
भारत में 1 लाख से अधिक कुशल ड्रोन पायलटों की बढ़ती मांग को पूरा करने की दिशा में नवाचार पहल
दिल्ली,दिव्यराष्ट्र* मरुत ड्रोन – भारत की पहली ड्रोन कंपनी जिसे प्रशिक्षण और विनिर्माण दोनों के लिए डुअल सर्टिफिकेशन प्राप्त है, ने अपने सर्विलांस ड्रोन स्काईस्विफ्ट 56 के लिए डीजीसीए (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) टाइप सर्टिफिकेशन प्राप्त किया है। यह छोटे वर्ग का क्वाडकॉप्टर-प्रकार रोटरक्राफ्ट है, जिसे निगरानी, उच्च-सटीकता मैपिंग और फील्ड प्रशिक्षण की गतिशील आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
यह ड्रोन कई पेलोड कॉन्फ़िगरेशन का समर्थन करता है, जिनमें एफपीवी कैमरा, पीपीके सपोर्ट के साथ 24एमपी मैपिंग कैमरा, 4के सर्विलांस कैमरा और थर्मल इमेजिंग क्षमता शामिल है। इन विशेषताओं के कारण स्काईस्विफ्ट 56 उन अभियानों के लिए उपयुक्त है जहाँ उच्च सटीकता और गुप्त निगरानी की आवश्यकता होती है।
स्काईस्विफ्ट 56 का उपयोग क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। यह आपातकालीन प्रतिक्रिया समय को कम कर सकता है, परिचालन लागत घटा सकता है और अवैध गतिविधियों की पहचान में तेजी ला सकता है। इसके अतिरिक्त, मरुत का यह ड्रोन सामाजिक और आर्थिक विकास में भी योगदान दे सकता है। अपराध दरों में कमी और समुदाय के विश्वास में वृद्धि से यह व्यवसायों और सार्वजनिक आयोजनों के लिए सुरक्षित एवं अनुकूल वातावरण तैयार करने में मददगार होगा।
मरुत ड्रोन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और सह-संस्थापक प्रेम कुमार विस्लावथ ने कहा –
“आज जब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताएँ सामरिक ड्रोन निगरानी में अधिक निवेश की मांग कर रही हैं, मरुत का स्काईस्विफ्ट 56 एक समयानुकूल और व्यवहारिक समाधान बनकर सामने आया है। इन-हाउस विकसित यह ड्रोन फ्रंटलाइन कर्मियों को मौन , कॉम्पैक्ट और उच्च-सटीकता वाले सर्विलांस टूल्स से सशक्त बनाने के लिए डिजाइन किया गया है।
थर्मल-सुसज्जित और कम दृश्यता वाले मिशनों के लिए उपयुक्त, यह ड्रोन गुप्त टोही , गश्त , कानून प्रवर्तन और सार्वजनिक सुरक्षा अभियानों के लिए विशेष रूप से निर्मित है। इसका अल्ट्रा-पोर्टेबल डिज़ाइन पूरे सिस्टम को एक मजबूत बैकपैक में समेटने और 2 मिनट से भी कम समय में तैनात करने की सुविधा देता है — जो फील्ड ऑपरेशंस और त्वरित प्रतिक्रिया की परिस्थितियों में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मजबूती और सहनशक्ति को ध्यान में रखते हुए इसे मौसम-प्रतिरोधी, झटके-रोधी संरचना से तैयार किया गया है। यह ड्रोन 15 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार तक पहुँच सकता है, जिससे यह बड़े भूभाग को कुशलतापूर्वक कवर करने में सक्षम है।”