● +++ जयपुर में म.प्र. टूरिज्म बोर्ड के रोड शो का सफलतापूर्वक समापन
● +++ पर्यटन व्यवसायी, टूर ऑपरेटर्स, होटल इंडस्ट्री के हितधारक, फिल्म निर्माता और इंफ्लुएंसर्स हुए शामिल
जयपुर, दिव्यराष्ट्र*: मध्य प्रदेश और राजस्थान के पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स और होटल इंडस्ट्री के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देने तथा मध्य प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के उद्देश्य से मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा शुक्रवार, 18 जुलाई को जयपुर के जय महल होटल में रोड शो का आयोजन किया गया। यह रोड शो मध्य प्रदेश ट्रैवल मार्ट (अक्टूबर 2025) और रीवा (26 एवं 27 जुलाई 2025), ग्वालियर (अगस्त 2025) एवं इंदौर (सितंबर 2025) में होने वाले रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव की पूर्व तैयारियों के दृष्टिगत आयोजित किया गया। इस रोड शो में फिल्म निर्माता एवं इंफ्लुएंसर्स भी प्रमुखता से सम्मिलित हुए।
अपर प्रबंध संचालक मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड बिदिशा मुखर्जी ने कहा कि “मध्य प्रदेश को ‘हिंदुस्तान के दिल’ के रूप में जाना जाता है, और यह उपाधि केवल भौगोलिक दृष्टि से नहीं, बल्कि इसकी सांस्कृतिक विविधता, ऐतिहासिक धरोहरों, समृद्ध प्रकृति और हृदय से किए गए अतुलनीय आतिथ्य सत्कार के कारण भी है। मध्य प्रदेश ग्लोबल टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है, यहां पर्यटकों के लिए वह सब कुछ उपलब्ध है, जो उनका दिल चाहता है। मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड का उद्देश्य प्रदेश के अनछुए पहलुओं को देश और दुनिया के सामने लाना है। हम लगातार ऐसे प्रयास कर रहे हैं जिससे पर्यटन गंतव्य केवल दर्शनीय स्थलों तक सीमित न रहे, बल्कि यह एक अनुभव बने – संस्कृति का, खानपान का, लोक कलाओं और लोक जीवन का। हमारा ध्यान आज के समय की ज़रूरतों के अनुसार अनुभवात्मक, सस्टेनेबल और लोकल कम्युनिटी को सशक्त करने वाले पर्यटन स्वरूप पर है।
हितधारकों ने पर्यटन व्यवसाय में निवेश की संभावनाओं पर की चर्चा*
मध्य प्रदेश और राजस्थान के ट्रैवल ऑपरेटर्स, होटल व्यवसायियों और टूरिज़्म स्टेकहोल्डर्स के बीच द्विपक्षीय संवाद और पर्यटन क्षेत्र में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। यह सत्र न केवल क्षेत्रीय पर्यटन के विकास के लिए, बल्कि राष्ट्रीय पर्यटन समृद्धि के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ।
मध्य प्रदेश की है समृद्ध सांस्कृतिक विरासत*
रोड शो में मध्य प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराया गया। प्रस्तुतिकरण के माध्यम से प्रदेश की प्राकृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और ग्रामीण पर्यटन स्थलों की झलक दिखाई गई।
मध्यप्रदेश पर्य़टन की विशेषताएं * वर्ष 2024 में 13.41 करोड़ पर्यटक मध्य प्रदेश पहुंचे हैं। विशेष रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के रूप में ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर एवं ओंकारेश्वर, चित्रकूट, मैहर और पावन मां नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।मध्य प्रदेश में 3 स्थायी और 15 टेंटेटिव सूची में कुल 18 यूनेस्को विश्व विरासत हैं, जो भारत की कुल विरासतों की 25 प्रतिशत हैं। स्थायी सूची में खजुराहो के मंदिर समूह, भीमबेटका की गुफाएं और सांची स्तूप शामिल हैं। यूनेस्को की नोडल एजेंसी संगीत नाटक अकादमी ने तीन विरासतों भगोरिया आदिवासी नृत्य, गोंड आदिवासी चित्रकला और नर्मदा परिक्रमा को अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की राष्ट्रीय सूची में सम्मिलित किया है। मध्य प्रदेश को ग्रीन, क्लीन और सेफ स्टेट के साथ–साथ “टाइगर स्टेट”, “लेपर्ड स्टेट”, “घड़ियाल स्टेट”, “चीता स्टेट”, “वल्चर स्टेट” और “वुल्फ स्टेट” के रूप में जाना जाता है आगामी वार्षिक आयोजन गांधीसागर फॉरेस्ट रिट्रीट एंड फेस्टिवल, मंदसौर (12 सितंबर से), कूनो फॉरेस्ट रिट्रीट एंड फेस्टिवल, श्योपुर (5 अक्टूबर से) और चंदेरी ईको रिट्रीट (25 अक्टूबर से) होने जा रहा है। मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा विशेष रूप से भोपाल, इंदौर, सिंगरौली, सतना एवं रीवा के लिए ‘पीएम श्री पर्यटन वायुसेवा’ का संचालन किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में आवागमन सुगम एवं सुविधाजनक*
मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच सड़क, रेल और वायु मार्ग से सशक्त और सुविधाजनक कनेक्टिविटी है, जो दोनों राज्यों के पर्यटन, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहन देती है। राजस्थान के कोटा और चित्तौड़गढ़ से होकर मध्य प्रदेश के शिवपुरी, ग्वालियर और सतना पहुंचा जा सकता है।