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डीडीएलजे की स्क्रीनिंग में उमड़े दर्शकों के सैलाब के साथ JIFF का शानदार समापन

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जयपुर, दिव्यराष्ट्र/ जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (JIFF) 2025 का मंगलवार को भव्य समापन हुआ। पिछले पांच दिनों तक चले इस आयोजन ने जयपुर, राजस्थान और भारत को विश्व सिनेमा समुदाय से जोड़ने की एक नई मिसाल कायम की। देश-विदेश से आए 650 से अधिक फिल्ममेकर्स ने जयपुर में शिरकत की और स्थानीय फिल्म प्रेमियों के साथ अपनी कहानियां और अनुभव साझा किए। यह फेस्टिवल न केवल सिनेमा का जश्न था, बल्कि राजस्थान और भारत में फिल्म उद्योग के विकास का एक महत्वपूर्ण मंच भी साबित हुआ।

सिनेमा की नई ऊंचाइयां और दर्शकों का अपार उत्साह*

फेस्टिवल की शुरुआत एक शानदार म्यूजिकल रेड कार्पेट से हुई, और समापन मंगलवार को 62 फिल्मों की स्क्रीनिंग के साथ हुआ। सिनेमा प्रेमियों ने 48 देशों की 240 फिल्मों का लुत्फ उठाया और हर स्क्रीनिंग पर अद्भुत उत्साह देखने को मिला।

डीडीएलजे: दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे की स्क्रीनिंग में दर्शकों का हूटिंग और तालियों के साथ स्वागत हुआ। यह देखना मानो प्रेम का सागर JIFF में उमड़ पड़ा हो।

राजस्थान से श्रवण सागर की भड़खमा और हास्य और ऊर्जा का तड़का लगाती हसीथ गोली की ब्लॉकबस्टर तेलुगु कॉमेडी-ड्रामा स्वैग्ग को दर्शकों ने खूब पसंद किया।

 

राजस्थान की कला और संस्कृति को बढ़ावा*

फेस्टिवल ने न केवल सिनेमा को बल्कि राजस्थान की कला, संस्कृति और पर्यटन को भी वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया। JIFF के कारण राज्य सरकार को लाखों रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, वहीं INOX के आसपास के सभी होटल अंतरराष्ट्रीय डेलीगेट्स से भर गए। यह आयोजन स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए भी एक बड़ा प्रोत्साहन साबित हुआ।

 

जिफ में पाकिस्तानी फिल्म का अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर*

जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवलका के अंतिम दिन आज पाकिस्तानी सिन्धी फिल्म ‘सिंधु जी गूंज’ का विश्व प्रीमियर हुआ। पाकिस्तान में 26 साल बाद बनी किसी सिन्धी फिल्म का यह अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर जिफ की आठवीं स्क्रीन राजस्थान प्रौढ़ शिक्षण समिति के परदे पर हुआ।

 

राहुल एजाज द्वारा निर्मित यह फिल्म ऋत्विक घटक तथा प्रयोगवादी मणि कौल तथा कुमार साहनी की सिनेमा शैली की याद दिलाती है। एजाज का कहना है कि सिंधु नदी जो सिंधी संस्कृति का “प्रमुख प्रतीक” रही है इस फिल्म के लिए प्रेरणास्रोत रही है। यह फिल्म सिंधु नदी पर, उसके पार और उसके आसपास की पांच कहानियों के माध्यम से मनुष्यों और सिंधु नदी के बीच के संबंधों की खोज करती है।

 

पाकिस्तान में पहली सिंधी फिल्म ‘उमर मारवी’ 1956 में रिलीज़ हुई थी और आखिरी सिंधी फिल्म थी ‘हिम्मत’ जो 1997 में रिलीज़ हुई थी। तब से, केवल कुछ सिंधी टेलीफिल्म और लघु फिल्में बनाई गई हैं, लेकिन कोई भी सिंधी फीचर फिल्म, वहां नहीं बनी।

फिल्म के दर्शकों में बड़ी संख्या में प्रमुख सिन्धी गण उपस्थित थे। सिनेमा ऑन व्हील्स पर 25 फिल्मों को एक नए अंदाज में दर्शकों ने खूब एंजॉय किया।

 

सिनेमा ऑन व्हील्स का अनोखा अनुभव*

सिनेमा ऑन व्हील्स के तहत 25 फिल्मों की अनूठी स्क्रीनिंग ने दर्शकों को एक नए अंदाज में सिनेमा का आनंद लेने का अवसर दिया।

 

जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (JIFF) में स्विस फिल्म निर्माता ने “द स्पिरिचुअलाइजेशन ऑफ जेफ बॉयड” पर चर्चा की

स्विस फिल्म निर्माता उवे श्वार्ज़वाल्डर ने जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के 17वें संस्करण में अपनी नवीनतम फिल्म “द स्पिरिचुअलाइजेशन ऑफ जेफ बॉयड” पर गहन चर्चा की। उन्होंने फेस्टिवल की प्रगति, पेशेवर दृष्टिकोण और भारतीय सिनेमा की प्रभावशाली उपस्थिति की सराहना की।

फिल्म एक मानसिक अस्पताल से भागे एक परेशान व्यक्ति की कहानी को उजागर करती है, जो आध्यात्मिक जागृति की खोज में निकलता है। उसकी यात्रा उसे एक बेकरी से बाल्कन पहाड़ों तक ले जाती है और अंततः भारत पहुंचाती है, जहां वह एक गुरु से मिलता है। श्वार्ज़वाल्डर ने बताया कि यह कहानी वास्तविक जीवन के अनुभवों से प्रेरित है और यह सांस्कृतिक सीमाओं से परे जाती है।

यह फिल्म भारत के विभिन्न स्थानों, जैसे आगरा और एक रेगिस्तानी आश्रम (जो अनाथ बच्चों के लिए है), में शूट की गई है। निर्देशक ने कहा कि भारत को “आध्यात्मिकता की मां” के रूप में दिखाने के लिए फिल्म का परिदृश्य तैयार किया गया।

श्वार्ज़वाल्डर ने भारतीय सिनेमा की वैश्विक क्षमता की भी प्रशंसा की और यूरोप व अमेरिका में भारतीय फिल्मों के बढ़ते वितरण की आवश्यकता पर जोर दिया।

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