दिव्यराष्ट्र, मुंबई: भारत की अग्रणी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में से एक एलएंडटी फाइनेंस लिमिटेड (एलटीएफ) का टैक्स भुगतान के बाद मुनाफा (पैट) चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में सालाना आधार पर 17 फीसदी बढ़कर 696 करोड़ रुपये पहुंच गया। खुदरा बुक 28 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी के साथ 88,975 करोड़ रुपये पहुंच गई। 30 सितंबर, 2024 को समाप्त दूसरी तिमाही में समेकित (कंसॉलिडेटेड) ऋण बुक में 18 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। इसके साथ ही, यह 31 मार्च, 2020 को समाप्त वित्त वर्ष की पहली तिमाही के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। एलटीएफ ने 30 सितंबर, 2024 को समाप्त दूसरी तिमाही में 15,092 करोड़ रुपये के खुदरा कर्ज बांटे हैं, जो सालाना आधार पर 12 फीसदी अधिक है।
इसके अलावा, कंपनी का उपभोक्ता केंद्रित प्लेनेट ऐप ग्राहकों के लिए एक शक्तिशाली डिजिटल चैनल के रूप में उभरा है। इसे अब तक 1.25 करोड़ से अधिक डाउनलोड किया जा चुका है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों से 13.5 लाख से अधिक डाउनलोड शामिल हैं। इस चैनल ने अब तक 2,400 करोड़ रुपये से अधिक का संग्रह किया है और 8,600 करोड़ रुपये (वेब सहित) से अधिक की सोर्सिंग की है।
वित्तीय परिणामों पर टिप्पणी करते हुए एलटीएफ के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ सुदीप्ता रॉय ने कहा, “हमारी कंपनी सक्रिय पोर्टफोलियो प्रबंधन और निरंतर संग्रह रणनीतियों के जरिये सतत विकास एवं लाभ का प्रदर्शन करने में सक्षम रही है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही कई सेक्टोरल (क्षेत्रवार) बाधाओं और अस्थिर मैक्रो वातावरण के कारण चुनौतीपूर्ण रही है। हमारा अनुमान है कि सेक्टोरल चुनौतियां अगली दो तिमाहियों तक बनी रह सकती हैं। उसी के अनुरूप हम आगामी तिमाहियों में अपने व्यावसायिक उद्देश्यों को गतिशील बनाए रखने की दिशा में काम करेंगे। साथ ही, प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों की वृद्धि की तुलना में सकारात्मक कर्ज परिणाम को प्राथमिकता दे सकते हैं।
हमारा अगली पीढ़ी का क्रेडिट अंडरराइटिंग इंजन ‘प्रोजेक्ट साइक्लोप्स’ चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान हमारे अन्य प्रमुख उत्पादों के लिए भी लाभदायक होगा। इसे 30 सितंबर, 2024 को समाप्त तिमाही में टू व्हीलर वाहनों के लिए फंड मुहैया कराने के लिए शुरू किया गया था। हमें उम्मीद है कि यह फाइनेंशियल सर्विसेज इकोसिस्टम में एक रणनीतिक अंतर पैदा करेगा। बेहतर क्रेडिट गुणवत्ता बनाए रखते हुए कम लागत के साथ बड़ी-तकनीकी साझेदारी के जरिये डिजिटल रूप से सक्षम एक्विजिशन (अधिग्रहण) इंजनों को बढ़ाया जाएगा। हम अपनी आगे की रणनीति के बारे में आशावादी बने हुए हैं। मौजूदा सेक्टोरल चुनौतियों के बावजूद हम अपने समग्र एजेंडे पर ध्यान दे रहे हैं और उसी दिशा में बारीकी से कार्य कर रहे हैं।’’