ग्लोबल एक्सपर्ट्स ने एआई-लीड वर्ल्ड में नई रोबोटिक सर्जरी तकनीकों पर चर्चा की
जयपुर, दिव्यराष्ट्र/ रोबोटिक सर्जरी को बढ़ावा देने वाले वट्टीकुटी फाउंडेशन ने जयपुर में दो दिवसीय “ह्यूमन्स एट द कटिंग एज ऑफ रोबोटिक सर्जरी” कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया, जिसमें दुनियाभर से 200 से अधिक रोबोटिक सर्जन, टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट और हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स शामिल हुए। इस कॉन्फ्रेंस में ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, फ्रांस, भारत, इटली, जापान, स्पेन, यूके और यूएसए के टॉप सर्जन एआई-ड्रिवन सर्जिकल एडवांसमेंट्स, डिजिटल पेशेंट एक्सपीरियंस और जटिल ऑपरेशन में रोबोटिक्स की भूमिका पर चर्चा कर रहे हैं।
टेक्नोलॉजी और एआई का योगदान
14 फरवरी को, रॉयल मेलबर्न हॉस्पिटल, ऑस्ट्रेलिया के डॉ. एंथनी कॉस्टेलो द्वारा मॉडरेट किए गए टेक्नोलॉजी सेशन में एआई, डिजिटल सर्जरी और भविष्य की सर्जिकल ट्रेनिंग पर चर्चा की गई। इसके बाद के सेशंस में एआई की मदद से सर्जरी के रिजल्ट का अनुमान लगाने, 3डी-ऑगमेंटेड रियलिटी और बायोडिजिटल ट्विन्स पर गहराई से बातचीत हुई।
सेडार्स-सिनाई मेडिकल सेंटर, पोलितेक्निको दी मिलानो और क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के एक्सपर्ट्स ने सर्जरी में एआई और डेटा साइंस के जरिए प्रिसीजन और मरीजों की देखभाल को बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा की।
“डेटा साइंस के जरिए सर्जरी में क्रांति” सेशन में एआई-ड्रिवन इनसाइट्स और नेक्स्ट-जेनरेशन क्लिनिकल मॉडल्स पर बात हुई। यह सेशन सैन लुइगी गोंज़ागा हॉस्पिटल, इटली के डॉ. फ्रांसेस्को पोर्पिग्लिया और सेडार्स-सिनाई मेडिकल सेंटर के डॉ. एंड्रयू हंग ने होस्ट किया, जिसमें एआई की हेल्प से बेहतर मेडिकल डिसीजन लेने की संभावनाओं को समझाया गया।
वट्टीकुटी फाउंडेशन के सीईओ डॉ. महेंद्र भंडारी ने कहा, “रोबोटिक सर्जरी सिर्फ एक टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि हेल्थकेयर में एक बड़ा बदलाव है। एआई, रियल-टाइम ऑगमेंटेड रियलिटी और डेटा-बेस्ड डिसीजन मेकिंग की मदद से सर्जरी को ज्यादा सुरक्षित और एफिशिएंट बनाया जा रहा है। इस कॉन्फ्रेंस की चर्चा से यह साफ है कि दुनिया अब एआई-असिस्टेड सर्जिकल प्रिसीजन और एक्सेसिबिलिटी की तरफ तेजी से बढ़ रही है।”
इनोवेशन और एजुकेशन पर फोकस
वट्टीकुटी एक्सप्लोरर्स, जो आठ देशों के 20 मेडिकल स्टूडेंट्स का एक ग्रुप है, इस कॉन्फ्रेंस में खास लर्निंग एक्सपीरियंस का हिस्सा बन रहे हैं। उनके “इनोवेटर्स चैलेंज” सेशन में एआई-ड्रिवन तरीकों से मेडिकल एजुकेशन को बेहतर बनाने के इनोवेटिव आइडियाज पर चर्चा हुई।
क्लिनिकल एप्लीकेशंस और रोबोटिक सर्जरी
15 फरवरी को कॉन्फ्रेंस में क्लिनिकल एप्लीकेशंस पर फोकस किया जाएगा। दिन की शुरुआत यूरिनरी ब्लैडर सर्जरी के सेशन से होगी, जिसे मेदांता हॉस्पिटल और कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल के एक्सपर्ट्स मॉडरेट करेंगे।
इसमें बॉवेल सर्जरी, थोरेसिक, गायनोकोलॉजिकल और हेपेटो-पैंक्रियाटो-बिलियरी सर्जरी में रोबोटिक्स के इस्तेमाल पर बात होगी। बच्चों में रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांटेशन और रोबोट-असिस्टेड ट्रांसवेसिकल प्रोस्टेटेक्टोमी जैसी एडवांस तकनीकों को भी हाईलाइट किया जाएगा।
एमोरी यूनिवर्सिटी, मेयो क्लिनिक और ओआरएसआई एकेडमी जैसे टॉप इंटरनेशनल मेडिकल इंस्टीट्यूट्स के सर्जन पीजीआईएमईआर, जेआईपीएमईआर, मैक्स, एस्टर, रूबी हॉल और मणिपाल हॉस्पिटल्स के इंडियन एक्सपर्ट्स के साथ अपने एक्सपीरियंस और रिसर्च शेयर करेंगे।
“मैक्सिमली इनवेसिव सर्जरी, मिनिमली इनवेसिव वे” सेशन इस कॉन्फ्रेंस का सबसे इम्पोर्टेंट हाइलाइट होगा, जिसमें रोबोटिक पेल्विक सर्जरी की नई टेक्नोलॉजीज को पेश किया जाएगा। इस इवेंट का समापन रोबोटिक सर्जरी, सर्जिकल डेटा साइंस और भविष्य की एडवांसमेंट्स पर चर्चा के साथ होगा।
मेडटेक इंडस्ट्री के बड़े प्लेयर्स, जैसे कि मेडट्रोनिक और सीएमआर सर्जिकल, रोबोटिक्स-ड्रिवन सर्जिकल एडवांसमेंट्स पर अपनी प्रेजेंटेशन देंगे।
वट्टीकुटी फाउंडेशन के बारे में
1997 में राज और पद्मा वट्टीकुटी द्वारा स्थापित, वट्टीकुटी फाउंडेशन रोबोटिक सर्जरी को ग्लोबल लेवल पर प्रमोट करने वाला एक प्रमुख संस्थान है।
रोबोटिक सर्जरी के फायदे हैं – छोटे चीरे, कम ब्लड लॉस और तेज रिकवरी। 2010 से, फाउंडेशन ने भारत के 200 से ज्यादा अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी को अपनाने में मदद की है और 500 से अधिक सर्जनों को ट्रेन किया है।
डॉ. महेंद्र भंडारी, जो वट्टीकुटी फाउंडेशन के सीईओ और हेनरी फोर्ड हॉस्पिटल, मिशिगन के वट्टीकुटी यूरोलॉजी इंस्टीट्यूट में रोबोटिक रिसर्च के डायरेक्टर हैं, उनके लीडरशिप में यह संस्थान लगातार ग्रो कर रहा है।
वट्टीकुटी यूरोलॉजी इंस्टीट्यूट की रोबोटिक सर्जरी, खासकर यूरोलॉजी में, ग्लोबली “गोल्ड स्टैंडर्ड” मानी जाती है।