंड बाजार का औसत प्रबंधित संपत्ति जून 2024 में 1,15,429.45 करोड़ से बढ़कर जून 2025 में 1,44,234.62 करोड़ हो गया यानी 24.9 प्रतिशत की दमदार वृद्धि दर्ज की गई है। विशेष रूप से लिक्विड म्यूचुअल फंड स्कीमों की बात करें तो इनका औसत प्रबंधित संपत्ति जून 2024 में 4,587.12 करोड़ से बढ़कर जून 2025 में 6,746.99 करोड़ हो गया, जो साल-दर-साल 47प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्शाता है जो कि कुल म्यूचुअल फंड ग्रोथ से कहीं अधिक है।
इस ट्रेंड पर गणेश मोहन, मैनेजिंग डायरेक्टर, बजाज फिनसर्व एएमसी ने बताया कि कई भारतीय परिवार अब भी अपनी बचत बैंक एफडी और सेविंग अकाउंट्स में रखते हैं। लेकिन जब महंगाई और टैक्स का असर जोड़ा जाए, तो इन विकल्पों से मिलने वाला असली रिटर्न बहुत सीमित रह जाता है। लिक्विड और ओवरनाइट म्यूचुअल फंड्स एक समझदारी भरा विकल्प पेश करते हैं, जिनमें जोखिम का स्तर लगभग समान होता है, लेकिन लिक्विडिटी बेहतर होती है और रिटर्न की संभावना भी अधिक रहती है। राजस्थान के निवेशकों के लिए ये फंड्स अब अतिरिक्त राशि को पार्क करने का एक असरदार ज़रिया बनते जा रहे हैं। सेविंग्स$ जैसी डिजिटल सुविधा अब यह संभव बनाती है कि निवेशक सीधे अपने बैंक अकाउंट से म्यूचुअल फंड स्कीम्स में आसानी से पैसा ट्रांसफर कर सकें और जरूरत पड़ने पर तुरंत निकासी भी कर सकें, अधिकतम 50,000 या निवेश राशि का 90 प्रतिशत, जो भी कम हो।”
लिक्विड फंड अब राज्य के कुल म्यूचुअल फंड एयूएम का 4.6 प्रतिशत हिस्सा बन चुके हैं। यह लगातार बढ़ोतरी यह संकेत देती है कि निवेशकों के बीच पारंपरिक बचत खातों की तुलना में बेहतर रिटर्न देने वाले, कम जोखिम और अधिक लिक्विड निवेश विकल्पों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इस बदलाव को आगे बढ़ाने वाले प्रमुख कारणों में से एक है लिक्विड म्यूचुअल फंड्स और सेविंग अकाउंट्स के बीच स्पष्ट रिटर्न का अंतर। जहां अधिकांश बैंक सेविंग अकाउंट्स आमतौर पर 2.5 प्रतिशत से 4 प्रतिशत तक का रिटर्न देते हैं, वहीं लिक्विड फंड्स लगभग 6 प्रतिशत से 7 प्रतिशत का रिटर्न दे रहे हैं, जिससे निवेशकों को लगभग दोगुना रिटर्न कमाने की संभावना मिलती है। पारंपरिक निवेश विकल्पों जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में, लिक्विड फंड्स में लॉक-इन पीरियड नहीं होता और ये आसान निकासी के साथ टैक्स के बाद भी बेहतर रिटर्न प्रदान करते हैं।