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‘जहां चाह, वहां राह’ कहावत को सच साबित करती है मोहित चोपड़ा की यात्रा

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एमआईसीए ने दिलवाई मोहित चोपड़ा को जिंदगी की राह

मुंबई, दिव्यराष्ट्र/ यूएई दोहा में जन्मे और पले-बढ़े मोहित चोपड़ा ने हमेशा शेफ बनने का सपना देखा था। उन्हें लगता था कि वे उन कुछ खुशनसीब लोगों में से हैं जिन्हें अपने जुनून का पीछा करने का मौका मिला। लेकिन जल्द ही चीजें बदल गईं कोविड-19 महामारी ने होटल और रेस्टोरेंट उद्योग को भारी नुकसान पहुँचाया, जिससे उनके शेफ बनने के सपने बिखर गए। अपने सपने को आगे न बढ़ा पाने का दुःख होते हुए भी, उन्होंने एक व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाया।

मोहित ने शोध किया और डिजिटल मार्केटिंग को अपनाने का निर्णय लिया। मोहित ने अपग्रेड द्वारा पेश किए गए मुद्रा इंस्टिट्यूट ऑफ़ कम्युनिकेशन्स, अहमदाबाद ( एमआईसीए) के एडवांस्ड डिजिटल मार्केटिंग और कम्युनिकेशन प्रोग्राम में दाखिला लिया। इस वैश्विक संकट के दौरान, इस कार्यक्रम ने उन्हें एक नई उम्मीद और नई शुरुआत दी।

मोहित चोपड़ा (साधारण स्टूडेंट) ने कहा,”पहले ऑनलाइन पाठ्यक्रम ने कई चुनौतियां पेश की, लेकिन मुझे जो अमूल्य मार्गदर्शन मिला, उसके माध्यम से मुझे स्पष्टता और सहजता मिली एडवांस्ड डिजिटल मार्केटिंग और कम्युनिकेशन प्रोग्राम के माध्यम से, मोहित ने एक ग्राहक के रूप में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए सफलतापूर्वक एक नए करियर में बदलाव किया और वुडोफो में रिलेशनशिप मैनेजर का पद संभाला।‘’

महामारी ने भले ही मोहित के प्रारंभिक सपनों को बाधित कर दिया हो, लेकिन मोहित ने हार नहीं मानी। मोहित की कहानी यह दिखाती है कि जीवन की चुनौतियों को पार करने में दृढ़ता और संकल्प की शक्ति कितनी महत्वपूर्ण है। मोहित की यात्रा इस बात का प्रमाण है कि कैसे लचीलापन और कड़ी मेहनत से नई और अप्रत्याशित सफलता मिल सकती हैं।

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