Home बिजनेस दिव्यांगजनों के अधिकारों के लिए घोषणापत्र जारी

दिव्यांगजनों के अधिकारों के लिए घोषणापत्र जारी

56
0
Google search engine

नई दिल्ली: देश में अपनी तरह की पहली पहल में, दिव्यांगजनों के लिए रोजगार को बढ़ावा दे रही संस्था ‘नेशनल सेंटर फॉर प्रोमोशन ऑफ इम्प्लायमेंट फॉर डिसेबल पीपुल’ (एनसीपीईडीपी) के नेतृत्व में तथा नेशनल डिसेबिलिटी नेटवर्क (एनडीएन) के सहयोग से दिव्यांगता अधिकार समूहों द्वारा गुरुवार को एक विशेष दिव्यांगता घोषणापत्र जारी किया गया। इसे ‘दिव्यांग जनों के लिए और उनके द्वारा घोषणापत्र’ नाम दिया गया है। इसमें राजनीतिक दलों से आगामी लोकसभा चुनावों में दिव्यांग जनों से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता देने और उनकी चुनौतियों का समाधान पेश करने का आग्रह किया गया है।

 देश के सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार एवं व्यवहार की आवश्यकता पर जोर देते हुए, दिव्यांग अधिकारों की वकालत करने वालों ने राजनीतिक दलों से आह्वान किया है कि वे दिव्यांग व्यक्तियों के एजेंडे को प्राथमिकता दें और उन्हें एक निर्णायक मतदाता समूह के रूप में स्वीकार करें।

एनसीपीईडीपी के कार्यकारी निदेशक श्री अरमान अली ने कहा, ‘चुनाव आयोग के अनुसार भारत की आबादी में से 7% दिव्यांग नागरिक हैं। देश में कुल 1 करोड़ से अधिक पंजीकृत दिव्यांग मतदाता हैं। लोकसभा चुनाव 2024 नजदीक आ गया है। ऐसे में यह जरूरी है कि दिव्यांगजन की आवाज उठाई जाए। ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं है, क्योंकि उनका एक बड़ा वोट बैंक है, बल्कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि दिव्यांग जन भी वस्तुओं और सेवाओं के बड़े उपभोक्ता हैं और इस प्रकार सामाजिक-आर्थिक विकास तथा सकल घरेलू उत्पाद में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं।’

दिव्यांगता घोषणापत्र में विभिन्न हितधारकों के साथ राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय स्तर पर हुए व्यापक परामर्श में उभरे मुद्दों को शामिल किया गया है, जो पूरे भारत में दिव्यांग समुदाय की गंभीर चिंताओं और मांगों को समाहित करता है। एनसीपीईडीपी ने राष्ट्रीय दिव्यांगता नेटवर्क (एनडीएन) और दिव्यांगजनों के अधिकारों पर राष्ट्रीय समिति (एनसीआरपीडी) के सहयोग से, देश भर में दिव्यांग और बिना दिव्यांगता वाले 10,000 से अधिक लोगों से सुझाव आमंत्रित किया गया। इन सुझावों के आधार पर, भारत का अभूतपूर्व दिव्यांगता घोषणापत्र तैयार किया गया है, जिसमें 10 महत्वपूर्ण मांगें शामिल की गई हैं, जो देश भर के दिव्यांगजनों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं।

यह घोषणापत्र आगामी चुनावों के लिए राजनीतिक दलों की 5-वर्षीय कार्ययोजनाओं में दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में लाने को प्राथमिकता देने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर देता है। दिव्यांगता घोषणापत्र बजटीय आवंटन से लेकर स्वास्थ्य बीमा, पहुंच, सामाजिक सुरक्षा, सामाजिक-राजनीतिक समावेशन, आर्थिक भागीदारी, जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता, खेल और शिक्षा तक के व्यापक मुद्दों को संबोधित करता है।

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here