Home Finance केंद्रीय बजट 2025-26 पर उद्योग जगत की प्रतिक्रिया

केंद्रीय बजट 2025-26 पर उद्योग जगत की प्रतिक्रिया

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नई दिल्ली,, दिव्यराष्ट्र/ केंद्रीय बजट 2025-26 पर उद्योग जगत की प्रतिक्रिया देते हुए जीजेईपीसी के अध्यक्ष, विपुल शाह ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया केंद्रीय बजट 2025 – 26 विकसित भारत के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बजट सुधार देश की घरेलू क्षमता को भुनाने में मदद करेंगे और दुनिया में जारी अनिश्चितताओं के बीच देश को व्यापार की एक नई राह दिखाने में उपयोगी साबित होगा। निर्यात को विकास का चौथा इंजन के रूप में मान्यता और नए एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन का जीजेईपीसी स्वागत करता है, यह केंद्रीय कॉमर्स फाइनेंस और एमएसएमई मंत्रालयों के साझा प्रयासों से संचालित होगा। यह एक्सपोर्ट क्रेडिट के लिए आसान पहुंच और एमएसएमई को निर्यात में गैर-टैरिफ बाधाओं से निपटने में मदद करेगा। जीजेईपीसी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, ‘भारत ट्रेड नेट’ का स्वागत करता है, जिसे कारोबारी दस्तावेज और वित्तपोषण समाधान के लिए एकीकृत मंच के रूप में स्थापित किया जाएगा। सरकार ने कस्टम ड्यूटी और अन्य करों में स्थिरता बनाए रखी है, जिससे व्यापार करना आसान होगा। प्लेटिनम फाइंडिंग्स (7113) पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 25% से घटाकर 5% करने से ग्राहकों के लिए यह अधिक किफायती होगा और आभूषणों की बिक्री में वृद्धि होगी।”

बजट पर टिप्पणी करते हुए, गोदरेज कैपिटल के एमडी और सीईओ मनीष शाह ने कहा कि “”हाल के बजट उपायों ने एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की है, जो भारत की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। क्रेडिट गारंटी बढ़ाने और वर्गीकरण सीमा बढ़ाने से, ये सुधार छोटे व्यवसायों के लिए नए अवसरों को खोलेंगे, जिससे उन्हें अधिक वित्तीय लचीलेपन के साथ परिचालन बढ़ाने में मदद मिलेगी। एनबीएफसी और एचएफसी यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे कि ये लाभ एमएसएमई तक कुशलतापूर्वक पहुँचें, क्रेडिट अंतराल को पाटें और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दें। महिला उद्यमिता की ओर विशेष ध्यान दिया जाना सराहनीय है। वंचित समुदायों से पहली बार महिला उद्यमियों के लिए एक समर्पित योजना की शुरूआत एक बड़ा बदलाव है, जो समावेशी विकास और वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देती है। इसके अतिरिक्त, उच्च प्रदर्शन करने वाले एमएसएमई निर्यातकों को सावधि ऋण प्रदान करने से प्रतिस्पर्धा और वैश्विक विस्तार को बढ़ावा मिलेगा।”

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