
दिव्यराष्ट्र, मुंबई: भारत के सबसे बड़े प्राइवेट सेक्टर बैंक, एचडीएफसी बैंक ने आज अपनी पहली स्टैंडअलोन सालाना सीएसआर रिपोर्ट जारी करने की घोषणा की, जिसमें बैंक के अंब्रेला प्रोग्राम, परिवर्तन के ज़रिए सामाजिक प्रभाव की एक दशक लंबे सफर को दिखाया गया है। बैंक ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में अपने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) पहलों पर 1,068.03 करोड़ रुपए खर्च करने की रिपोर्ट पेश की है, जो पिछले साल की तुलना में लगभग 123 करोड़ रुपए ज़्यादा है। बैंक ने सीएसआर कार्यक्रमों में कुल मिलाकर, 31 मार्च, 2025 तक, 6,176 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
एचडीएफसी बैंक के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर श्री कैजाद भरूचा ने कहा, “एचडीएफसी बैंक में, हमारा मानना है कि सार्थक बदलाव सुनने, सीखने और समुदायों के साथ पार्टनरशिप में काम करने से आता है। परिवर्तन लोगों और संस्थानों को उनकी क्षमता को अनलॉक करने और बेहतर भविष्य बनाने में मदद करने में एक छोटी भूमिका निभाने के हमारे लगातार प्रयास को दिखाता है। पिछले दस सालों में, परिवर्तन के तहत हमारे प्रयासों को इस सोच से गाइड किया गया है कि विकास समावेशी, स्थानीय रूप से प्रासंगिक और भविष्य पर केंद्रित होना चाहिए।”
पिछले वित्तीय वर्ष में परिवर्तन के 10 साल भी पूरे हुए, जिसके तहत एचडीएफसी बैंक ने 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में 10.56 करोड़ लोगों के जीवन को छुआ है। भारत सरकार द्वारा पहचाने गए 112 एस्पिरेशनल जिलों में से 102 में प्रोजेक्ट लागू किए गए हैं। बैंक ने अपनी ग्रामीण विकास पहलों के तहत 298 सीमावर्ती गांवों को भी कवर किया है।



